Last Updated:July 18, 2025, 19:28 IST
World News in Hindi: ड्रैगन RIC यानी रूस-भारत-चीन को रिवाइव करने के पक्ष में है. भारत ने इसे लेकर अबतक सधा हुआ रिसपान्स दिया है. ऐसे में अब अमेरिका की बेचैनी काफी ज्यादा बढ़ गई है. वो पहले ही BRICS को लेकर टे…और पढ़ें
भारत का रुख साफ है.
भारत-अमेरिका रिश्तों में तनाव
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि रूस-भारत-चीन (आरआईसी) त्रिपक्षीय वार्ता की बहाली तीनों देशों की आपसी सहमति और सुविधा पर निर्भर है. कोई बैठक अभी निर्धारित नहीं है. जयशंकर के बयान से वैश्विक कूटनीति में हलचल मच गई है. अमेरिका के पॉलिटिकल पंडित डेरेक जे. ग्रॉसमैन ने अपने एक्स पोस्ट में दावा किया कि यह कदम भारत के अमेरिका के साथ संबंधों में संभावित तनाव की ओर इशारा करता है. हालांकि, भारत ने स्पष्ट किया है कि आरआईसी की बहाली पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है और यह तीनों देशों की सहमति व सुविधा पर निर्भर करेगा.
आरआईसी की शुरुआत 1990 के दशक में रूस के पूर्व प्रधानमंत्री येवगेनी प्रिमाकोव ने की थी. इस संगठन का उद्देश्य अमेरिका और पश्चिमी देशों के एकध्रुवीय पावर सिस्टम को संतुलित करना था. साल 2020 में कोविड-19 और भारत-चीन सीमा विवाद के कारण यह मंच निष्क्रिय हो गया था. रूस और चीन अब इसको फिर से रिवाइव करने के पक्ष में हैं. हालांकि भारत ने सतर्क रुख अपनाया हुआ है.
क्या है भारत का स्टैंड
ग्रॉसमैन का यह दावा कि अमेरिका के साथ संबंधों को कमजोर करने की दिशा में भारत बढ़ रहा है. भारत की विदेश नीति मल्टी-एलाइनमेंट पर आधारित है. भारत अबतक पश्चिमी देशों, रूस और अन्य शक्तियों के साथ संतुलित संबंध बनाए रखने की रणनीति पर चलता आ रहा है. रूस यूक्रेन युद्ध के दौरान अमेरिका के दबाव के बावजूद भी भारत ने रूस का साथ नहीं छोड़ा था. हम अब भी रूस से कच्चा तेल खरीद रहे हैं.
BRICS से पहले ही परेशान हैं ट्रंप
एक तरफ भारत क्वाड जैसे पश्चिमी गठबंधनों में भी सक्रिय है, जिसे चीन उसके खिलाफ बनाया गया संगठन मानता है. वहीं, दूसरी तरफ अगर आरआईसी का फिर से जिंदा किया जाता है तो अमेरिका की नजर में यह एक ऐसा संगठन होगा, जो उसकी सत्ता को चुनौती देने वाला होगा. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही BRICS जैसे संगठन में भारत की मौजूदगी पर सवाल उठाते रहे हैं. इतना ही नहीं उन्होंने भारत सहित BRICS देशों पर अतिरिक्त ट्रैरिफ तक लगाने की बात कह दी है. ऐसे में अगर भारत RIC का हिस्सा बनता है तो अमेरिका की नींद हराम होना तय है.

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें
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