कुछ समय से बड़े शहरों की पॉश रेजिडेंशियल सोसायटियों में एक नया ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है. फ्लैट्स को लोग कुछ समय के लिए या कुछ दिनों के लिए किराये पर दे देते हैं. Airbnb जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर लोग इन घरों को बुक कर लेते हैं, खासकर तब जब शहर में होटल्स की कमी हो या कोई काम से शहर आया हो. लेकिन अब ये ट्रेंड प्रशासन और स्थानीय लोगों के लिए चिंता का कारण बनता जा रहा है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अफसरों ने इसे न सिर्फ कानून का उल्लंघन बताया है, बल्कि उन्होंने सोसायटी की शांति और सुरक्षा भी खतरे में पड़ने की बात पर भी जोर दिया है.
सोसायटी की सुरक्षा पर खड़ा हो रहा सवाल
दरअसल, कई जगह शिकायतें सामने आई हैं कि इन फ्लैट्स में देर रात तक तेज म्यूजिक वाली पार्टियां होती हैं, शराब परोसी जाती है और कभी-कभी नशे की चीजों का इस्तेमाल भी होता है. कुछ फ्लैट्स तो बिना किसी रजिस्ट्रेशन के मिनी पार्टी हॉल या गेस्टहाउस की तरह इस्तेमाल हो रहे हैं.
सराय एक्ट का करना होगा पालन
इस मामले को लेकर हाल ही में डीएम मनीष वर्मा ने एक बैठक की और पुलिस, आबकारी विभाग और दूसरी एजेंसियों को ऐसे सभी फ्लैट्स की गहराई से जांच के निर्देश दिए. उन्होंने साफ कहा कि अगर कोई व्यक्ति अपने फ्लैट को एक-दो दिन के लिए किराए पर देता है, तो उसे ‘सराय एक्ट 1867’ का पालन करना होगा। इसके अलावा अगर शराब परोसी जा रही है, तो फ्लैट मालिक को ‘होम बार लाइसेंस’ लेना जरूरी है, जो यूपी आबकारी नियमों के तहत आता है.
सराय एक्ट का मकसद गेस्टहाउस जैसी जगहों पर ठहरने वालों को बुनियादी सुविधाएं देना और साफ-सफाई सुनिश्चित करना है. इसका उल्लंघन करने पर जुर्माना या लाइसेंस रद्द होने की कार्रवाई हो सकती है.
प्रशासन को इस बात की चिंता है कि Airbnb जैसे प्लेटफॉर्म्स पर बिना किसी रेगुलेशन के लोग फ्लैट्स को किराये पर देकर उन्हें पार्टी हब या गैरकानूनी गतिविधियों का अड्डा बना रहे हैं. एक्साइज अधिकारी सुबोध कुमार ने भी कहा कि कई फ्लैट्स अब मिनी होटल या क्लब की तरह चल रहे हैं, जो पूरी तरह से नियमों के खिलाफ है और कानून-व्यवस्था के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं.
ये शॉर्ट टर्म रेंटल फ्लैट्स आमतौर पर पूरी तरह से फर्निश होते हैं, जिनमें वाई-फाई, टीवी, बेड, सोफा और पार्किंग जैसी सुविधाएं होती हैं. एक रात का किराया 3,000 से 5,000 रुपये तक होता है. नोएडा फेडरेशन ऑफ अपार्टमेंट ओनर्स असोसिएशन (NOFAA) के अध्यक्ष राजीव सिंह का कहना है कि जिन सोसायटियों में RWA या AOA सक्रिय है, वहां शॉर्ट टर्म रेंट की इजाज़त नहीं है. उन्होंने कहा कि ऐसे फ्लैट्स सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं क्योंकि हर रोज़ नए लोग आते-जाते हैं, जिनका कोई पुलिस वेरिफिकेशन भी नहीं होता है.
बैठक में डीएम ने युवाओं को बताया कि नशा सिर्फ युवाओं को गुमराह नहीं कर रहा, बल्कि समाज की बुनियाद को भी कमजोर बना रहा है. इसलिए उन्होंने स्कूल, कॉलेज, हॉस्टल, पीजी और RWA के साथ मिलकर जागरूकता अभियान चलाने की बात कही है.
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