Cluster Bomb: हाल ही में इजरायल में हुए एक हमले के दौरान ‘क्लस्टर बम’ (Cluster Bomb) का नाम अचानक चर्चा में आ गया. यह बम जितना खतरनाक है उतना ही जटिल भी. इसकी ताकत और दहशत इस कदर होती है कि एक बार गिरने के बाद इसका असर कई फुटबॉल मैदानों जितने इलाके में महसूस किया जा सकता है. आइए समझते हैं कि आखिर ये क्लस्टर बम होता क्या है कैसे काम करता है और क्या इजरायल के पास इससे बचाव का कोई उपाय है.
क्या होता है क्लस्टर बम?
क्लस्टर बम एक ऐसा विस्फोटक हथियार है जिसे किसी एक लक्ष्य पर नहीं बल्कि एक बड़े क्षेत्र को नुकसान पहुंचाने के लिए डिजाइन किया गया है. यह बम जब हवा से गिराया जाता है तो ज़मीन पर पहुँचने से पहले ही हवा में फट जाता है और उसके अंदर मौजूद सैकड़ों ‘सबस्बम’ या ‘बॉम्बलेट्स’ (छोटे-छोटे बम) चारों ओर बिखर जाते हैं. हर एक बॉम्बलेट एक अलग लक्ष्य पर गिरता है और वहां विस्फोट करता है. इस कारण यह बम बेहद विनाशकारी होता है और बड़ी संख्या में लोगों, वाहनों, इमारतों और सैन्य ठिकानों को एक साथ नुकसान पहुंचा सकता है.
कैसे काम करता है ये बम?
क्लस्टर बम की तकनीक कुछ इस तरह काम करती है कि इसमें एक मुख्य कंटेनर होता है जो अंदर सैकड़ों छोटे विस्फोटकों को समेटे रहता है. जैसे ही यह कंटेनर तय ऊंचाई पर पहुंचता है, एक टाइमर या सेंसर की मदद से यह हवा में ही खुल जाता है और उसके भीतर के छोटे बम तेज़ी से अलग-अलग दिशाओं में फैल जाते हैं.
ये बॉम्बलेट्स ज़मीन पर गिरकर तुरंत फट सकते हैं या कुछ टाइम डिले के साथ भी ब्लास्ट हो सकते हैं जिससे लंबे समय तक खतरा बना रहता है. कुछ मामलों में ये छोटे बम ज़मीन पर गिरते तो हैं लेकिन विस्फोट नहीं करते और वहां ‘अप्रत्याशित माइंस’ बनकर रह जाते हैं, जो आम नागरिकों के लिए वर्षों तक जानलेवा बने रहते हैं.
क्या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी अनुमति है?
संयुक्त राष्ट्र सहित कई देशों ने क्लस्टर बम के प्रयोग को प्रतिबंधित कर दिया है क्योंकि इससे आम नागरिकों की जान को गंभीर खतरा होता है. 2008 में एक अंतरराष्ट्रीय संधि ‘कन्वेंशन ऑन क्लस्टर म्यूनिशन्स (CCM)’ के तहत 100 से ज्यादा देशों ने इन पर प्रतिबंध लगाया है. हालांकि अमेरिका, रूस, चीन, इजरायल जैसे कुछ देश अभी भी इस संधि में शामिल नहीं हैं और विशेष परिस्थिति में इसका उपयोग करते हैं.
क्या इजरायल के पास इससे बचने का उपाय है?
इजरायल के पास दुनिया की सबसे उन्नत एयर डिफेंस तकनीकों में से एक ‘आयरन डोम’ है जो मिसाइल और रॉकेट हमलों को हवा में ही नष्ट कर देता है. लेकिन क्लस्टर बम के मामले में यह प्रणाली सीमित हो जाती है क्योंकि इसमें एक साथ सैकड़ों छोटे विस्फोटक इकाइयां होती हैं जिन्हें एक-एक कर हवा में रोकना तकनीकी रूप से बेहद चुनौतीपूर्ण होता है.
हालांकि इजरायल ने मल्टी-लेयर एयर डिफेंस सिस्टम तैयार कर रखा है जिसमें ‘डेविड्स स्लिंग’, ‘एरो सिस्टम’ और ‘आयरन बीम’ जैसी तकनीकें शामिल हैं. ये सिस्टम मिलकर बड़े पैमाने के हमलों को रोकने की क्षमता रखते हैं, लेकिन फिर भी क्लस्टर बम जैसे फैलाव वाले हथियार से पूरी तरह बचाव फिलहाल संभव नहीं माना जाता.
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