राजस्थान के सरहदी जिले जैसलमेर में मानसून की बारिश ने जहां तपती गर्मी से राहत दी है, वहीं नगर परिषद और प्रशासनिक तैयारियों की पोल खोलकर रख दी है। शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन भी तेज बारिश का सिलसिला जारी रहा। मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार शाम 5:30 बजे तक 68.4 मिमी (करीब 3 इंच) बारिश दर्ज की गई, जबकि गुरुवार को 46 मिमी वर्षा रिकॉर्ड हुई थी।
लगातार हो रही बारिश से जिले का तापमान भी गिरा है। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 36.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो गुरुवार की तुलना में 5.1 डिग्री कम है। मानसून की इस बारिश ने झुलसाने वाली गर्मी से तो राहत दी लेकिन साथ ही शहर को अव्यवस्थाओं के दलदल में भी धकेल दिया।
अस्पताल बना जलाशय, मरीज बेहाल
शहर के सबसे बड़े जवाहर अस्पताल की हालत बारिश के चलते सबसे खराब हो गई। अस्पताल में बरसात का गंदा पानी घुस आया, जिससे कई वार्ड जलमग्न हो गए। मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। बरसाती पानी की बदबू और जलभराव ने अस्पताल को खुद बीमार बना दिया है। यह स्थिति कोई पहली बार नहीं है, बल्कि हर साल बारिश में यही हालात बनते हैं, बावजूद इसके ना तो स्वास्थ्य विभाग और ना ही नगर परिषद ने स्थायी समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम उठाया है।
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काक नदी में आया ऊफान
जैसलमेर जिला मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित चुंधि गणेशजी मंदिर में भी बारिश का अद्भुत दृश्य देखने को मिला। मंदिर से होकर बहने वाली काक नदी में पानी का स्तर इतना बढ़ गया कि भगवान गणेश की मूर्ति जलस्नान करती हुई नजर आई।
जल निकासी व्यवस्था ध्वस्त
बारिश ने शहर की जलनिकासी व्यवस्था की पोल खोल दी है। कई मोहल्लों और सार्वजनिक स्थलों पर पानी भर गया है। नालियों की सफाई और जल निकासी की योजनाओं की असलियत बारिश ने उजागर कर दी है। कई मार्ग बंद हो गए हैं और यातायात भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हर साल बरसात में जैसलमेर डूबता है, अस्पतालों की व्यवस्था चरमराती है लेकिन ना तो नगर परिषद और ना ही संबंधित विभागों द्वारा स्थायी समाधान किया जा रहा है।