How to Prevent Knee Grese: हमारे शरीर में सबसे ज्यादा काम करने वाले हिस्सों में से एक हैं घुटने. चलना, उठना, बैठना, सीढ़ियां चढ़ना, हर गतिविधि में घुटनों का अहम रोल होता है. लेकिन उम्र बढ़ने और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण कई बार घुटनों की ग्रीस, यानी उसमें मौजूद नेचुरल लुब्रिकेशन, धीरे-धीरे कम होने लगता है. इसका नतीजा ये होता है कि, घुटनों में दर्द, अकड़न और चलने में तकलीफ होने लगती है.
डॉ. राजीव रंजन बताते हैं कि, घुटनों की ग्रीस खत्म होने का सबसे बड़ा कारण है कार्टिलेज का घिसना और सिनोवियल फ्लूइड का कम होना है. लेकिन अगर सही समय पर ध्यान दिया जाए, तो घुटनों की सेहत को काफी हद तक बरकरार रखा जा सकता है.
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घुटनों की ग्रीस क्यों खत्म होती है?
उम्र बढ़ना
40 की उम्र के बाद शरीर में प्राकृतिक लुब्रिकेशन की मात्रा घटने लगती है, जिससे जोड़ों में सूखापन और दर्द बढ़ता है.
ओवरवेट और मोटापा
शरीर का ज्यादा भार घुटनों पर सीधा असर डालता है, जिससे कार्टिलेज जल्दी घिसता है.
व्यायाम की कमी
नियमित मूवमेंट की कमी से सिनोवियल फ्लूइड कम बनता है, जो घुटनों को चिकनाई प्रदान करता है.
गलत खानपान
कैल्शियम, विटामिन डी और ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी से हड्डियां और जोड़ कमजोर होते हैं.
चोट या पुरानी इंजरी
घुटनों में लगी पुरानी चोट या आर्थराइटिस की समस्या भी लुब्रिकेशन घटने का कारण बन सकती है.
घुटनों की ग्रीस को बचाने और बढ़ाने के उपाय
ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन करें
मछली, अलसी के बीज, अखरोट जैसे फूड्स घुटनों में लुब्रिकेशन को बनाए रखने में मदद करते हैं.
हल्का व्यायाम करें
वॉकिंग, साइकलिंग और योग जैसे हल्के व्यायाम घुटनों में फ्लूइड सर्कुलेशन को सुधारते हैं.
वजन नियंत्रित रखें
शरीर का वजन नियंत्रित रखने से घुटनों पर कम प्रेशर पड़ता है.
कैल्शियम और विटामिन डी लें
दूध, पनीर, सूरज की रोशनी और सप्लीमेंट से इन पोषक तत्वों की पूर्ति करें.
गरम तेल से मालिश करें
सरसों या नारियल के तेल से हल्के हाथों से मसाज करने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और जोड़ लुब्रिकेटेड रहते हैं.
घुटनों की ग्रीस खत्म होना कोई अचानक होने वाली प्रक्रिया नहीं है, बल्कि ये धीरे-धीरे होता है. समय रहते सही खानपान, व्यायाम और देखभाल से आप अपने घुटनों को मजबूत और लचीला बनाए रख सकते हैं. याद रखें, चलना फिरना तभी मुमकिन है, जब घुटने साथ दें.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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