Last Updated:June 29, 2025, 12:33 ISTIL&FS मामले में वडराज सीमेंट की जब्त संपत्तियों को नुवोको विस्तास को सौंपने का अदालत ने आदेश दिया है, जिससे 1,706 करोड़ रुपये का अधिग्रहण सौदा आगे बढ़ सका. इसमें 952 करोड़ के एसेट्स और सूरत का सीमेंट प्लांट शाम…और पढ़ेंनुवोको का निंबल प्लांटहाइलाइट्सनुवोको को ED से मिले ₹952 करोड़ के जब्त एसेट्स, जिसमें सूरत प्लांट भी शामिल.IL&FS से वडराज ने गलत तरीके से लोन लेकर चुकाया नहीं.IBC के तहत 1,706 करोड़ का अधिग्रहण सौदा कोर्ट से पास.नई दिल्ली. बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि वॉशिंग पाउडर निरमा बनाने वाली कंपनी के पास एक सीमेंट बिजनेस भी है. यह एक अलग कंपनी है जिसका नाम नुवोको विस्तास है. हाल ही में इसके हाथ एक सीमेंट फैक्ट्री और उसके एसेट्स लगे हैं. नुवोको ने इसे कंपनी टू कंपनी डील में नहीं खरीदा है, बल्कि ईडी से छुड़ाया है. यह सौदा 1706 करोड़ रुपये का है जिसमें से 952 करोड़ के एसेट नुवोको को वापस मिल गए हैं. यानी केवल 754 करोड़ रुपये में एक नई सीमेंट कंपनी और उसकी एसेट्स नुवोको को मिल गई हैं. लेकिन ऐसा हुआ कैसे और यह पूरा मामला क्या है. आइए समझते हैंयह मामला IL&FS द्वारा कई कंपनियों को बांटे गए लोन से है जिन्होंने वापस लोन नहीं लौटाया. नुवोको निरमा ग्रुप की सीमेंट कंपनी है. मुंबई की एक विशेष अदालत ने 25 जून 2025 को Enforcement Directorate (ED) द्वारा जब्त किए गए 952 करोड़ रुपये के एसेट्स नुवोको को सौंपने का आदेश दिया है. इसमें सूरत स्थित वडराज सीमेंट का एक प्रमुख प्लांट भी शामिल है.
IL&FS घोटाला क्या है?
IL&FS एक बड़ी वित्तीय संस्था थी जो इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को लोन देती थी. लेकिन 2018 में यह कंपनी खुद भारी कर्ज के नीचे डूब गई और देश में एक बड़ा वित्तीय संकट पैदा हो गया. इस मामले की जांच में सामने आया कि वडराज सीमेंट नाम की कंपनी ने IL&FS से धोखाधड़ी करके लोन लिया था, जिसे न तो लौटाया गया और न ही पारदर्शिता से इस्तेमाल किया गया. ED ने इसे मनी लॉन्ड्रिंग का मामला मानते हुए वडराज सीमेंट की संपत्तियों को जब्त कर लिया था, जिसमें प्लांट, मशीनरी और जमीनें शामिल थीं.
नुवोको का प्रस्ताव और अदालत की मंजूरी
नुवोको विस्तास ने अप्रैल 2025 में वडराज सीमेंट को 1,706 करोड़ रुपये में खरीदने का प्रस्ताव दिवालियापन कानून (IBC) के तहत रखा. इस प्रस्ताव को अदालत ने मंजूरी दे दी. लेकिन एक दिक्कत थी, वडराज के कई कीमती एसेट्स ED ने जब्त कर रखे थे. नुवोको ने अदालत से अनुरोध किया कि वह इन जब्त संपत्तियों को उसके हवाले करे ताकि वह सौदा पूरा कर सके और वडराज के ऑपरेशंस दोबारा शुरू कर सके.
ED ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई, लेकिन कुछ शर्तों के साथ सहमति दी. कोर्ट ने आदेश में कहा कि:
सभी संपत्तियों की पूरी सूची तैयार की जाए.
अगर भविष्य में जरूरत पड़ी तो नुवोको इन्हें वापस करेगा.
क्यों है ये फैसला अहम?
यह आदेश न सिर्फ एक कारोबारी सौदे को आगे बढ़ाता है, बल्कि देश के सबसे बड़े वित्तीय घोटालों में से एक – IL&FS संकट के समाधान की दिशा में भी एक बड़ा कदम है. इससे उन बैंकों को भी राहत मिलेगी, जिन्होंने वडराज को कर्ज दिया था. जैसे पंजाब नेशनल बैंक और अन्य कर्जदाता. इस फैसले से यह भी साफ होता है कि दिवालिया कंपनियों के मामलों में ईडी और कोर्ट के बीच तालमेल से समाधान निकाला जा सकता है, बशर्ते प्रक्रियाएं पारदर्शी हों.Jai Thakurजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे…और पढ़ेंजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे… और पढ़ेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessनिरमा के हाथ आई सीमेंट कंपनी, 1700 करोड़ दिए, 950 करोड़ आ गए वापस
stock market, share market, market update, trading news, trade news, nifty update,bank nifty, oxbig news, oxbig news network, hindi news, hindi news, business news, oxbig hindi news
English News