नई दिल्ली. बुधवार को भारतीय शेयर बाजार में बढ़त देखने को मिली. सेंसेक्स करीब 450 पॉइंट चढ़ गया और निफ्टी ने 25,200 का स्तर छू लिया. इस तेजी की बड़ी वजह ग्लोबल मार्केट से मिले पॉजिटिव संकेत रहे. मेटल, ऑयल और गैस सेक्टर की कंपनियों में अच्छी खरीदारी देखी गई. IT और एनर्जी सेक्टर के शेयरों ने भी बाजार को मजबूती दी. मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स ने भी अच्छी परफॉर्मेंस दिखाई और लार्जकैप कंपनियों से बेहतर रिटर्न दिया.इजराइल और ईरान के बीच हुए टंपरेरी सीजफायर से ग्लोबल टेंशन कुछ कम हुई है, जिससे अमेरिका के मार्केट में भी तेजी आई. इसके साथ ही, क्रूड ऑयल की कीमतों में करीब 6 फीसदी की गिरावट आई है, जो दो हफ्ते के निचले स्तर पर पहुंच गई. इससे निवेशकों को राहत मिली और बाजार में खरीदारी बढ़ी.
मनीकंट्रोल से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, सुबह 10:11 बजे के आसपास सेंसेक्स 498.13 पॉइंट यानी 0.61 फीसदी ऊपर 82,553.24 पर ट्रेड कर रहा था. वहीं निफ्टी 139.35 पॉइंट यानी 0.56 फीसदी बढ़कर 25,183.70 पर पहुंच गया.
बुधवार को ज्यादातर सेक्टर इंडेक्स हरे निशान में खुले. निफ्टी कंज़्यूमर ड्यूरेबल्स 0.97 फीसदी चढ़ा और निफ्टी इन्फ्रास्ट्रक्चर 0.75 फीसदी बढ़ा. निफ्टी IT, ऑयल एंड गैस और मेटल इंडेक्स में भी करीब 0.70-0.75 फीसदी की तेजी रही. एनर्जी, फार्मा, ऑटो और FMCG सेक्टर भी 0.40-0.58 फीसदी के बीच बढ़े. सिर्फ निफ्टी प्राइवेट बैंक थोड़ा कमजोर रहा और 0.05 फीसदी गिरा. वहीं, इंडिया VIX में 2.13 फीसदी की गिरावट आई, जिससे मार्केट में वॉलेटिलिटी (उतार-चढ़ाव) कम होने का संकेत मिला.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस तेजी की एक बड़ी वजह विदेशी निवेशकों (FIIs) की वापसी है. जब बाजार में अनिश्चितता होती है, तो FIIs बिकवाली करते हैं. लेकिन जब बाजार थोड़ा स्थिर हो जाता है, तो वे दोबारा खरीदारी करने लगते हैं. इसके उलट, घरेलू निवेशक (DIIs) लगातार खरीदारी कर रहे हैं, क्योंकि म्यूचुअल फंड्स में पैसा आ रहा है. यही घरेलू निवेश बाजार को मजबूत बनाए हुए है, भले ही विदेशी निवेशक सतर्क हो जाएं.
जियोजित इनवेस्टमेंट्स के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा, “हाल के बाजार रुझान की एक खास बात इसकी मजबूती रही है, भले ही पश्चिम एशिया संकट जैसे बड़े चुनौतियों का सामना करना पड़ा हो. भारत-पाक के छोटे से संघर्ष के दौरान भी बाजार स्थिर रहा. इस मजबूती का एक बड़ा कारण संकट के समय विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की खरीदारी रही है. दिलचस्प बात यह है कि संकट खत्म होने के बाद जैसे कल, FIIs ने बिकवाली की. दूसरी ओर, घरेलू संस्थागत निवेशक (DIIs) म्यूचुअल फंड्स में लगातार निवेश के कारण बाजार में लगातार खरीदारी कर रहे हैं. इससे बाजार को तब भी मजबूती मिलेगी, जब FIIs बिकवाली करेंगे.”
बता दें कि 24 जून को विदेशी निवेशकों ने लगातार दूसरे दिन बिकवाली की और करीब 5,266 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए. वहीं, घरेलू निवेशकों ने भी लगातार दूसरे दिन खरीदारी की और करीब 5,209 करोड़ रुपयों के शेयर खरीदे.
भारतीय रुपया शुरुआती ट्रेड में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 5 पैसे मजबूत होकर 86 के स्तर पर पहुंच गया. वहीं, डॉलर इंडेक्स, जो डॉलर की छह बड़ी ग्लोबल करेंसी के मुकाबले मजबूती को मापता है, 0.12 फीसदी बढ़कर 97.97 पर पहुंच गया.
वैश्विक बाजारों का हाल
एशियाई शेयर बाजार भी बुधवार को थोड़े स्थिर नजर आए. क्रूड ऑयल के प्राइस नीचे रहने और इजराइल-ईरान के सीजफायर की वजह से सेंटीमेंट बेहतर हुआ. जापान और ऑस्ट्रेलिया के स्टॉक इंडेक्स फ्लैट रहे, जबकि ताइवान का मार्केट 1 फीसदी और हांगकांग का हैंगसेंग 0.6 फीसदी ऊपर रहा. चीन के ब्लूचिप स्टॉक्स में हल्की गिरावट देखी गई.
अमेरिका के शेयर फ्यूचर्स में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ. MSCI का ग्लोबल स्टॉक्स इंडेक्स मंगलवार की रात रिकॉर्ड हाई पर बंद हुआ था और बुधवार को स्थिर रहा.
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