प्रदेश में बीते 48 घंटों में हुई जोरदार बारिश से कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए। टोंक के लांबा हरिसिंह क्षेत्र में सबसे ज्यादा साढ़े पौने नौ इंच पानी बरसा। वहीं भीलवाड़ा में बुधवार को साढ़े 7 इंच पानी बरसा। मौसम विभाग ने आज फिर से यहां अति भारी बारिश की चेतावनी जारी कर दी है। एक जून से अब तक प्रदेश में भीलवाड़ा में सबसे ज्यादा 622 एमएम बारिश हो चुकी है।
इनके अलावा जयपुर, कोटा, अजमेर, चित्तौड़गढ़, पाली, बांसवाड़ा, ब्यावर में भी तेज बारिश हुई। कोटा जिले के मोड़क कस्बे में बाढ़ के हालात हैं। घर, स्कूल, हॉस्पिटल, एटीएम तक में पानी भर गया। चित्तौड़गढ़ में करीब 13 इंच बरसात होने से कई गांवों का शहर से संपर्क कट गया।
भीलवाड़ा में आज फिर अति भारी वर्षा की चेतावनी
गुरुवार को भी प्रदेश में मानसून जबरदस्त रूप से सक्रिय नजर आ रहा है। इसमें भीलवाड़ा में आज भी अति भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं अजमेर में भी अति भारी वर्षा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, सिरोही, उदयपुर, जालौर, नागौर और पाली में भारी वर्षा की चेतावनी दी गई है।
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बांधों में जबरदस्त आवक
भारी बारिश के चलते प्रदेश के बांधों में भी जोरदार आवक हो रही है। बुधवार को हुई भारी बारिश के चलते बांधों में 180 एमक्यूएम पानी की आवक हुई। जयपुर सहित आसपास के जिलों की जीवनरेखा बीसलपुर बांध में बीते 24 घंटों के दौरान जबरदस्त आवक हुई है, जिससे बांध का जल स्तर 313.12 मीटर पर पहुंच गया है। एक जुलाई को बांध का स्तर 312.62 मीटर था। बांध के कैचमेंट एरिया में अच्छी बारिश के चलते त्रिवेणी नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है।
कोटा बैराज के 19 में से 8 गेट खोले गए हैं। भारी बारिश के बीच राणा प्रताप सागर बांध के 2 गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। जवाहर सागर बांध के 3 गेट खोले गए हैं। जिले के बस्सी इलाके में 6 छोटे बांध पूरे भर गए हैं।