नई दिल्ली. इंडियन बैंक ने 7 जुलाई से अपने सभी सेविंग्स बैंक अकाउंट्स में मिनिमम बैलेंस चार्जेज पूरी तरह से हटा दिए हैं. यानी अब अगर किसी ग्राहक के अकाउंट में तयशुदा बैलेंस नहीं भी रहता है, तो भी उस पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा. इसी तरह, पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने भी 1 जुलाई से सभी सेविंग्स अकाउंट्स में मिनिमम एवरेज बैलेंस (MAB) नहीं रखने पर लगने वाला पेनल्टी चार्ज हटा दिया है.
इंडियन बैंक का कहना है कि इस फैसले का मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ना है. अब छोटे व्यापारी, स्टूडेंट्स, सीनियर सिटिज़न्स और गांवों में रहने वाले लोग भी आसानी से बैंकिंग सेवाओं का फायदा उठा सकेंगे, बिना किसी बैलेंस की चिंता के. इससे उन लोगों को भी फायदा होगा जो अभी तक बैंकिंग सिस्टम से दूर थे.
पहले कितना लगा था चार्ज?
इंडियन बैंक में इससे पहले ग्रामीण क्षेत्रों में 500-1,000 रुपये, अर्ध-शहरी में 1,000-2,000 रुपये, और शहरी/मेट्रो क्षेत्रों में 2,000-5,000 रुपये तक मिनिमम बैलेंस की आवश्यकता थी. बैलेंस न रखने पर 50 से 600 रुपये तक की पेनल्टी लगती थी. यह पेनल्टी मासिक या त्रैमासिक औसत बैलेंस के आधार पर लागू होती थी. बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंट्स (BSBDA) और जन धन खातों पर कोई पेनल्टी नहीं थी.
इसके अलावा इंडियन बैंक ने एक और राहत दी है. वह यह कि बैंक ने अपने एक साल के लोन पर लगने वाले ब्याज दर में 0.05 फीसदी की कटौती की है. पहले यह रेट 9.05 फीसदी था, जो अब घटकर 9 फीसदी हो गया है. यह बदलाव 3 जुलाई 2025 से लागू होगा. इससे उन ग्राहकों को सीधा फायदा होगा, जिन्होंने बैंक से होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन लिया है, क्योंकि अब उन्हें कम ब्याज देना पड़ेगा.
PNB में पहले कितना था शुल्क
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में पहले ग्रामीण क्षेत्रों में 500-1,000 रुपये, अर्ध-शहरी में 1,000-2,000 रुपये, और शहरी/मेट्रो में 2,000-10,000 रुपये तक बैलेंस जरूरी था. पेनल्टी 50 रुपये (ग्रामीण) से 600 रुपये (शहरी) तक थी, जो मासिक औसत बैलेंस के आधार पर लगती थी. जीरो-बैलेंस खातों (जैसे PNB रक्षक या बेसिक अकाउंट्स) पर कोई चार्ज नहीं था. 1 अक्टूबर 2024 से PNB ने त्रैमासिक को मासिक में बदला था, जिससे पेनल्टी का बोझ बढ़ा था.
दूसरी ओर, PNB ने बताया कि उनके इस फैसले का मकसद खासकर उन वर्गों को सहूलियत देना है जो प्रॉयरटी सेग्मेंट्स में आते हैं, जैसे महिलाएं, किसान और कम-आय वाले परिवार. अब उन्हें मिनिमम बैलेंस बनाए रखने का तनाव नहीं रहेगा और वे आसानी से बैंक की सेवाओं से जुड़ पाएंगे. बैंक के एमडी और सीईओ अशोक चंद्रा ने कहा कि इन चार्जेस को हटाने से ग्राहकों पर आर्थिक दबाव कम होगा और वे ज्यादा सक्रियता से बैंकिंग सिस्टम का हिस्सा बनेंगे.
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