अब रोबोट भी महसूस कर सकेंगे छूने का एहसास! वैज्ञानिकों ने निकाला ये नया तरीका, जानें क्या है तक

Must Read

Robots Artificial Skin: विज्ञान की दुनिया में एक क्रांतिकारी खोज ने रोबोटिक्स को एक नई दिशा दे दी है. वैज्ञानिकों की एक टीम ने ऐसी Artificial Skin तैयार की है जो इंसानी त्वचा की तरह संवेदनाएं महसूस कर सकती है. इसका मतलब ये है कि अब रोबोट भी स्पर्श, तापमान और यहां तक कि दर्द जैसी अनुभूतियों को पहचान पाएंगे.
जिलेटिन से बनी है लचीली और संवेदनशील इलेक्ट्रॉनिक त्वचा
यह नई ‘इलेक्ट्रॉनिक स्किन’ एक खास जिलेटिन-बेस्ड पदार्थ से बनाई गई है जो लचीली होने के साथ-साथ विद्युत प्रवाह को भी सुगमता से संभालती है. जब इस त्वचा से इलेक्ट्रोड को जोड़ा जाता है, तो यह संपर्क बिंदुओं से गुजरने वाले संकेतों को पहचानती है जिससे यह तय किया जा सकता है कि कौन-सी संवेदना हुई—जैसे हल्का स्पर्श, गर्मी, या चोट. इस त्वचा में एक ही प्रकार का “मल्टी-मोडल” सेंसर इस्तेमाल किया गया है जो अलग-अलग तरह के बाहरी प्रभावों को समझने में सक्षम है.
कैसे काम करती है यह तकनीक?
यह त्वचा पहले अपने अंदर लगे सेंसरों के माध्यम से भौतिक जानकारी एकत्र करती है और फिर उसे इलेक्ट्रॉनिक संकेतों में बदल देती है. हालांकि, इस प्रक्रिया में कुछ तकनीकी चुनौतियाँ भी सामने आईं—जैसे कि अलग-अलग सेंसरों के संकेत एक-दूसरे के साथ हस्तक्षेप करने लगते हैं या त्वचा की नाजुक बनावट के कारण उसका जल्दी खराब होना.
इंसानी त्वचा जितनी नहीं, पर बाकी सभी से बेहतर
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) के रोबोटिक्स और एआई विशेषज्ञ थॉमस जॉर्ज थुरुथेल के अनुसार, “अभी यह तकनीक इंसानी त्वचा के बराबर नहीं है लेकिन फिलहाल यह बाकी सभी उपलब्ध विकल्पों से कहीं बेहतर है.”
हाथ के आकार में ढालकर किया गया परीक्षण
इस इलेक्ट्रॉनिक स्किन का परीक्षण करने के लिए वैज्ञानिकों ने एक गीले जिलेटिन-आधारित हाइड्रोजेल को इंसानी हाथ के आकार में ढाला और उस पर विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रोड लगाए. इसके बाद हाथ को कई तरह की संवेदनाओं के संपर्क में लाया गया—जैसे उंगली से हल्का स्पर्श, हीट गन से गर्म करना और चाकू से काटने की कोशिश.
इन परीक्षणों से मिले हर सिग्नल और डेटा को वैज्ञानिकों ने नोट किया. इस प्रक्रिया में 8.6 लाख से अधिक संवेदनशील पथों से लगभग 1.7 मिलियन डेटा पॉइंट्स एकत्र किए गए. इस विशाल डेटा सेट का उपयोग कर वैज्ञानिकों ने एक मशीन लर्निंग मॉडल तैयार किया जो स्पर्श को पहचान सकता है और इसे रोबोट सिस्टम में आसानी से जोड़ा जा सकता है.
भविष्य में कहां-कहां हो सकता है उपयोग?
यह शोध Science Robotics जर्नल में प्रकाशित हुआ है. वैज्ञानिकों का मानना है कि यह तकनीक भविष्य में कृत्रिम मानव अंगों (prosthetics) में इस्तेमाल की जा सकती है, जिससे यूज़र्स को असली स्पर्श का अनुभव मिल सकेगा. इसके अलावा, यह तकनीक ऑटोमोबाइल सेक्टर और आपदा राहत अभियानों में भी बड़ी भूमिका निभा सकती है जहां स्पर्श की संवेदनशीलता से फैसले लेना आसान हो जाएगा.

तुर्किए में एर्दोगन पर टिप्पणी करना पड़ा महंगा, X का AI चैटबॉट Grok बैन!

tech news, technology news, hindi tech news, tech news hindi, hindi news today, tech hindi news today, hindi news , latest news hindi, breaking news, oxbig hindi news, hindi news today, oxbig news, oxbig news network

English News

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest Article

- Advertisement -