India’s 5 Most Dangerous Airports: आज से दो दिन पहले की ही बात है. दिल्ली से टेकऑफ होने वाली फ्लाइट पटना एयरपोर्ट पर लैंडिंग के दौरान रनवे पर टच डाउन प्वाइंट चूक गई. प्लेन, पैसेंजर और क्रू की सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए पायलट ने लैंडिंग एबॉट की और प्लेन एक बार फिर आसमान की तरफ बढ़ गया. इस घटना के बाद पटना एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई को लेकर सवाल एक बार फिर उठने लगे. कहा गया कि समय रहते पायलट ऐसा ना करता तो कोई भी बड़ा हादसा हो सकता था.
इस घटना ने बीते समय में हुए तमाम उन तमाम हादसों की याद दिला दी, जिसमें रनवे की छोटी लंबाई की वजह से सैकड़ों पैसेंजर्स ने अपनी जान गंवा दी. कहा तो यहां तक जाता है कि भारत में कुछ एयरपोर्ट ऐसे भी हैं, जहां पर हर लैंडिंग पर जान की बाजी लगती है. पायलट से छोटी सी चूक हुई तो काम तमाम होना निश्चित है. आइए आपको भारत के उन एयरपोर्ट्स के बारे में बताते हैं जहां पर लैंडिंग के दौरान पायलटों के दिल की धड़कन बढ़ जाती है और और हर उड़ान को एक रोमांचक चुनौती के तौर पर देखा जाता है.
सबसे ऊंचे एयरपोर्ट में एक है लेह एयरपोर्ट
करीब 10,682 फीट की ऊंचाई पर बना लेह का कुशोक बकुला रिमपोछे एयरपोर्ट दुनिया के सबसे ऊंचे एयरपोर्ट्स में से एक है. यहां चलने वाली तेज हवाएं प्लेन के परफॉर्मेंस को प्रभावित करतीं है. इस एयरपोर्ट पर लैंडिंग के लिए पायलट्स को खास कैलकुलेशन की जरूरत पड़ती है. हिमालय की चोटियों के बीच संकरी घाटियों से होकर उड़ान भरना और तेज दोपहरी हवाओं से बचना पायलटों के लिए काफी मुश्किल हो जाता है. शायद यही वजह है कि यहां पर केवल सुबह के समय ही फ्लाइट ऑपरेट होती हैं. लेह एयरपोर्ट के रनवे से टेकऑफ और लैंडिंग पायलट के लिए अनोखा रोमांच होता है.
समुद्र के बीच बना है लक्षद्वीप का अगत्ती एयरपोर्ट
लक्षद्वीप का अगत्ती एयरपोर्ट अरब सागर पर बना है. जहां आसमान से इस एयरपोर्ट को देखना पैसेंजर्स के लिए एक यादगार लम्हा होता है, वहीं पायलट्स के लिए इस एयरपोर्ट के रनवे पर प्लेन लैंड कराना किसी रोमांचक खेल की तरह होता है. महज 1,291 मीटर लंबे इस एयर स्ट्रिप के दोनों तरफ समुद्र है. अगर प्लेन रनवे से थोड़ा भी आगे निकला, तो वह सीधे पानी में जा सकता है. लगातार बदलती हवाएं, ज्वार-भाटा और सीमित जगह इस रवने को बेहद जोखिम भरा बनाते हैं. पायलटों को यहां मानसिक और तकनीकी रूप से तैयार रहना पड़ता है. समुद्र के बीच यह छोटा-सा एयरपोर्ट हर उड़ान को बेहद रोमांचक बना देता है.
केरल के कोझिकोड एयरपोर्ट का टेबल टॉप रनवेकोझिकोड एयरपोर्ट का रनवे एक टेबलटॉप है, जिसकी लंबाई महज 8,858 फीट है. इस रनवे के दोनों तरफ गहरी खाई है. लैंडिंग के दौरान पायलट्स को यहां आंखों के भ्रम से भी जूझना पड़ता है, जो सटीक लैंडिंग बेहद मुश्किल बना देता है. इतना ही नहीं, बारिश और तेज हवाएं इस रनवे पर लैंडिंग को बेहद जोखिम भरा बना देती हैं. यहां अगर पायलट थोड़ा भी चूक जाए, तो प्लेन रनवे से आगे निकल सकता है. 2020 में एयर इंडिया एक्सप्रेस का प्लेन भारी बारिश के चलते रनवे से फिसलकर खाई में गिर गया था, जिसमें 19 लोगों की जान चली गई थी.
यह भी पढ़ें: प्लेन क्रैश रिपोर्ट पर शुरू हुआ खेल… अमेरिकी मीडिया ने लिखी AI-171 की नई कहानी, तो मिला तगड़ा जवाब
मैंगलोर में क्रॉसविंड लैंडिंग को बनाती है मुश्किलकर्नाटक के मैंगलोर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का हाल कोझिकोड से अलग नहीं है. मैंगलोर एयरपोर्ट पर दो रनवे हैं, जिनमें पहले रनवे की लंबाई 2,450 मीटर (8,038 फीट) और दूसरे की लंबाई 1,600 मीटर (5,249 फीट) है. इन दोनों एयरपोर्ट की गिनती भी टेबलटॉप रनवे के तौर पर होती है. यहां पर हमेशा चलने वाली क्रॉसविंड पायलटों के लिए चुनौती की तरह हैं. 2010 में एयर इंडिया एक्सप्रेस का प्लेन रनवे से आगे निकलकर खाई में गिर गया था, जिसमें करीब 158 पैसेंजर और क्रू की मौत हो गई थी.
सिर्फ 1230 मीटर का है शिमला एयरपोर्ट का रनवेशिमला का जुब्बरहट्टी एयरपोर्ट करीब 5,072 फीट की ऊंचाई पर बना है. इस एयरपोर्ट का रनवे सिर्फ 1,230 मीटर लंबा है. इस रनवे की लंबाई सुरक्षित उड़ान के लिए जरूरी लंबाई से काफी कम है. लैंडिंग और टेकऑफ के दौरान आसपास की पहाड़ियां, तेज हवाएं और घना कोहरा पायलट के लिए हमेशा मुकिश्ल पैदा करती हैं. इस एयरपोर्ट से ऑपरेट होने वाले छोटे एयरक्राफ्ट के पायलट्स हर लैंडिंग के दौरान नई चुनौतियों का सामना करते हैं. यहां कोहरे और हवाओं के बीच सटीक लैंडिंग करना पायलटों की काबिलियत का असली इम्तिहान है.
stock market, share market, market update, trading news, trade news, nifty update,bank nifty, oxbig news, oxbig news network, hindi news, hindi news, business news, oxbig hindi news
English News