अनजाने में बॉर्डर पार कर पहुंचा पाकिस्तान, अमृतपाल के परिवार ने विदेश मंत्रालय से लगाई वापस लान

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<p style="text-align: justify;">करीब एक पखवाड़े पहले अनजाने में सीमा पार करके पाकिस्तानी क्षेत्र में चले गए फिरोजपुर के 23 साल के किसान अमृतपाल सिंह के परिवार ने शनिवार (05 जुलाई, 2025) को विदेश मंत्रालय से आग्रह किया कि वह जल्द से जल्द उसकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करे.</p>
<p style="text-align: justify;">पंजाब में फिरोजपुर जिले के &lsquo;खैरे के उत्तर&rsquo; गांव निवासी अमृतपाल सिंह 21 जून को भारत-पाकिस्तान सीमा पर लापता हो गए थे. वह सीमा सुरक्षा बल की निगरानी में सीमा चौकी (बीओपी) राणा के पास बाड़ के पार स्थित अपने खेत की देखभाल करने गए थे. सिंह शाम 5 बजे गेट बंद होने के निर्धारित समय से पहले वापस नहीं लौटे.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>पाकिस्तानी सीमा की ओर जाते हुए पैरों के निशान</strong></p>
<p style="text-align: justify;">सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों को बाद में पाकिस्तानी सीमा की ओर जाते हुए पैरों के निशान मिले, जिससे अनजाने में सीमा पार करने की आशंका बढ़ गई. बीएसएफ ने पाकिस्तानी रेंजर्स के साथ तीन से चार &lsquo;फ्लैग मीटिंग&rsquo; की. हालांकि, पाकिस्तानी पक्ष ने शुरुआत में किसी अज्ञात व्यक्ति के देखे जाने से इनकार किया.</p>
<p style="text-align: justify;">पाकिस्तानी रेंजर्स ने 27 जून को बीएसएफ अधिकारियों को जानकारी दी कि सिंह स्थानीय पुलिस की हिरासत में हैं. अमृतपाल के पिता जुगराज सिंह ने जिला अधिकारियों से निवेदन किया कि राज्य सरकार को उनके बेटे की वापसी सुनिश्चित करने के लिए विदेश मंत्री एस. जयशंकर से इस मामले पर चर्चा करनी चाहिए.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>पिता ने बताई ये बात</strong></p>
<p style="text-align: justify;">अमृतपाल सिंह शादीशुदा हैं और उसकी तीन महीने की बेटी है. उनके पास सीमा पर बाड़ के पार भारतीय सीमा में करीब 8.5 एकड़ कृषि भूमि है. पिता ने बताया कि वह दोपहर को अपनी बाइक पर सवार होकर गया था, लेकिन शाम को वापस नहीं लौटा. उन्होंने बताया कि बीएसएफ ने अंधेरा होने से पहले भी दोबारा गेट खोला, लेकिन वह नहीं लौटा.</p>
<p style="text-align: justify;">गर्मी के महीने में किसानों को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे के बीच बीएसएफ की सख्त निगरानी में कांटेदार तार की बाड़ और अंतरराष्ट्रीय सीमा के बीच की भूमि तक जाने की अनुमति दी जाती है. फाजिल्का, फिरोजपुर, गुरदासपुर, पठानकोट, अमृतसर और तरनतारन सहित सीमावर्ती जिलों के कई किसानों की कृषि भूमि इस क्षेत्र में है, जिसे &lsquo;जीरो लाइन&rsquo; के रूप में जाना जाता है.<br /><br /><strong>ये भी पढ़ें:- <a href=" ऑफ से पहले फ्लाइट में लगी आग, जान बचाने के लिए पंखों पर कूद कर भागे यात्री, वीडियो वायरल</a></strong></p>

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