नई दिल्ली. रेलवे और पावर सेक्टर के लिए इलेक्ट्रिकल उपकरण बनाने वाली कंपनी हिंद रेक्टिफायर्स लिमिटेड (Hind Rectifiers) को इंडियन रेलवे से 101 करोड़ रुपये का महत्वपूर्ण ऑर्डर मिला है. यह ऑर्डर कंपनी के लिए सिर्फ राजस्व बढ़ाने का जरिया नहीं है, बल्कि यह उसकी टेक्निकल क्षमता और बाजार में भरोसे को भी दर्शाता है. कंपनी ने 27 जून को स्टॉक एक्सचेंज को भेजी जानकारी में बताया कि यह ऑर्डर वित्त वर्ष 2025-26 से 2026-27 के दौरान पूरा किया जाएगा. इस डील के तहत कंपनी रेलवे को इलेक्ट्रिकल कॉम्पोनेंट्स की सप्लाई करेगी.हिंद रेक्टिफायर्स ने बताया कि यह ऑर्डर रेलवे के मानक नियमों और शर्तों के तहत मिला है और इससे कंपनी की ऑर्डर बुक मजबूत होगी, जिससे आने वाले सालों में रेवेन्यू में अच्छी वृद्धि देखने को मिल सकती है. रेलवे जैसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के ग्राहक से ऐसा ऑर्डर मिलना किसी भी मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के लिए बड़ी उपलब्धि होती है. इससे कंपनी की प्रोफेशनल क्षमता, गुणवत्ता मानकों और सप्लाई चेन प्रबंधन पर भरोसा मजबूत होता है. यह ऑर्डर आने वाले दो वर्षों के लिए कंपनी को स्थिर रेवेन्यू देगा और कैश फ्लो बेहतर होगा.
मार्च तिमाही में मुनाफा लगभग दोगुना
FY25 की मार्च तिमाही में कंपनी का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट 95% की वृद्धि के साथ 9.99 करोड़ रुपये पहुंच गया, जो FY24 की समान तिमाही में 5.11 करोड़ रुपये था. इसी अवधि में कंपनी का टोटल रेवेन्यू भी 151.73 करोड़ रुपये से बढ़कर 185.39 करोड़ रुपये हो गया, यानी 22% की बढ़त. बेहतर प्रॉफिटबिलिटी और ऑर्डर विजिबिलिटी को देखते हुए कंपनी ने FY25 के लिए 2 रुपये प्रति शेयर का फाइनल डिविडेंड भी घोषित किया है.
कंपनी के बारे में
हिंद रेक्टिफायर्स लिमिटेड, जिसे संक्षेप में Hirect भी कहा जाता है, की स्थापना 1958 में हुई थी. यह कंपनी मुख्य रूप से पावर सेमीकंडक्टर्स, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और रेलवे ट्रांसपोर्टेशन से जुड़े इलेक्ट्रिकल उपकरणों के डिजाइन, निर्माण और मार्केटिंग में विशेषज्ञता रखती है. कंपनी के उत्पाद रेलवे, ट्रैक्शन सिस्टम्स, पावर ग्रिड और डिफेंस सेक्टर में इस्तेमाल होते हैं. हिंद रेक्टिफायर्स की गिनती देश की उन कंपनियों में होती है जो खासकर रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन और स्वदेशी निर्माण पर फोकस करती हैं.
शेयर मार्केट में प्रदर्शन कैसा रहा?
27 जून को NSE पर कंपनी का शेयर 1.23% की तेजी के साथ 1,260 रुपये पर बंद हुआ. यह एक मल्टीबैगर स्टॉक है, जिसने पिछले 5 सालों में 857% का रिटर्न दिया है. यानी अगर किसी निवेशक ने 2019 में 1 लाख रुपये लगाए होते, तो आज वह रकम 9.5 लाख रुपये से ज़्यादा होती. पिछले 1 साल में भी स्टॉक 87% तक बढ़ा, जो मिड और स्मॉल कैप कंपनियों में एक मजबूत ट्रेंड को दिखाता है. हालांकि 2025 में अब तक इस शेयर में लगभग 10.69% की गिरावट आई है, लेकिन यह मुख्य रूप से बाजार की वॉलैटिलिटी का असर माना जा रहा है.
क्या यह स्टॉक अभी भी आकर्षक है?
मार्केट एक्सपर्ट्स मानते हैं कि कंपनी की मजबूत ऑर्डर बुक, मुनाफे में ग्रोथ और रेलवे जैसे बड़े कस्टमर से ऑर्डर मिलना, इसके फंडामेंटल्स को मजबूत बनाते हैं. रेलवे सेक्टर में अगली कुछ तिमाहियों में और भी प्रोजेक्ट्स के खुलने की उम्मीद है, जिससे हिंद रेक्टिफायर्स जैसे कंपनियों को बड़ा फायदा मिल सकता है.
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