राजस्थान पुलिस के विशेष अभियान के तहत अजमेर जिले में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ रविवार को 19वीं कार्रवाई को अंजाम दिया गया। इस बार पुलिस ने दो पुरुष, दो महिलाओं और पांच बच्चों सहित कुल नौ बांग्लादेशी नागरिकों को दस्तयाब किया है। अब तक इस अभियान के अंतर्गत कुल 52 अवैध घुसपैठियों की पहचान की जा चुकी है।
पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर चल रहा है विशेष अभियान
पुलिस मुख्यालय, जयपुर के निर्देशानुसार चलाए जा रहे इस अभियान का उद्देश्य अवैध रूप से भारत में रह रहे विदेशी नागरिकों की पहचान और उन्हें देश से निष्कासित करना है। अजमेर पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा के निर्देशन में की गई इस कार्रवाई का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर हिमांशु जागिंड व सीओ लक्ष्मण राम ने किया। थाना दरगाह व CID ज़ोन अजमेर की टीम ने संयुक्त रूप से इस अभियान को अंजाम दिया।
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संदिग्ध क्षेत्रों में गहन तलाशी और पूछताछ
टीम ने दरगाह क्षेत्र, जालियान कब्रिस्तान, अन्दरकोट, नई सड़क, तारागढ़ की पहाड़ी, सिलावट मोहल्ला, लंगर खाना गली, चश्मा ए नूर और त्रिपोलिया गेट इलाकों में तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान लगभग 45-50 संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया, जिनमें से नौ व्यक्ति बांग्लादेशी नागरिक पाए गए। पूछताछ में सभी ने स्वीकार किया कि वे बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत में घुसे हैं।
पहचान किए गए नागरिकों में पूरा परिवार शामिल
दस्तयाब किए गए लोगों में सईदुल पुत्र मोहम्मद मुस्तफा रहमान (40 वर्ष), निवासी बीरमपुर, जिला दिनाजपुर, बांग्लादेश शामिल है, जो अजमेर में मजदूरी कर रहा था। उसके साथ उसकी पत्नी रीना (41 वर्ष) और उनके पांच बच्चे भी थे। इसके अलावा, बिपुल उर्फ सलमा (45 वर्ष), निवासी माधबपाशा, जिला नरहिल, तथा रबीउल मुंशी (25 वर्ष), पुत्र दाउश मुंशी भी अवैध रूप से भारत में रह रहे थे। सभी बेनापोल बॉर्डर से पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत में प्रवेश कर आजीविका की तलाश में अजमेर पहुंचे थे।
कानूनी कार्रवाई जारी, डिटेंशन सेंटर भेजने की तैयारी
अजमेर पुलिस और सीआईडी ज़ोन की टीम द्वारा पकड़े गए सभी नागरिकों से पूछताछ जारी है। उनके दस्तावेजों की जांच की जा रही है। नियमानुसार इन सभी को डिटेंशन सेंटर भेजने और गृह मंत्रालय को सूचित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। राज्य पुलिस मुख्यालय ने स्पष्ट किया है कि यह विशेष अभियान अजमेर सहित प्रदेश के अन्य जिलों में भी लगातार जारी रहेगा, ताकि अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों की पहचान कर उन्हें निष्कासित किया जा सके।