इस साल जून के महीने में देश में बेरोजगारी दर 5.6 प्रतिशत पर स्थिर रही है. मंगलवार (15 जुलाई, 2025) को जारी आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने इस साल मई में पहली बार मासिक आवधिक श्रमबल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) जारी किया था. इसके जरिये देश में नौकरियों के लिए पात्र लोगों में बेरोजगार लोगों के अनुपात की वास्तविक समय में निगरानी की कोशिश की गई है.
वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) में एकत्रित नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि मई और जून, 2025 के दौरान सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए बेरोजगारी दर 5.6 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रही, जो इस साल अप्रैल महीने के 5.1 प्रतिशत आंकड़े से थोड़ा अधिक है.
पुरुषों के बीच बेरोजगारी दर स्थिर
जून महीने में महिलाओं और पुरुषों के बीच बेरोजगारी दर राष्ट्रीय स्तर पर 5.6 प्रतिशत अपरिवर्तित रही. महिलाओं के लिए बेरोजगारी दर पिछले महीने घटकर 5.6 प्रतिशत पर गई, जबकि इस साल मई में यह 5.8 प्रतिशत थी. वहीं, 15-29 आयु वर्ग के लोगों में बेरोजगारी दर जून में बढ़कर 15.3 प्रतिशत हो गई, जो मई, 2025 में 15 प्रतिशत थी.
शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर जून में बढ़कर 18.8 प्रतिशत हो गई, जो मई में 17.9 प्रतिशत थी, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह जून महीने में 13.8 प्रतिशत हो गई, जो मई में 13.7 प्रतिशत थी. सीडब्ल्यूएस, सर्वेक्षण की तारीख से पहले के 7 दिन में निर्धारित गतिविधियों को दर्शाता है.
खुद का काम करने वाले श्रमिकों की हिस्सेदारी में बढ़त
इस सर्वेक्षण से पता चलता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए बेरोजगारी दर में कमी का कारण मई, 2025 की तुलना में खुद का काम करने वाले श्रमिकों की हिस्सेदारी में वृद्धि और बेरोजगार व्यक्तियों की संख्या में कमी है.
सर्वेक्षण के मुताबिक, 15-29 आयु वर्ग की महिलाओं में बेरोजगारी दर भी पिछले महीने बढ़कर 17.4 प्रतिशत हो गई, जबकि मई में यह 16.3 प्रतिशत थी, जिसमें ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्र शामिल हैं. शहरों में बेरोजगारी दर भी मई के 24.4 प्रतिशत से बढ़कर जून में 25.8 प्रतिशत हो गई और गांवों में मई के 13 प्रतिशत से बढ़कर पिछले महीने 13.7 प्रतिशत हो गई.
गांवों में बेरोजगारी दर में आई गिरावट
वहीं, 15-29 वर्ष की आयु के पुरुषों में बेरोजगारी दर मई के 14.5 प्रतिशत से बढ़कर जून में 14.7 प्रतिशत हो गई. शहरों में यह दर पिछले महीने के 15.8 प्रतिशत की तुलना में जून में बढ़कर 16.6 प्रतिशत हो गई, जबकि गांवों में बेरोजगारी दर जून के 14 प्रतिशत से घटकर 13.8 प्रतिशत हो गई.
आंकड़ों से पता चला है कि 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों में श्रमबल भागीदारी दर (एलएफपीआर) जून, 2025 के दौरान 54.2 प्रतिशत थी, जबकि मई, 2025 के दौरान यह 54.8 प्रतिशत थी. ग्रामीण क्षेत्रों में, 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों में एलएफपीआर 56.1 प्रतिशत थी और शहरी क्षेत्रों में उक्त आयु वर्ग में जून, 2025 के दौरान 50.4 प्रतिशत थी.
श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) में गिरावट का कारण
जून, 2025 के दौरान, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुषों के लिए सीडब्ल्यूएस में एलएफपीआर क्रमशः 78.1 प्रतिशत और 75.0 प्रतिशत था, जो मई, 2025 के दौरान ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए क्रमशः 78.3 प्रतिशत और 75.1 प्रतिशत था.
जून, 2025 में एलएफपीआर और श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) में मामूली गिरावट मुख्य रूप से मौसमी कृषि रुझान, भीषण गर्मी और कुछ अवैतनिक सहायकों के घरेलू कामों की ओर रुख करने से प्रभावित थी. रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि क्षेत्र में ग्रामीण महिला श्रमिकों की हिस्सेदारी मई के 70.2 प्रतिशत से घटकर जून, 2025 में 69.8 प्रतिशत रह गई.
सर्वेक्षण में कुल इतने लोगों ने लिया हिस्सा
श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) कुल जनसंख्या में कार्यरत लोगों के अनुपात को परिभाषित करता है. सर्वेक्षण में शामिल परिवारों की संख्या 89,493 थी, जिनमें ग्रामीण क्षेत्रों के 49,335 और शहरी क्षेत्रों के 40,158 परिवार शामिल हैं. वहीं सर्वेक्षण में कुल 3,80,538 लोगों ने हिस्सा लिया.
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