6 सेक्टरों में FIIs ने दिल खोलकर की बिकवाली, कहीं आपके पास भी तो नहीं इनसे जुड़े शेयर

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यह तो सब जानते हैं कि जिस सेक्टर के सिर पर विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) हाथ रखते हैं, उसका बेड़ा पार हो जाता है और जिस सेक्टर के सिर से अपना हाथ हटाते हैं, वहां तबाही का आलम देखने को मिलता है. पिछले 6 महीनों में एफआईआई ने 6 सेक्टरों से अपना हाथ खींचने का काम किया है. इन सभी सेक्टरों को मिलाकर कुल 1 लाख करोड़ रुपये का माल ऑफलोड किया गया है. इसके अलावा कुछ सेक्टर ऐसे भी हैं, जहां उन्होंने हाथ डाला है. एक आम निवेशक के तौर पर आपको यह जानना चाहिए कि स्मार्ट मनी कहां गेम कर रही है. आज हम आपको उन सब सेक्टर की जानकारी देंगे, जहां से पिछले 6 महीने के अंदर पैसा निकाला और डाला गया है.बिकवाली की बात करें तो कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, पावर, कंज्यूमर सर्विसेज, ऑटो, FMCG और IT सेक्टर पर मार पड़ी है. इन सभी सेक्टरों में 6 महीनों के भीतर ही 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का माल बेचा गया है. यह बड़ी बिकवाली बताती है कि विदेशी निवेशक अब वैल्यूएशन (शेयर की कीमतें) अधिक होने, ग्लोबल माहौल में अनिश्चितता, और अर्निंग्स में बदलाव को लेकर चिंता में हैं.

सबसे ज्यादा असर IT सेक्टर पर पड़ा है. इसमें अकेले 33,479 करोड़ रुपये की बिकवाली हुई है. इसके बाद FMCG में 17,819 करोड़, ऑटो में 16,058 करोड़, कंज्यूमर सर्विसेज में 14,417 करोड़, पावर में 12,231 करोड़ और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 11,296 करोड़ रुपये की बिकवाली देखी गई.

इकॉनमिक्स टाइम्स ने एक्सिस सिक्योरिटीज़ के रिसर्च हेड नीरज चड्ढावर के हवाले से लिखा कि अमेरिकी बाजार में IT पर खर्च कम हो सकता है और खर्च केवल अतिजरूरी चीजों तक सीमित हो सकता है. इसलिए आईटी सेक्टर पर नजर रखनी चाहिए.

किन सेक्टरों में दिखा निवेश

यह बिकवाली सिर्फ प्रॉफिट लेने के लिए नहीं, बल्कि पूरे स्ट्रक्चर में रिस्क कम करने की कोशिश लगती है. हेल्थकेयर और कंस्ट्रक्शन जैसे सेक्टरों में भी काफी बिकवाली हुई है. दूसरी ओर टेलीकॉम सेक्टर में 23,065 करोड़, और फाइनेंशियल सेक्टर मे 9,456 करोड़ रुपये का निवेश देखने को मिला है.

कंज्यूमर फाइनेंस सेक्टर में घरेलू निवेशकों का भरोसा

निर्यात पर निर्भर सेक्टर्स के मामले में वे फिलहाल वेट एंड वॉच मोड में हैं, जबकि घरेलू मांग पर निर्भर सेक्टर्स आगे बढ़ सकते हैं. साथ ही, बाजार में जो तेजी आई है, उसने मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स के वैल्यूएशन को ऊंचा कर दिया है.

जेफरीज़ के क्रिस वुड का कहना है कि पिछले महीने 7.2 बिलियन डॉलर, और जून में अब तक 6 बिलियन डॉलर की नई शेयर सप्लाई बाजार में आई है. ऐसा होने से बाजार पर प्रेशर बढ़ा है. वहीं घरेलू निवेशकों की भावना अब भी मजबूत है, खासकर कंज्यूमर फाइनेंस सेक्टर में. लेकिन FIIs को अब बाजार में ओवर-वैल्यूएशन और सैचुरेशन की चिंता सता रही है.

आईटी सेक्टर में सुधार अभी दूर

अर्निंग्स के मोर्चे पर भी चिंता है. HSBC ने अपने रिपोर्ट में बताया कि कंज्यूमर स्टेपल्स (जैसे रोज़मर्रा के उपयोग की चीजें) की मांग कमजोर रही और बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ भी धीमी हुई है. IT सेक्टर ने भले ही 6 फीसदी नेट इनकम ग्रोथ दिखाई है, लेकिन अमेरिका में मांग कमजोर होने, डिस्क्रेशनरी खर्च घटने और ग्लोबल अनिश्चितता के कारण इस सेक्टर में सुधार अभी दूर दिख रहा है.

IT में बन सकते हैं लॉन्ग टर्म के मौके

हालांकि सभी विदेशी निवेशक पूरी तरह से पीछे नहीं हटे हैं, बल्कि वे अपने इन्वेस्टमेंट्स को घुमा रहे हैं. FIIs ने टेलीकॉम, फाइनेंशियल्स, सर्विस सेक्टर और केमिकल्स में पैसा लगाया है. क्वांटम एएमसी के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर चिराग मेहता का मानना है कि लंबी अवधि के लिए बैंकों, कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी, मटीरियल्स और यूटिलिटी सेक्टर्स बेहतर दिख रहे हैं. आईटी सेक्टर पर वे फिलहाल अलर्ट मोड में हैं, लेकिन अगर और गिरावट होती है तो अच्छी कंपनियों में लॉन्ग टर्म के लिए मौके बन सकते हैं.

जेफरीज का ग्रीड एंड फियर पोर्टफोलियो

जेफरीज के ग्रीड एंड फियर पोर्टफोलियो में भी बदलाव हो रहे हैं. जैसे उसमें L&T, Thermax और Godrej Properties को हटाकर TVS Motor, Home First Finance और Manappuram Finance को जोड़ा गया है. साथ ही PolicyBazaar और Bharti Airtel में भी निवेश बढ़ाया जा रहा है, जिससे साफ है कि अब फोकस कंज्पशन और क्रेडिट बेस्ड कंपनियों पर है.

(Disclaimer: यह खबर एक्सपर्ट्स के विचारों और एनालिसिस के आधार पर प्रकाशित की गई है. इस जानकारी के आधार पर कोई भी फैसला लेने से पहले अपने सर्टिफाइड इनवेस्‍टमेंट एडवायजर से परामर्श लें. आपके किसी भी तरह के लाभ या हानि के लिए OXBIG NEWS NETWORK जिम्मेदार नहीं होगा.)

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