Devshayani Ekadashi 2025: देवशयनी एकादशी व्रत करने का क्या है सही नियम ? 90% लोग करते हैं ये गल

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Devshayani Ekadashi 2025: साल में देवशयनी एकादशी को बड़ी एकादशी माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन व्रत करने वालों चातुर्मास में विष्णु जी की पूजा, जप, तप करने के समान फल मिलता है. यही वजह है एकादशी व्रत करने वाले लोग देवशयनी और देवउठनी एकादशी का व्रत जरुर करते हैं. 

इसे  देवशयनी एकादशी व्रत करने का सही नियम क्या है, अधिकतर लोग इस दिन एक खास गलती जरुर करते हैं आइए जानें देवशयनी एकादशी व्रत करने की सही विधि क्या है और किन बातों का ध्यान रखें.

दे‌वशयनी एकादशी व्रत 2025 में कब ?

देवशयनी एकादशी का व्रत 6 जुलाई 2025 को किया जाएगा. इस दिन से चार माह के चातुर्मास शुरू हो जाएंगे और सारे मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे.

देवशयनी एकादशी व्रत कैसे करें ?

  • एकादशी का व्रत हमेशा सूर्योदय पर शुरू होता है और अगले दिन सूर्योदय के पश्चात समाप्त होता है. एकादशी व्रत का पालन मुख्य तौर पर 24 घण्टों के लिये किया जाता है. एकादशी का उपवास अगले दिन सूर्योदय के बाद एक उचित समय पर तोड़ा जाता है.
  • दशमी तिथि की रात हल्क भोजन करें ताकि अगले दिन एकादशी पर अन्न का कण भी पेट में नहीं रहे.
  • भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए हरिशयनी एकादशी पर सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं. इसके बाद व्रत का संकल्प लें.
  • घर के मंदिर में भगवान नारायण और देवी लक्ष्मी का अभिषेक करें. शुरुआत में गणेश पूजन करें. फिर दक्षिणावर्ती शंख में जल भरें और देवी-देवता को स्नान कराएं. जल के बाद पंचामृत और फिर जल से स्नान कराएं.
  • भगवान का वस्त्र और हार-फूल से श्रृंगार करें. कुमकुम, चंदन, अबीर, गुलाल, हार-फूल और अन्य पूजन सामग्री अर्पित करें.
  • ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय और ऊँ श्रीं श्रिये नम: मंत्र का जप करें. कथा पढ़ें. तुलसी के साथ गाय के दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं. धूप-दीप जलाकर आरती करें.
  • अंत में भगवान से पूजा में हुई जानी-अनजानी गलतियों के लिए क्षमा याचना करें. पूजा के बाद प्रसाद बांटें और खुद भी लें (वही भोग लें जो व्रत में खा सकते हों).
  • एकादशी के दिन ब्राह्मण को दान देना चाहिए.

न करें ये गलती

  1. अधिकतर लोग एकादशी व्रत के दिन उपवास तो करते हैं लेकिन दोपहर के समय बिस्तर पर विश्राम करते हैं, ऐसा करना गलत माना जाता है, क्योंकि व्रत के दिन तन-मन दोनों शुद्ध होना चाहिए. साथ ही ये दिन विष्णु जी की भक्ति का दिन है, विश्राम व्यक्ति में आलस्य लाता है.
  2. कहते हैं कि एकादशी व्रत का संपूर्ण फल तभी मिलता है जब इस तिथि पर रात्रि जागरण कर श्रीहरि का भजन, पूजन किया जाए. ज्यादातर लोग एकादशी वाले दिन रात्रि काल में सो जाते हैं. जो कि गलत माना जाता है.

एकादशी व्रत गलती से टूट जाए तो क्या करें ?

  • यदि किसी कारणवश व्रत भङ्ग जाता है तो उनकी उपासना करते हुये क्षमा-याचना करनी चाहिए. अपनी भूल सुधारने के लिए ये करें –
  • सर्वप्रथम पुनः सवस्त्र स्नान करें.
  • भगवान विष्णु की मूर्ति का दुग्ध, दही, मधु तथा शक्कर से युक्त पञ्चामृत से अभिषेक करें।
  • श्री हरि भगवान विष्णु की षोडशोपचार पूजा करें.
  • प्रभु से क्षमा-याचना करते हुये निम्नलिखित मन्त्र का जाप करें –

मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं जनार्दन।

यत्पूजितं मया देव परिपूर्ण तदस्तु मे॥

ॐ श्री विष्णवे नमः। क्षमा याचनाम् समर्पयामि॥

  • गौ, ब्राह्मण और कन्याओं को भोजन करायें.
  • व्रत भङ्ग होने पर भगवान विष्णु के द्वादशाक्षर मन्त्र ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का यथाशक्ति तुलसी की माला से 11 माला जप करें. एक माला का हवन भी कर सकते हैं.
  • भगवान विष्णु के मन्दिर में पुजारी जी को पीले वस्त्र, फल, मिष्ठान्न, धर्मग्रन्थ, चने की दाल, हल्दी, केसर आदि वस्तु दान करें.
  • यदि आपसे भूलवश से एकादशी का व्रत छूट जाता है तो आप प्रायश्चित के साथ ही निर्जला एकादशी का संकल्प ले सकते हैं। जिसे निर्जला अर्थात बिना जल और अन्न के रखने का निर्देश है.

देवशयनी एकादशी पर क्या खाएं, क्या नहीं

  • एकादशी व्रत में भैंस एवं बकरी के दूध का सेवन करने से बचना चाहिए, गाय के दूध का सेवन करें.
  • एकादशी व्रत के दिन पनीर का सेवन भी न करें. दरअसल पनीर दूध में नींबू डालकर उसे फाड़कर बनाया जाता है. ज्योतिष दृष्टि से देखें तो नींबू केतु और दूध का चन्द्रमा से संबंध माना गया है. इस दोनों ग्रहों में शत्रुता है, ऐसे में पनीर का सेवन करने पर दोष लग सकता है.
  • फलाहार, साबूदाना, शकरकंद, आलू, मूंगफली का सेवन कर सकते है.

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Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें. 

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