राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने लॉटरी निकलने के नाम पर हो रही धोखाधड़ी को लेकर आम जनता को आगाह किया है। विभाग ने एक नई एडवाइजरी जारी कर पुलिस ने साइबर अपराधियों के बदलते तरीकों और उनसे बचाव के उपायों पर प्रकाश डाला है।
एसपी साइबर क्राइम शांतनु कुमार ने बताया कि साइबर अपराधी लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। वे संदिग्ध मोबाइल नंबरों से कॉल कर बताते हैं कि आप किसी नामी-गिरामी कंपनी की लॉटरी में चुने गए हैं। इसके बाद वे आपके पते पर भारतीय पोस्ट के जरिये एक लॉटरी का पत्र और स्क्रैच कूपन भेजते हैं।
जब आपको यह कूरियर मिल जाता है तो ठग दोबारा कॉल करते हैं और कूपन को स्क्रैच करने को कहते हैं। कूपन स्क्रैच करने पर उसमें 10 से 15 लाख रुपये और एक चार-पहिया गाड़ी लॉटरी में मिलने का आकर्षक स्टिकर लगा होता है। इसके बाद अपराधी पीड़ित को लॉटरी पत्र में दिए गए हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने को कहते हैं।
ये भी पढ़ें: Rajasthan News: मंडी सेस के विरोध में प्रदेश की 247 मंडियों में आज से हड़ताल, 5 जुलाई तक रहेगा सांकेतिक बंद
जब पीड़ित इस हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करता है तो साइबर अपराधी उसे पूरी तरह से विश्वास में ले लेते हैं और इनाम की राशि दिलाने के बहाने वे विभिन्न टैक्सों, गाड़ी रास्ते में होने, या पैसे वापस मिल जाने जैसे झूठे बहाने बनाते हुए पीड़ित से लगातार पैसे ऐंठते रहते हैं। उनका मकसद पीड़ित से ज्यादा से ज्यादा पैसा ठगना होता है और वे बार-बार पैसों की मांग करते रहते हैं।
साइबर धोखाधड़ी से खुद को कैसे बचाएं ?
– राजस्थान पुलिस ने इस नई साइबर अपराध तकनीक से बचाव के लिए आम लोगों को सलाह दी है कि
– सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आपने कोई लॉटरी टिकट खरीदा ही नहीं है तो आपकी लॉटरी कैसे निकल सकती है?
– लॉटरी के विजेताओं की घोषणा हमेशा सार्वजनिक रूप से और कंपनियों की आधिकारिक वेबसाइट पर की जाती है। यदि आपको ऐसी कोई सूचना मिलती है, तो बिना देर किए संबंधित कंपनी की वेबसाइट पर जाकर इसकी सत्यता की जांच करें।
यदि आप इस प्रकार की धोखाधड़ी के शिकार होते हैं या आपको ऐसा कोई संदिग्ध कॉल/कूरियर मिलता है, तो इसकी सूचना तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दें। आप साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर भी ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं या अपने निकटतम पुलिस स्टेशन/साइबर पुलिस स्टेशन में संपर्क कर सकते हैं।