RG Kar Medical Murder-Rape Case: आरजी कर मेडिकल मर्डर-रेप केस में 87 दिनों के बाद आरोपी संजय रॉय के खिलाफ सियालदह कोर्ट में आरोप तय किए गए हैं. कोर्ट ने मामले की रोजाना सुनवाई 11 नवंबर से करने का फैसला लिया है. वहीं, दूसरी तरफ अलीपुर स्थित विशेष सीबीआई कोर्ट में एक अलग आर्थिक भ्रष्टाचार के मामले की सुनवाई खत्म हो गई है. इस मामले में सीबीआई ने एक गहरी साजिश की थ्योरी पेश की है. सीबीआई का दावा है कि ‘मां तारा ट्रेडर्स’ ने न केवल आरजी कर मेडिकल कॉलेज बल्कि कई अन्य अस्पतालों में भी उपकरणों की सप्लाई की है.
गिरफ्तार किए गए बिप्लब सिंह के वकील और ‘मां तारा ट्रेडर्स’ के प्रमुख ने सीबीआई पर उन्हें जानबूझकर फंसाने का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि वे मर्डर-रेप केस में किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने में असमर्थ रहे हैं, इसीलिए वे भ्रष्टाचार के मामले पर जोर दे रहे हैं.
करप्शन केस पर सीबीआई दे रही जोर
सीबीआई के एक वकील ने सोमवार यानी 4 नवंबर को कहा, ”हमें कुछ सबूत मिले हैं, जिससे पता चलता है कि ये दोनों (संदीप घोष और अभिजीत मंडल) घटना के बाद एक-दूसरे के संपर्क में थे. केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि इस बात की जांच चल रही है कि घटना को क्यों छुपाया जा रहा है.
आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल को क्लीन चिट?
अदालत में सीबीआई ने कहा, हमने आरोप पत्र में यह नहीं कहा कि सिविक वॉलंटियर अकेले शामिल था. उसके जैविक साक्ष्य मिल गए हैं, इसलिए इंडियन प्रोटेक्शन ऑफ जस्टिस एक्ट के तहत 60 दिन के अंदर आरोप पत्र दाखिल किया गया है. कोई साजिश थी या नहीं, इसकी जांच की जा रही है. सीबीआई अभी संदीप घोष और अभिजीत मंडल को क्लीन चिट नहीं दे रही है.
(सुब्रत मुखर्जी के इनपुट के साथ)
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