राजस्थान की भाजपा सरकार ने राजस्थान बोर्ड की कक्षा 12 में पढ़ाई जा रही ‘आजादी के बाद का स्वर्णिम इतिहास’ को कोर्स से हटा दिया है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने अमर उजाला से बात करते हुए कहा कि इस किताब को हमने इसलिए हटा लिया है क्योंकि परीक्षा में इससे नंबर नहीं जुड़ते हैं। वहीं, पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने इस मुद्दे को लेकर शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक बयान जारी किया है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने लिखा कि हमारे महान नेताओं इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने इस देश के लिए अपनी जान तक दे दी। क्या भाजपा सरकार इन तथ्यों को भी बदल सकती है? 2.50 करोड़ रुपये की किताबों को व्यर्थ करने से अच्छा है कि यदि वो NDA शासन के बारे में पढ़ाना चाहते हैं तो स्कूलों में उनका योगदान बताते हुए स्कूलों में अतिरिक्त पृष्ठ छपवाकर भेज दें। परंतु किताबों को रद्दी बनाकर जनता के पैसे को खराब करना कैसे उचित ठहराया जा सकता है?
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इधर, किताबों की प्रिंटिंग पर होने वाले खर्च को लेकर पूछे गए सवाल पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि अगर कोई गलती से जहर खरीद ले तो उसे खाना जरूरी थोड़े है। उन्होंने कहा कि कोर्स में बहुत सारी किताबें होती हैं। इसलिए सभी को पढ़कर उनका रिव्यू करना हमारे लिए संभव नहीं। हमारी जानकारी में आया तो हमने किताब को हटा लिया। उन्होंने कहा कि कक्षा एक से पांच तक की किताबों के लिए नए सिरे से रिव्यू किया जा रहा है। वहीं, कक्षा पांच से 12वीं तक अब राजस्थान में NCERT पाठ्यक्रम ही लागू किया जाएगा।
बीजेपी को क्या है आपत्ति?
‘आजादी के बाद का स्वर्णिम इतिहास’ किताब कक्षा 11-12 में भाग-1 और भाग-2 के रूप में पिछली कांग्रेस सरकार के समय से पढ़ाई जा रही है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि हम ऐसी किताब नहीं पढ़वाएंगे जो सिर्फ कांग्रेस को ही महिमामंडित कर रही है। ऐसा लग रहा है, जैसे सबकुछ कांग्रेस ने ही किया है। उन्होंने कहा कि इसमें लोकतंत्र की हत्या करने वालों की गाथाएं हैं, फोटो तो छोड़िए पीएम मोदी के योगदान का विस्तृत उल्लेख तक नहीं है।
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दरअसल, ज्यादा विवाद किताब के भाग-2 पर है। इसके कवर पर इंदिरा, राजीव गांधी, जवाहरलाल नेहरू और मनमोहन सिंह तक के अलग-अलग पेजों पर 15 से ज्यादा फोटो हैं और नरेंद्र मोदी का एक भी नहीं है।