किशनगढ़ थाना पुलिस ने जानलेवा हमले के एक गंभीर मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। यह घटना 23 फरवरी 2025 की सुबह करीब 9 बजे ग्राम काढा में घटित हुई थी, जब पीड़ित शिवराज सेन पर तीन लोगों ने घर में घुसकर कुल्हाड़ी और डंडों से हमला कर दिया।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा के निर्देश पर तत्काल कार्रवाई की गई। किशनगढ़ थानाधिकारी भीखाराम काला ने बताया कि पीड़ित शिवराज सेन पुत्र पाबुलाल सेन, निवासी ग्राम काढा, ने थाना किशनगढ़ में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि वह घर पर भोजन कर रहे थे, तभी गांव के ही गौरीशंकर सेन, पवन कुमार सेन और गजेन्द्र सेन गाली-गलौच करते हुए उनके घर पहुंचे और जान से मारने की धमकी देने लगे।
तीनों आरोपी जबरन घर में घुस आए, जहां गौरीशंकर सेन ने कुल्हाड़ी से शिवराज पर वार किया, जबकि पवन और गजेन्द्र ने डंडों और लकड़ी से हमला किया। हमले में शिवराज गंभीर रूप से घायल होकर बेहोश हो गए। आरोपियों ने पीड़ित की पत्नी, बच्चों और मां से भी धक्का-मुक्की की और उन्हें जमीन पर गिरा दिया।
शिवराज सेन का आरोप है कि तीनों आरोपी पूर्व से ही उसे धमकाते आ रहे हैं और उसकी जमीन एवं मकान पर कब्जा करने की नीयत रखते हैं। घायल अवस्था में पीड़ित को उपचार के लिए राजकीय यज्ञनारायण चिकित्सालय में भर्ती कराया गया।
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मामले की गंभीरता को देखते हुए किशनगढ़ थाना पुलिस ने आईपीसी की सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। एसपी वंदिता राणा के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) दीपक कुमार शर्मा और सहायक पुलिस अधीक्षक अभिषेक अंदाशु के सुपरविजन में एक विशेष टीम का गठन किया गया।
पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 23 जून 2025 को तीनों आरोपियों गजेन्द्र कुमार सेन, पवन कुमार सेन और गौरीशंकर सेन को ग्राम काढा से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ और गहन अनुसंधान के बाद तीनों को किशनगढ़ न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत (जे.सी.) में भेज दिया गया।
इस कार्रवाई में किशनगढ़ थानाधिकारी भीखाराम काला के नेतृत्व में सहायक उपनिरीक्षक गोविन्दराम, कांस्टेबल ओमप्रकाश, राजाराम व परमेश्वर ने विशेष भूमिका निभाई। पुलिस की तत्परता और निष्पक्ष कार्रवाई से पीड़ित परिवार को न्याय की उम्मीद बंधी है। स्थानीय लोगों ने भी पुलिस की इस संवेदनशीलता और सक्रियता की सराहना की है।