Last Updated:July 21, 2025, 11:00 ISTअमेरिकी ट्रेडिंग कंपनी जेन स्ट्रीट (Jane Street) को भारत में फिर से ट्रेडिंग की अनुमति मिल गई है. सेबी ने 4,844 करोड़ रुपये की अवैध कमाई जमा कराने के बाद पाबंदी हटाई है. कंपनी पर निफ्टी और बैंक निफ्टी ऑप्शन में…और पढ़ेंजेन स्ट्रीट की डेस्क.हाइलाइट्सजेन स्ट्रीट को भारत में फिर से ट्रेडिंग की अनुमति मिली.सेबी के आदेश पर 4,844 करोड़ रुपये जमा किए गए.कंपनी की गतिविधियों पर अब सख्त निगरानी रखी जाएगी.नई दिल्ली. अमेरिका की बड़ी ट्रेडिंग कंपनी जेन स्ट्रीट (Jane Street) को अब भारत के शेयर बाजार में फिर से ट्रेडिंग की परमिशन मिल गई है. कंपनी द्वारा भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के आदेश पर 4,844 करोड़ रुपये की अवैध कमाई को जमा कराने के बाद उसे परमिशन मिली है. सेबी ने 3 जुलाई को अपने अंतरिम आदेश में साफ कहा था कि अगर जेन स्ट्रीट तय समयसीमा के अंदर यह रकम जमा कर देती है, तो उस पर लगी पाबंदी हटा दी जाएगी. इकॉनमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सेबी ने कंपनी को ईमेल के जरिए सूचित कर दिया है कि वह भारतीय शेयर बाजार में दोबारा कारोबार कर सकती है.
जेन स्ट्रीट पर क्यों की गई थी कार्रवाई?
जेन स्ट्रीट पर यह कार्रवाई इसलिए की गई थी, क्योंकि सेबी को शक था कि कंपनी ने भारत के डेरिवेटिव मार्केट में बड़े पैमाने पर हेरफेर की थी. खासकर निफ्टी और बैंक निफ्टी जैसे इंडेक्स के ऑप्शन में हेरफेर की थी. सेबी की जांच में सामने आया कि कंपनी ने जनवरी 2023 से मार्च 2025 के बीच कुल 36,502 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था, जिसमें से 43,289 करोड़ रुपये सिर्फ इंडेक्स ऑप्शन से आए, जबकि कैश और फ्यूचर्स से 7,687 करोड़ का नुकसान हुआ था. सेबी ने इस मुनाफे में से 4,840 करोड़ को गैर-कानूनी लाभ मानते हुए उसे फ्रीज करने का आदेश दिया.
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सेबी की जांच में यह भी पाया गया कि जेन स्ट्रीट ने कई बार एक्सपायरी वाले दिनों पर इंडेक्स को ऊपर-नीचे करने के लिए जानबूझकर बड़े सौदे किए. उदाहरण के तौर पर, 17 जनवरी 2024 को कंपनी ने सुबह में बैंक निफ्टी के शेयर और फ्यूचर्स 4,370 करोड़ में खरीदे, ताकि इंडेक्स ऊपर जाए, और फिर दोपहर में उन्हीं सौदों को बेचकर बाजार को गिराया गया, जिससे उसे ऑप्शन ट्रेड में 734.93 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था.
पूरे सिस्टम के लिए खतरा थी जेन स्ट्रीट की ट्रेडिंग
रिपोर्ट के मुताबिक, सेबी को यह भी पता चला कि कंपनी ने रिलायंस, टीसीएस, एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, और इंफोसिस जैसे 40 से ज्यादा बड़े शेयरों में अग्रेसिव ट्रेडिंग की. इन गतिविधियों से बाजार के खुदरा निवेशकों को गलत संकेत मिले, जिससे उन्होंने नुकसान झेला. सेबी ने कहा कि जेन स्ट्रीट की ट्रेडिंग रणनीति न सिर्फ हेरफेर वाली थी, बल्कि इससे पूरे वित्तीय सिस्टम को खतरा भी था. कंपनी को पहले फरवरी 2025 में एनएसई की ओर से चेतावनी दी गई थी, लेकिन फिर भी उसने अपनी वही गलत रणनीति जारी रखी.
अब जब कंपनी ने सेबी के निर्देशों का पालन करते हुए पैसे जमा कर दिए हैं, तो उसे भारत में फिर से ट्रेडिंग की अनुमति मिल गई है. हालांकि, अब उस पर सख्त निगरानी रखी जाएगी. एक्सचेंजों को कहा गया है कि वे कंपनी की हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रखें, ताकि फिर से कोई गड़बड़ी न हो.
Malkhan Singhमलखान सिंह पिछले 17 वर्षों से ख़बरों और कॉन्टेंट की दुनिया में हैं. प्रिंट मीडिया से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई नामी संस्थानों का नाम प्रोफाइल में जुड़ा है. लगभग 4 साल से News18Hindi के साथ काम कर रहे …और पढ़ेंमलखान सिंह पिछले 17 वर्षों से ख़बरों और कॉन्टेंट की दुनिया में हैं. प्रिंट मीडिया से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई नामी संस्थानों का नाम प्रोफाइल में जुड़ा है. लगभग 4 साल से News18Hindi के साथ काम कर रहे … और पढ़ेंLocation :New Delhi,New Delhi,Delhihomebusinessऑप्शन ट्रेड्ररों कों ‘लूटने वाली’ जेन स्ट्रीट को फिर मिली ट्रेडिंग की परमिशन
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