कौन है सोहम पारेख, अमेरिका की सिलिकॉन वैली से लेकर इंडिया तक हो रही बदनामी

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आज भारत में सोहम पारेख नाम का एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर चर्चा का विषय बना हुआ है. इस मामले ने सिलिकॉन वैली से लेकर भारत की टेक इंडस्ट्री तक में हलचल मचा दी है. सोहम पर आरोप लगे हैं कि वो एक साथ कई स्टार्टअप्स में नौकरी कर रहा था और हर कंपनी को धोखे में रखकर अपनी पहचान और सच्चाई छिपा रहा था. एक साथ कई कंपनियों के लिए बिना जानकारी दिए काम करना मूनलाइटिंग कहलाता है. यह बात सामने आते ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बहस का तूफान आ गया.

इस विवाद की शुरुआत हुई अमेरिका के एक जाने-माने टेक एंटरप्रेन्योर सुहैल दोशी की एक पोस्ट से, जिन्होंने X (पहले ट्विटर) पर लिखा कि भारत का एक लड़का सोहम पारेख एक साथ 3-4 स्टार्टअप्स में काम कर रहा है. सुहैल के अनुसार, सोहम कुछ समय उनके स्टार्टअप में भी काम कर चुका था, लेकिन जैसे ही उसकी सच्चाई सामने आई, उसे एक हफ्ते के अंदर निकाल दिया गया.

इंटरव्यू में किया था शानदार परफॉर्म

सुहैल ने ये भी बताया कि सोहम ने इंटरव्यू में शानदार परफॉर्म किया था, लेकिन बाद में पता चला कि वो सिर्फ झूठ बोलता है और काम में कोई प्रोग्रेस नहीं करता. उन्होंने सोहम का रेज़्यूमे भी शेयर किया, जिसमें कई नामी कंपनियों जैसे कि Synthesia, Alan AI, Dynamo AI, Fleet AI आदि के नाम थे. इससे और भी लोगों को शक हुआ कि मामला बड़ा है.

जैसे ही ये बात वायरल हुई, कई और स्टार्टअप फाउंडर्स सामने आए और अपने अनुभव शेयर किए. लिंडी कंपनी के सीईओ फ्लो क्रिवेलो ने कहा कि उन्होंने भी सोहम को हायर किया था, लेकिन एक हफ्ते बाद ही निकालना पड़ा, क्योंकि उन्हें भी उसकी चालाकी का अंदाज़ा हो गया. मजे की बात यह रही कि सोहम हर इंटरव्यू में इतने अच्छे से परफॉर्म करता था कि लोग तुरंत प्रभावित हो जाते थे.

हमारी कंपनी का पहला इंजीनियर था सोहम

Antimetal के सीईओ मैथ्यू पार्कहर्स्ट ने बताया कि सोहम उनकी कंपनी का पहला इंजीनियरिंग हायर था और शुरुआत में वे उससे बहुत खुश थे. लेकिन फिर उन्होंने भी महसूस किया कि वो एक साथ कई कंपनियों में काम कर रहा है और उसे तुरंत हटा दिया गया. मजाक में उन्होंने कहा कि आजकल हर बढ़िया कंपनी का “rite of passage” यानी जरूरी अनुभव यही है- सोहम को हायर करना और फिर निकाल देना.

धीरे-धीरे कई और टेक लीडर्स जैसे कि मोज़ेक के फाउंडर आदिश जैन और Warp की हेड ऑफ प्रोडक्ट मिशेल लिम ने भी कहा कि उन्होंने सोहम को हायर किया था, लेकिन जल्दी ही उसकी पोल खुल गई. मिशेल ने बताया कि सोहम को वर्क ट्रायल के लिए लिया गया था, लेकिन जैसे ही ये विवाद सामने आया, ट्रायल कैंसिल कर दिया गया.

सोहम अकेला नहीं, उसके जैसे कई लोग!

इस पूरे मामले के बाद, इन्वेस्टर डीडी दास ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट में कहा कि सोहम अकेला नहीं है. हजारों लोग अब “ओवरएंप्लॉयमेंट” यानी एक साथ कई जॉब्स करने का रास्ता अपना चुके हैं. उन्होंने बताया कि ये लोग माउस जिग्लर जैसे टूल्स से ऑफिस टाइम में एक्टिव होने का झूठा दिखावा करते हैं, कैमरा बंद रखते हैं और मीटिंग से बचने के लिए ‘फोकस टाइम’ सेट कर देते हैं. कुछ तो काम आउटसोर्स भी कर देते हैं.

एक Reddit यूज़र ने दावा किया कि वो एक साथ पांच जॉब्स करता है और हर साल 8 लाख डॉलर (लगभग 6.85 करोड़ रुपये) कमा रहा है. उसने कहा कि इंटरव्यू एक गेम की तरह होता है- “झूठ बोलो, धोखा दो, AI का इस्तेमाल करो!” उसका कहना था कि कोई भी नौकरी इतनी मेहनत की हकदार नहीं है जो उसकी सैलरी से ज़्यादा स्ट्रेस दे.

सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़

सोहम की इस हरकत को लेकर सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ आ गई. किसी ने उसे “कॉरपोरेट स्पीडरन” कहा तो किसी ने “द वुल्फ ऑफ YC स्ट्रीट”. Google India पर “Soham Parekh LinkedIn” और “Soham Parekh Georgia Tech” जैसे सर्च टर्म्स ट्रेंड करने लगे. इतना ही नहीं, LinkedIn के को-फाउंडर रीड हॉफमैन तक ने इस वायरल मामले से जुड़े मीम्स पर रिएक्ट किया.

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