Last Updated:July 14, 2025, 12:23 ISTVIP on Sale : लगेज और बैग बनाने वाली कंपनी वीआईपी 54 साल बाद बिकने जा रही है. कंपनी का दुनिया के 45 देशों में कारोबार है और मार्केट कैप भी करीब 7 हजार करोड़ रुपये पहुंच गया है. ब्रांडेड बाजार में कंपनी की 50 फी…और पढ़ेंवीआईपी अपनी ज्यादातर हिस्सेदारी पीरामल को बेचने की तैयारी में है. हाइलाइट्सवीआईपी इंडस्ट्रीज 54 साल बाद बिकने जा रही है.मल्टीपल्स कंसोर्टियम को 32% हिस्सेदारी बेची जाएगी.वीआईपी का 45 देशों में 6,482 करोड़ रुपये का कारोबार है.नई दिल्ली. बैग, सूटकेस, ट्रोली बैग, ब्रीफकेस आदि बनाने वाली दिग्गज कंपनी वीआईपी इंडस्ट्रीज अपनी शुरुआत के 54 साल बाद अब बिकने जा रही है. कंपनी के प्रवर्तक दिलीप पीरामल और उनका परिवार अपनी 32 फीसदी हिस्सेदारी वैकल्पिक परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी मल्टीपल्स को बेचेंगे. मल्टीपल्स कंसोर्टियम यह सौदा पूरा करती है तो भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के अधिग्रहण नियमों के अनुसार, उसे खुले बाजार से 26 फीसदी हिस्सेदारी और हासिल करने का मौका मिल जाएगा.
दोनों कंपनियों के साझा बयान में कहा गया है कि दिलीप पीरामल और उनके परिवार ने कंपनी में 32 फीसदी तक हिस्सेदारी बेचने के लिए मल्टीपल्स कंसोर्टियम के साथ एक निर्णायक समझौता किया है. लेनदेन पूरा होने पर कंपनी का नियंत्रण मल्टीपल्स प्राइवेट इक्विटी को हस्तांतरित कर दिया जाएगा, जबकि दिलीप पीरामल और उनका परिवार कंपनी में शेयरधारक बने रहेंगे. सौदे की शर्तों के तहत कहा गया कि दिलीप पीरामल वीआईपी इंडस्ट्रीज के मानद चेयरमैन बने रहेंगे.
खुले बाजार में भी दी गई पेशकश
वीआईपी इंडस्ट्रीज ने अलग से शेयर बाजार को दी सूचना में मल्टीपल्स कंसोर्टियम की ओर से कंपनी के सार्वजनिक शेयरधारकों से 3.70 करोड़ शेयर खरीदने के लिए खुले प्रस्ताव के बारे में भी जानकारी दी. कंपनी ने बताया कि खुला प्रस्ताव 388 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर लाया जाएगा, जिसे सेबी (एसएएसटी) रेगुलेशन के नियम 8(2) के तहत निर्धारित किया गया है. इस घटनाक्रम पर वीआईपी के चेयरमैन दिलीप पीरामल ने कहा कि हम मल्टीपल्स कंसोर्टियम का कंपनी के साझेदार के रूप में स्वागत करते हैं. यह कंपनी की मजबूत विरासत को पुनर्जीवित करने और भारतीय ‘लगेज’ (बैग आदि) बाजार में अपनी पकड़ फिर से मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जहां कंपनी हाल के वर्षों में संघर्ष करती रही है.
1971 से कर रही कारोबारवीआईपी कंपनी की स्थापना साल 1971 में की गई थी. वीआईपी इंडस्ट्रीज एशिया की सबसे बड़ी और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी लगेज विनिर्माता कंपनी है. इसका मुख्यालय मुंबई में है और यह 45 देशों में कारोबार करती है, जहां इसके 10,000 से अधिक बिक्री केंद्र हैं. मल्टीपल्स अल्टरनेट एसेट मैनेजमेंट की संस्थापक, प्रबंध निदेशक एवं सीईओ रेणुका रामनाथ ने कहा कि मल्टीपल्स और वीआईपी दोनों ही इस मजबूत व्यवसाय को आगे बढ़ाने एवं विकास के अगले चरण की ओर बढ़ने को लेकर उत्साहित हैं.
इस कंपनी के कितने ब्रांडवीआईपी इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 6,481.78 करोड़ रुपये है. कंपनी की इस क्षेत्र की सैमसोनाइट और सफारी इंडस्ट्रीज के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा है. कंपनी के पास एरिस्टोक्रेट, वीआईपी, कार्लटन, स्काईबैग्स और कैप्रिस जैसे ब्रांड हैं. इसकी वित्तवर्ष 2023-24 में ‘ब्रांडेड लगेज’ बाजार में 50 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी थी. हालांकि, अब कंपनी को प्रतिद्वंद्वियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है और इसकी बाजार हिस्सेदारी धीरे-धीरे कम हो रही है. वित्तवर्ष 2024-25 में वीआईपी इंडस्ट्रीज का राजस्व 2,169.66 करोड़ रुपये था.Pramod Kumar Tiwariप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि…और पढ़ेंप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि… और पढ़ेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessबिकने जा रही 54 साल पुरानी कंपनी! 45 देशों में कारोबार, 50% बाजार पर कब्जा
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