Last Updated:July 06, 2025, 13:44 ISTभारत और अमेरिका के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर खींचतान जारी है. अमेरिका चाहता है कि भारत डेयरी और कृषि उत्पादों पर टैरिफ कम करे, लेकिन भारत किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं करने पर अड़ा हुआ है.रेसिप्रोकल टैरिफ पर जो रोक लगी थी उसकी मियाद 9 जुलाई को खत्म हो रही है. हाइलाइट्सभारत ने कृषि सेक्टर पर टैरिफ कम करने से इनकार किया.ट्रंप बोले- डील करो या टैरिफ झेलो.भारत चाहता है भविष्य की टैरिफ सुरक्षा.नई दिल्ली. अमेरिका ने भारत समेत दुनिया के कई देशों पर जो रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया था उसको कुछ समय रोकने की मियाद 9 जुलाई को खत्म हो जाएगी. कुछ देशों से अमेरिका के समझौते हो चुके हैं, लेकिन भारत उन अधिकांश देशों में से एक जिनके साथ यूएस अभी तक किसी एक डील पर नहीं पहुंच पाया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को कहा कि उन्होंने 12 देशों को पत्र भेजा है और यह साफ कर दिया है कि उन्हें या तो वो डील माननी होगी या फिर टैरिफ झेलने होंगे. इन देशों में संभवत: एक देश भारत भी है. लेटर्स में इन देशों पर लगने वाले टैरिफ के बारे में जानकारी दी गई है.
अमेरिका ने अब तक यूके और वियतनाम के साथ डील कर ली है. चीन के साथ भी उन्होंने एक समझौते करने में काफी हद तक सफलता हासिल कर ली है. डोनाल्ड ट्रंप ने खुद इन सौदों की पुष्टि की है. लेकिन भारत के साथ अभी यूएस का कोई समझौता नहीं है. दोनों देशों के बीच कई राउंड्स की बात होने के बावजूद कोई नतीजा नहीं निकल रहा है. भारत किसी दबाव में आकर सौदा करने का मूड में नजर नहीं आ रहा है. केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने 2 दिन पहले एक कार्यक्रम में कहा था कि भारत ने कभी कोई ट्रेड एग्रीमेंट किसी भी तरह के दबाव में आकर नहीं माना है. उन्होंने टीओआई से बातचीत में कहा, “हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यह एक उचित सौदा है जिससे हमें हमारे प्रतिद्वंदियों के खिलाफ बेहतर मौके मिलें. लेकिन हम किसी डेडलाइन के दबाव में काम नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम पर राष्ट्रहित के लिए काम कर रहे हैं.”
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस मुद्दे पर साफ कहा कि मोदी सरकार के लिए किसानों का हित सबसे ऊपर है. उन्होंने कहा, “मोदी सरकार में किसानों का हित सर्वोपरि है. हमने अब तक UK, ऑस्ट्रेलिया, मॉरिशस, EFTA और UAE के साथ जो भी ट्रेड एग्रीमेंट किए हैं, उनमें किसानों के हितों की पूरी सुरक्षा की गई है.” अमेरिका इस एफटीए में कृषि सेक्टर को प्रमुखता देना चाहता है, जबकि भारत इसमें किसी भी तरह की छूट देने से बच रहा है. सरकार का मानना है कि यदि डेयरी और कुछ खास फसल उत्पादों में टैरिफ घटाया गया तो इसका असर छोटे किसानों और घरेलू डेयरी इंडस्ट्री पर पड़ेगा.
और क्या चाहता है भारत?
भारत और अमेरिका के बीच चल रही फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) बातचीत में एक अहम बिंदु यह भी है कि भारत खुद को भविष्य में होने वाले टैरिफ बदलावों और सेक्टोरल पाबंदियों से सुरक्षित रखना चाहता है. सरकार चाहती है कि अमेरिका के साथ होने वाले समझौते में भारत को चीन और वियतनाम जैसे देशों से बेहतर टैरिफ लाभ मिलें, लेकिन इसके साथ यह भी गारंटी चाहिए कि भविष्य में अमेरिका कोई एकतरफा सेक्टोरल ऐक्शन या टैरिफ एडजस्टमेंट न कर सके.Jai Thakurजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे…और पढ़ेंजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे… और पढ़ेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessअटक गई भारत-अमेरिका की ट्रेड डील, ट्रंप की धमकी या किसानों का हित, जीतेगा कौन?
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