Share Market Knowledge: शेयर बाजार में अक्सर तेजी और मंदी दर्शाने के लिए बुल और बेयर यानी सांड व भालू की तस्वीरों का इस्तेमाल किया जाता है. क्या आप जानते हैं ऐसा क्यों किया जाता है और इसके पीछे क्या लॉजिक है. शेयर बाजार में बुल और बेयर के कॉन्सेप्ट को अमेरिकी बाजार में इस्तेमाल किया जाता रहा और वहीं से यह विचार दुनिया के अन्य शेयर मार्केट में आया. आइये आपको बताते हैं आखिर शेयर बाजार में सांड और भालू को तेजी और मंदी का प्रतीक क्यों माना गया है.
बाजार में कैसे आए सांड और भालू
शेयर बाजार में “सांड” और “भालू” की तस्वीरों का इस्तेमाल जानवरों के हमले के आधार पर बाजार की स्थितियों का बताने के लिए किया जाता है. दरअसल, जब भी सांड हमला करता है तो अपने सींगों का इस्तेमाल करता है और इससे ऊपर की ओर फेंकता है, ऐसे में यह स्थिति बाजार में बढ़ती कीमतों का प्रतीक मानी गई.
वहीं, जब भालू किसी पर हमला करता है तो अपने पंजे का इस्तेमाल करता है और पंजे को ऊपर से नीचे की ओर मारता है. ऐसे में हमले में नीचे की ओर गिराने की स्थिति को बाजार में मंदी का प्रतीक माना गया है.
क्या है बुल और बेयर मार्केट
शेयर बाजार नियामक SEBI की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, “बुल मार्केट” और “बेयर मार्केट” शब्दों का उपयोग इक्विटी मार्केट के विभिन्न रुझानों को दर्शाने के लिए किया जाता है.
बुल मार्केट: यह एक ऐसा चरण होता है जब स्टॉक की कीमतें बढ़ रही होती हैं और निवेशक बाजार को लेकर आशावादी होते हैं. ऐसी स्थिति में अनुमान लगाया जाता है कि अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है. बुल मार्केट में स्टॉक की कीमतें ऊंची होती हैं और निवेशक अच्छा पैसा कमाते हैं.
बेयर मार्केट: यह बाजार में मंदी का चरण होता है जब शेयर की कीमतें गिर रही होती हैं और निवेशकों का नजरिया नकारात्मक होता है. ऐसी स्थिति में अर्थव्यवस्था के कमज़ोर होने का अनुमान लगाया जाता है. बेयर मार्केट, भू-राजनीतिक तनाव है, या प्राकृतिक आपदाएँ के कारण भी आ सकता है.
Tags: Business news, Multibagger stock, Stock market todayFIRST PUBLISHED : November 3, 2024, 20:22 IST
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