रिजर्व बैंक ने सिबिल स्‍कोर पर जारी किया बड़ा आदेश! ग्राहक को फायदा होगा या नुकसान

Must Read

Last Updated:July 02, 2025, 19:47 ISTCibil Score New Rule : रिजर्व बैंक ने लोन के लिए जरूरी सिबिल स्‍कोर को रियल टाइम में अपडेट करने का आदेश दिया है. आरबीआई ने कहा कि इससे लोन बांटने की प्रक्रिया को पारदर्शी और आसान बनाया जा सकेगा, जिसका फायदा ग्र…और पढ़ेंआरबीआई ने सिबिल स्‍कोर को लेकर नया नियम लागू किया है. हाइलाइट्सआरबीआई ने सिबिल स्कोर को रियल टाइम में अपडेट करने का आदेश दिया.लोन लेने वालों को पारदर्शी और आसान प्रक्रिया का फायदा मिलेगा.सिबिल स्कोर की जानकारी अब 15 दिनों की बजाय रियल टाइम में मिलेगी.नई दिल्‍ली. होम लोन, पर्सनल लोन या ऑटो लोन लेने वालों के लिए रिजर्व बैंक ने बड़ी सहूलियत वाला फैसला किया है. आरबीआई ने अपने हालिया आदेश में कहा है कि सिबिल स्‍कोर की जानकारी अब रियल टाइम में देनी होगी, जो अभी तक कंपनियां 15 दिनों में एक बार अपडेट करती हैं. आरबीआई के इस फैसले से लोन लेने वालों को बड़ा फायदा मिलने का अनुमान है.

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने ट्रांसयूनियन सिबिल जैसी क्रेडिट सूचना कंपनियों (सीआईसी) से पाक्षिक (15 दिन) के बजाय वास्तविक समय पर यानी रियल टाइम में आंकड़े देने के लिए कहा है. राव ने मंगलवार को सिबिल के एक कार्यक्रम में कहा कि सीआईसी द्वारा डेटा को तेजी से भेजने से सभी के लिए प्रणाली में विश्वास, दक्षता और पारदर्शिता को बढ़ाने में मदद मिलेगी. आरबीआई ने बुधवार को राव का यह संबोधन अपनी वेबसाइट पर जारी किया. इससे लोन लेने वालों को मदद मिलने की उम्‍मीद है.

ये भी पढ़ें – दादागिरी पर उतरे ट्रंप! भारत को दी धमकी, कहा-रूस से दोस्‍ती तोड़ तो वरना भुगतना पड़ेगा बड़ा खामियाजा

क्रेडिट की लगातार जानकारी जरूरीराव ने कहा कि हमें क्रेडिट सूचना के बारे में अधिक और लगातार जानकारी की उम्मीद करनी चाहिए. वास्तविक समय या लगभग वास्तविक समय पर क्रेडिट सूचना मिलने से जोखिम आकलन की परिशुद्धता बढ़ेगी, ऋण खाते को बंद करने या पुनर्भुगतान जैसी उधारकर्ता गतिविधियों को दर्शाने में मदद मिलेगी और उपभोक्ता का अनुभव भी बेहतर होगा. इस अवसर पर राव ने यह माना कि प्रौद्योगिकी, प्रक्रिया पुनर्रचना और परिवर्तन प्रबंधन में निवेश होने से इसमें लागत आएगी लेकिन यह राशि उससे होने वाले फायदों से कहीं कम होगी.

क्रेडिट संस्‍थानों पर ज्‍यादा निर्भरता
डिप्‍टी गवर्नर ने कहा कि इस मामले में एक अन्य प्रमुख चुनौती पहचान मानकीकरण की है. सीआईसी सटीक और मान्य पहचान देने के लिए क्रेडिट संस्थानों पर निर्भर है. इसके बिना दोहराव और गलत रिपोर्टिंग का जोखिम बना रहता है. आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने जटिल कृत्रिम मेधा (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) मॉडल के इस्तेमाल से मॉडल संबंधी जोखिम को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि इनका पूरी तरह परीक्षण, सत्यापन या पूर्वाग्रहों और प्रदर्शन में उतार-चढ़ाव के लिए निगरानी नहीं होने से समस्या होती है.

डिफॉल्‍ट से निपटने के लिए जरूरीडिप्‍टी गवर्नर ने कहा कि बैंकों को डिफॉल्‍ट से निपटने के लिए बाकायदा तैयारी करनी होगी. मौजूदा मॉडल को निष्पक्ष, पारदर्शी और नियामकीय एवं नैतिक मानकों के अनुरूप बनाए रखने के लिए कठोर सत्यापन प्रावधान, निरंतर निगरानी और मजबूत शासन ढांचा जरूरी है. इसके बिना बैंकों को अपने कर्ज पर जोखिम घटाना आसान नहीं होगा. वह भी ऐसे समय में जब लोन के विस्‍तार के लिए लगातार उपाय किए जा रहे हैं और इसकी डिमांड भी बढ़ती जा रही है.Pramod Kumar Tiwariप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि…और पढ़ेंप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि… और पढ़ेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessरिजर्व बैंक ने सिबिल स्‍कोर पर जारी किया बड़ा आदेश! ग्राहक को नफा या नुकसान

stock market, share market, market update, trading news, trade news, nifty update,bank nifty, oxbig news, oxbig news network, hindi news, hindi news, business news, oxbig hindi news

English News

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest Article

- Advertisement -