Ross Ulbricht Story : एक लाइब्रेरी में बैठा एक नौजवान अपने लैपटॉप पर कुछ टाइप कर रहा था. बाहर धूप थी, लेकिन अंदर FBI के एजेंट छिपे हुए थे. जैसे ही उन्होंने इशारा किया, दो एजेंट दौड़कर उस तक पहुंचे और उसका लैपटॉप झपट लिया. वह नौजवान कोई आम इंसान नहीं था. वो था रॉस उलब्रिक्ट (Ross Ulbricht), उस काले डिजिटल बाज़ार का मालिक, जिसने इंटरनेट की दुनिया को हिला दिया था. जब उसे पकड़ा गया तो उसके पास 144,336 बिटकॉइन थे. आज के दिन इतने बिटकॉइन की कीमत लगभग 1.35 लाख करोड़ रुपये के बराबर है.
रॉस उलब्रिक्ट ने 2011 में Silk Road नाम की एक वेबसाइट बनाई थी. यह वेबसाइट दिखने में तो आम ऑनलाइन शॉपिंग साइट जैसी थी, लेकिन असल में वहां पर दुनियाभर के लोग ड्रग्स, नकली आईडी, हैकिंग टूल्स और दूसरी गैरकानूनी चीजें गुमनाम तरीके से खरीद-बेच रहे थे. इस साइट पर लोग बिटकॉइन से पेमेंट करते थे और टोर नेटवर्क का इस्तेमाल कर अपनी पहचान छिपाते थे.
साइंस में मास्टर डिग्री, रिसर्च भी की
कहानी को और आगे बढ़ाने से पहले रॉस के जीवन के कुछ पहलुओं के बारे में बात करना जरूरी है. रॉस विलियम उलब्रिक्ट का जन्म 27 मार्च 1984 को ऑस्टिन, टेक्सास में हुआ था. परिवार पढ़ा-लिखा और मध्यमवर्गीय था. पिता कर्ट उलब्रिक्ट और मां लिंडा उलब्रिक्ट दोनों ही बेटे की शिक्षा को लेकर गंभीर थे. बचपन से ही रॉस में एक खास बात थी कि उसे नई चीज़ें सीखने का जुनून था. वे बॉय स्काउट्स में थे और वहां उसे सबसे ऊंची रैंक ईगल स्काउट मिली.
उसने टेक्सास यूनिवर्सिटी, डलास से फिजिक्स में ग्रेजुएशन किया और फिर पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी से मटीरियल साइंस में मास्टर्स की पढ़ाई की. शुरू में रॉस का इरादा एक साइंटिस्ट बनने का था. उसने सोलर एनर्जी और क्रिस्टलोग्राफी जैसे विषयों पर रिसर्च की, और उनके पेपर्स भी पब्लिश हुए.
परंतु, जैसे-जैसे उसका जीवन आगे बढ़ा, रॉस ने टेक्नोलॉजी, अर्थशास्त्र और राजनीति के आजादी पसंद (libertarian) विचारों की ओर रुख किया. वह सोचता था कि सरकार को लोगों की निजी जिंदगी और लेनदेन में दखल नहीं देना चाहिए. यहीं से जन्म हुआ था सिल्क रोड वेबसाइट का.
सिल्क रोड पर रॉस ने अपना नाम ड्रेड पाइरेट रॉबर्ट्स (Dread Pirate Roberts) रखा हुआ था, ताकि उसकी असली पहचान कोई न जान सके. उसकी सोच यह थी कि सरकार लोगों के जीवन में दखल न दे, और हर इंसान को आजादी होनी चाहिए कि वो क्या खरीदे और बेचे. लेकिन यह “आजादी” का विचार धीरे-धीरे एक ऐसे रास्ते पर चला गया, जहां से वापसी मुश्किल थी.
सिल्क रोड नेटवर्क बहुत तेजी से बड़ा हुआ. सिर्फ दो साल में इस साइट पर करीब 1.2 बिलियन डॉलर का कारोबार हुआ. दुनिया के कोने-कोने से लोग इस पर आकर ड्रग्स खरीदने लगे, क्योंकि यहां सब कुछ गुमनाम था. इस कारोबार से रॉस ने खुद भी 13 मिलियन डॉलर से ज़्यादा की कमाई कर ली थी.
सिल्क रोड से खरीदी गई ड्रग्स से मर गए लोग
समस्या तब बढ़ी, जब सरकार ने देखा कि Silk Road से मिलने वाले ड्रग्स की वजह से कई लोगों की जान जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, कम से कम 6 लोगों की मौत ड्रग ओवरडोज़ से हुई थी, जो इस वेबसाइट से खरीदे गए थे. यही नहीं, जांच में पता चला कि रॉस ने अपनी वेबसाइट की सिक्योरिटी और पावर बनाए रखने के लिए गवाहों की हत्या करवाने की भी कोशिश की थी. हालांकि ये हत्याएं कभी साबित नहीं हो पाईं. कहा जाता है कि उसने इसके लिए करीब 730,000 डॉलर की सुपारी दी थी.
1 अक्टूबर 2013 को FBI ने रॉस को सैन फ्रांसिस्को की एक पब्लिक लाइब्रेरी से गिरफ्तार कर लिया. जब उसे पकड़ा गया, उस समय वो अपने लैपटॉप में सिल्क रोड ही चला रहा था. उस लैपटॉप से उन्हें रॉस के सारे जर्नल, चैट रिकॉर्ड्स और लेनदेन की जानकारी मिल गई.
2015 में कोर्ट ने रॉस को दो बार उम्रकैद और 40 साल की अतिरिक्त सजा दी, जिसमें पैरोले का कोई ऑप्शन नहीं था. कोर्ट ने कहा कि यह सिर्फ एक वेबसाइट नहीं थी, यह एक संगठित अपराध था, जो लोगों की ज़िंदगी से खेल रहा था.
मां ने चलाया बचाने के लिए अभियान, ट्रंप ने दिया समर्थन
इसके बाद रॉस की मां लिंडा उलब्रिक्ट ने एक आंदोलन शुरू किया- फ्री रॉस. यह रॉस की आजादी का अभियान था. उन्होंने कहा कि उसके बेटे ने भले ही गलती की हो, लेकिन उसकी सजा बहुत ज्यादा है. इस अभियान को दुनियाभर से समर्थन मिला. खासकर क्रिप्टोकरेंसी सपोर्टर्स, लिबर्टेरियन विचारक, और जेल सुधार कार्यकर्ताओं ने इसे अपना पूरा सपोर्ट दिया.
2024 में जब डोनाल्ड ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ रहे थे, तब उन्होंने वादा किया कि अगर वे फिर राष्ट्रपति बने तो रॉस को माफ कर देंगे. और उन्होंने अपना वादा निभाया भी. 21 जनवरी 2025 को अपने दूसरे कार्यकाल के पहले हफ्ते में ट्रंप ने रॉस को पूरी तरह माफ कर दिया और रॉस 11 साल बाद जेल से रिहा हो गया. रिहाई के बाद रॉस फिलहाल अपने परिवार के साथ समय बिता रहा है. उसने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी डाली, जिसमें उसने उन सभी लोगों का धन्यवाद दिया, जिन्होंने उसे सपोर्ट किया. उसे अब भी इंटरनेट इस्तेमाल करने, या क्रिप्टो से जुड़े किसी प्रोजेक्ट में शामिल होने की अनुमति नहीं है, लेकिन वह लिखने, सोचने, और शायद भविष्य में जेल सुधार आंदोलन में योगदान देने की इच्छा रखता है.
आज भी रॉस की कहानी एक बहस का विषय बनी हुई है. कुछ लोग कहते हैं कि उसने टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल किया और कानून तोड़ा, तो कुछ मानते हैं कि उसने सिर्फ एक सिस्टम बनाया था. जिम्मेदार वो लोग हैं जो उस सिस्टम का गलत इस्तेमाल कर रहे थे. उसके पास अब भी एक समुदाय है, जो उन्हें तकनीकी जीनियस मानता है, और एक दूसरा वर्ग है जो उन्हें खतरनाक अपराधी.
stock market, share market, market update, trading news, trade news, nifty update,bank nifty, oxbig news, oxbig news network, hindi news, hindi news, business news, oxbig hindi news
English News