सावन हिंदू धर्म का सबसे पवित्र महीना है, जोकि शिवजी को समर्पित होता है. सावन या श्रावण महीने की शुरुआत 11 जुलाई से हो चुकी है और 9 अगस्त 2025 तक रहेगा. सावन की शुरुआत होते ही शिवभक्तों में भक्ति, श्रद्धा और जोश देखने को मिलता है.
सावन में भारत में चारों तरफ ‘ऊं नम: शिवाय’ और ‘बम बम भोले’ की धुन सुनाई पड़ रही है और पूरा माहौल शिवमय हो चुका है. लेकिन ठीक ऐसा ही नजारा पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी सावन में देखने को मिलता है. पाकिस्तान के कुछ स्थानों में भी लोग शिवजी की भक्ति में डूबे नजर आते हैं. दरअसल सावन के मौके पर पाकिस्तान में स्थित शिव मंदिरों में लोग दूर-दूर से दर्शन, पूजन और जलाभिषेक के लिए पहुंचते हैं. कुछ मंदिर तो ऐसे हैं जोकि महाशिवरात्रि और सावन जैसे मौके पर ही खुलते हैं. आइये जानते हैं इन मदिरों के बारे में.
पाक के इन शिव मंदिरों में गूंजती है ‘बम बम भोले’ और ‘ऊं नम: शिवाय’ की धुन (Lord Shiva Temple in Pakistan)
सियालकोट पाकिस्तान का ऐतिहासिक शिव मंदिर- सियालकोट पाकिस्तान, भारत के बेहद करीब है. यहां भगवान शिव का ऐतिहासिक शिव मंदिर है. भारत-पाक विभाजन से पहले यह हिंदू समुदाय का प्रमुख धार्मिक स्थल हुआ करता था. आज भी सावन और महाशिवरात्रि जैसे अवसरों पर यहां बड़ी संख्या में भक्त शिवजी की पूजा-आराधना के लिए पहुंचते हैं. कहा जाता है कि इस मंदिर को सरदार तेजा सिंह ने बनवाया था, जोकि एक सिख धार्मिक सुधारक थे. हालांकि भारत-पाक विभाजन के बाद इस मंदिर को बंद कर दिया था और फिर 1992 में इसे ध्वस्त करने की भी कोशिश की गई. लेकिन 2015 में इसकी मरम्मत हुई और इसे दोबारा खोला गया.
कटासराज शिव मंदिर- पाकिस्तान के पंजाब में कटासराज शिव मंदिर को हिंदुओं का प्रमुख तीर्थस्थल माना जाता है. मान्यता है कि, जब सती ने हवन की अग्निकुंड में आत्मदाह किया था तब शिव की आंखों से दो बूंद आंसू यहीं टपके थे. एक बूंद आंसू कटास में सरोवर अमृत कुंड के नाम से प्रसिद्ध हुआ और दूसरा अजमेर में टपका, जहां पुष्कर राज तीर्थ स्थल बना. यह भी मान्यता है कि, कटासराज शिव मंदिर में बने कुंड के तट पर यक्ष और युधिष्ठिर का संवाद भी हुआ था.
कराची का रत्नेश्वर महादेव मंदिर- पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कराची में भी प्राचीन शिव मंदिर है. इसे रत्नेश्वर महादेव कहते हैं. इस मंदिर में भगवान शिव के अलावा अन्य हिंदू देवी-देवताओं की मूर्ति भी है. सावन के महीने में कराची और आस-पास के इलाके में रहने वाले हिंदू भक्त यहां प्रतिदिन जलाभिषेक और पूजन के लिए आते हैं.
उमरकोट शिव मंदिर- पाकिस्तान के सिंध प्रांत के उमरकोट में प्राचीन शिव मंदिर है. लगभग एक हजार साल पुराने इस मंदिर को विश्व प्रसिद्ध शिव मंदिर कहा जाता है. ऐतिहासिक स्रोतों के अनुसार, मंदिर का निर्माण 10वीं सदी में तब हुआ था जब भारत में खजुराहो का प्रसिद्ध मंदिर बना था.
मनसहेरा शिव मंदिर- पाकिस्तान के चित्ती गट्टी इलाके में स्थिक शिव मंदिर है, जिसे मनसहेरा शिव मंदिर कहते हैं. बताया जाता है कि मंदिर के गर्भगृह में करीब 2000 साल पुराना शिवलिंग स्थित है. यहां रोज पूजा तो नहीं होती लेकिन विशेष अवसरों पर शिवभक्तों का तांता लगा रहता है.
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