ईरान-इजरायल सीजफायर कराते ही डोनाल्ड ट्रंप को मिली ‘सुप्रीम’ शक्ति, अब कर सकेंगे ये मनचाहा काम

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Last Updated:June 24, 2025, 10:51 IST

Donald Trump Power Increase: दुनियाभर में चिंता का विषय बने ईरान-इजरायल युद्ध में सीजफायर की घोषणा डोनाल्ड ट्रंप ने की. ट्रंप की इस कोशिश के बाद उन्हें एक और ऐसी शक्ति मिल गई है, जिसे वो काफी दिनों से चाहते थे….और पढ़ें

डोनाल्ड ट्रंप. (Credit- Reuters)

वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस वक्त पूरी दुनिया में उस शख्स की भूमिका निभा रहे हैं, जो हर युद्ध में अपनी मध्यस्थता करने पहुंच जाता है. लड़ाई किसी की भी हो, उसे खत्म करने के लिए डोनाल्ड ट्रंप ही जाते हैं. ईरान-इजरायल युद्ध में भी कुछ ऐसा ही हुआ और एक बार फिर ट्रंप ने इस बात का क्रेडिट ले लिया है कि वे किसी भी जंग को बंद करा सकते हैं.

हालांकि इस युद्ध में सीजफायर के बाद ही डोनाल्ड ट्रंप को एक और शक्ति हासिल हो गई है. वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार को एक विशेष अधिकार दिया है. इसके जरिये वे अमेरिका में रह रहे प्रवासियों को तीसरे देशों में निर्वासित कर सकते हैं.

डोनाल्ड ट्रंप की एक और जीत

अमेरिकन सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला एक निचली अदालत के आदेश को अस्थायी रूप से रोकता है, जिसमें कहा गया था कि प्रवासियों को निर्वासन से पहले अपनी आपत्ति दर्ज करने का मौका मिलना चाहिए. आपको बता दें कि ट्रंप प्रशासन ने उन प्रवासियों को तीसरे देशों में भेजने की नीति शुरू की है, जिन्हें उनके अपने देश वापस नहीं भेजा जा सकता. इनमें से कुछ प्रवासी अमेरिका में अपराध करने के दोषी हैं.

दक्षिण सूडान भेजे जा सकते हैं प्रवासी

ये फैसला मई 2025 में 8 प्रवासियों को दक्षिण सूडान भेजने की कोशिश के केस में लिया गया है. इनमें से सात लोग दक्षिण सूडान के नागरिक भी नहीं हैं, फिर भी उन्हें हिंसा और अस्थिरता वाले इस देश में डिपोर्ट किया जा रहा है. दक्षिण सूडान जाने वाली फ्लाइट को जिबूती में एक अमेरिकी सैन्य अड्डे पर रोका गया, जहां प्रवासी और अमेरिकी अधिकारी कठिन परिस्थितियों में रह रहे हैं. इस मामले की सुनवाई पहले बोस्टन की अदालत में हुई. यहां के जज ब्रायन मर्फी ने कहा कि प्रवासियों को कम से कम 10 दिन का समय मिलना चाहिए ताकि वे यह दावा कर सकें कि तीसरे देश में उन्हें यातना या खतरा हो सकता है.

सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने जज मर्फी के आदेश को रोक दिया, जिससे ट्रंप सरकार तीसरे देशों में निर्वासन की प्रक्रिया तेज कर सकेगी. हालांकि 3 लिबरल जजों – सोनिया सोतोमायोर, एलेना केगन, केतांजी ब्राउन जैक्सन ने इसका विरोध किया. जज सोतोमायोर ने कहा कि यह फैसला हजारों प्रवासियों को टॉर्चर या मौत के जोखिम में डाल सकता है. वहीं ट्रंप प्रशासन का कहना है कि ये प्रवासी खतरनाक अपराधी हैं और उनकी सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाए गए हैं.

बिल्कुल यही चाहते थे डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिका के गृह सुरक्षा विभाग ने फैसले का स्वागत किया और कहा कि अब निर्वासन विमान तैयार करें. ट्रंप प्रशासन इसे अमेरिकी सुरक्षा की जीत मान रहा है. ये केस ट्रंप की सख्त आप्रवासन नीतियों का हिस्सा है, जो प्रवासियों को उनके गृह देश के अलावा अन्य देशों में भेजने की अनुमति देता है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला सरकार की इस नीति को बढ़ावा देने वाला है, जो डोनाल्ड ट्रंप चाहते थे.

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Prateeti Pandey

OXBIG NEWS NETWORK में Offbeat डेस्क पर कार्यरत हैं. इससे पहले Zee Media Ltd. में डिजिटल के साथ टीवी पत्रकारिता भी अनुभव रहा है. डिजिटल वीडियो के लेखन और प्रोडक्शन की भी जानकारी . टीवी पत्रकारिता के दौरान कला-साहित्य के सा…और पढ़ें

OXBIG NEWS NETWORK में Offbeat डेस्क पर कार्यरत हैं. इससे पहले Zee Media Ltd. में डिजिटल के साथ टीवी पत्रकारिता भी अनुभव रहा है. डिजिटल वीडियो के लेखन और प्रोडक्शन की भी जानकारी . टीवी पत्रकारिता के दौरान कला-साहित्य के सा… और पढ़ें

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ईरान-इजरायल सीजफायर कराते ही डोनाल्ड ट्रंप को मिली ‘सुप्रीम’ शक्ति

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