SBI History: भारत में कब दिया गया पहला बैंक लोन? किसने लिया और क्या थी ब्याज दर?

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SBI First Customer: क्या आप जानते हैं भारत में बैंकिंग की शुरुआत कब हुई? आमतौर पर लोगों को लगता है कि भारत की आजादी के आसपास, लेकिन यह गलत है. भारत में बैंकिंग का इतिहास 200 साल पुराना है. तब एक ऐसा समय था, जब भारत में कोई भी आधुनिक बैंकिंग सिस्टम मौजूद नहीं था. साल 1806 में “बैंक ऑफ कलकत्ता” नाम से पहला बैंक शुरू हुआ. यही बैंक बाद में “बैंक ऑफ बंगाल” और फिर “इम्पीरियल बैंक” बन गया. यही बैंक 1955 में “स्टेट बैंक ऑफ इंडिया” यानी SBI में बदल गया. क्या आप जानते हैं कि एसबीआई ने पहला लोन किसे और दिया?आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बैंक ऑफ कलकत्ता ने जनता के लिए अपनी सर्विस 2 जून 1806 से शुरू की थी. दिलचस्प बात ये है कि इस बैंक ने अपना पहला लोन लोगों के लिए बैंक खुलने से पहले ही दे दिया था. बैंक ने 14 मई 1806 को दो व्यक्तियों को लोन दिया था. ये दो लोग थे लक्ष्मीकांत बुर्राल (Lakshmikanta Burraul) और तारिणी मुखर्जी (Tareeny Mookherjee). लक्ष्मीकांत बुर्राल को 50,000 रुपये और तारिणी मुखर्जी को 2,800 रुपये का लोन मिला था. उस समय इन दोनों को इस रकम पर 10 फीसदी सलाना ब्याज दर चुकानी थी.

आज के हिसाब से डेढ़ करोड़ रुपया!

यह लोन कितना बड़ा था, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 50,000 रुपया उस दौर में करोड़ों की वैल्यू रखता था. उस जमाने में सोने का रेट 15-20 रुपये प्रति तोला होता था, तो इस लोन की कीमत आज के हिसाब से लगभग डेढ़ करोड़ रुपये के बराबर थी. ऐसा माना जाता है कि यह लोन व्यापार के किसी बड़े काम के लिए लिया गया था.

SBI के ग्राहक हैं तो नंबर नोट कीजिए, सिर्फ इन्हीं नंबर्स से आएगा आपके पास कॉल

SBI की हिस्ट्री में यह लोन एक खास जगह रखता है. यह देश का पहला बैंक लोन माना जाता है और यही वजह है कि आज भी इसकी चर्चा होती है. यह SBI की उस सोच को दिखाता है कि उन्होंने भारत के लोगों को आधुनिक फाइनेंस सिस्टम से जोड़ने की शुरुआत कितनी जल्दी कर दी थी. हालांकि रिकॉर्ड्स में यह दर्ज नहीं है कि लोन कब और कैसे चुकाया गया, लेकिन उस दौर के बैंकिंग नियम बहुत सख्त होते थे. ऐसे में लोन समय पर चुकता हुआ होगा, ऐसा अनुमान लगाया जाता है.

कौन थे लोन लेने वाले

यह भी बताया गया है कि ये दोनों लोग कोलकाता के जाने-माने व्यापारी थे और बैंकिंग सिस्टम की शुरुआत में ही भरोसेमंद ग्राहक भी. इनके जरिए SBI ने न केवल बैंकिंग की शुरुआत की, बल्कि यह भरोसा भी जताया कि भारतीय ग्राहक भी आधुनिक सिस्टम को अपना सकते हैं. बैंक के लिए ये दो लोग पहले ग्राहक और पहले लोन लेने वाले भी थे.

आज जब हम डिजिटल बैंकिंग, YONO ऐप और ऑनलाइन लोन की बात करते हैं, तो यह जानना बेहद जरूरी है कि शुरुआत कैसे हुई थी. भारत के पहले बैंकिंग कदम की यह कहानी हमें बताती है कि कैसे एक कमरे से शुरू हुआ बैंक आज दुनिया के सबसे बड़े बैंकों में गिना जाता है.

अभी कितनी तरह के लोन देता है SBI

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) 2025 में विभिन्न प्रकार के ऋण (लोन) प्रदान करता है, जो व्यक्तिगत और व्यावसायिक जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं. ये लोन सुरक्षित (secured) और असुरक्षित (unsecured) दोनों श्रेणियों में आते हैं. SBI अभी कई तरह के लोन जारी करता है-

होम लोन (Home Loan): घर खरीदने, निर्माण, विस्तार, नवीकरण, या प्री-निर्मित संपत्ति खरीदने के लिए.

पर्सनल लोन (Personal Loan): व्यक्तिगत खर्चों जैसे शादी, यात्रा, चिकित्सा, या अन्य अनियोजित जरूरतों के लिए.

ऑटो लोन (Auto Loan): नई या पुरानी कार, बाइक, या अन्य वाहन खरीदने के लिए.

एजुकेशन लोन (Education Loan): भारत और विदेश में उच्च शिक्षा के लिए.

गोल्ड लोन (Gold Loan): सोने के गहनों या सिक्कों के बदले ऋण.

लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी (Loan Against Property): संपत्ति को गिरवी रखकर ऋण.

लोन अगेंस्ट सिक्योरिटीज (Loan Against Securities): फिक्स्ड डिपॉजिट, म्यूचुअल फंड, या अन्य निवेशों के खिलाफ ऋण.

बिजनेस लोन (Business Loan): व्यवसाय शुरू करने, विस्तार, या उपकरण खरीदने के लिए.

SBI सूर्या घर लोन (SBI Surya Ghar- Loan for Solar Rooftop): सौर ऊर्जा रूफटॉप सिस्टम स्थापित करने के लिए.

पेंशन लोन (Pension Loan): केंद्रीय/राज्य सरकार, रक्षा, या पारिवारिक पेंशनभोगियों के लिए.

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