B-2 Bomber: दुनिया के सबसे महंगे फाइटर जेट से अमेरिका ने ईरान पर बरसाए हैं बम

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Last Updated:June 22, 2025, 07:54 ISTअमेरिका ईरान अटैक : बी-2 बॉम्‍बर्स को 1997 में डिज़ाइन किया गया इसी साल इसका निर्माण शुरू हो गया. B-2 बॉम्बर ने 1999 में कोसोवो युद्ध में पहली बार हिस्सा लिया था. दुनिया का सबसे महंगा फाइटर जेट होने का खिताब इस…और पढ़ेंअमेरिका ने 21 बी-2 बॉम्‍बर विमान बनाए हैं.हाइलाइट्सअमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला किया.हमले में अत्याधुनिक B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर्स का इस्तेमाल हुआ.B-2 बॉम्बर की कीमत ₹17,850 करोड़ रुपये है.नई दिल्‍ली. अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला किया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर अमेरिका द्वारा ईरान पर अटैक करने की पुष्टि की है.  ट्रंप के अनुसार, ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान स्थित न्यूक्लियर साइट्स पर अमेरिका ने हमला बोला है. हालांकि, ट्रंप ने यह नहीं बताया कि इस मिशन में किन विमानों और हथियारों का इस्‍तेमाल किया है. लेकिन, ऐसा माना जा रहा है कि अमेरिका ने अत्याधुनिक B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर्स का इस्तेमाल किया है. यह विमान 30,000 पाउंड वजनी GBU-57बम ले जा सकते हैं, जिन्हें खास तौर पर गहराई में छिपे ठिकानों को तबाह करने के लिए बनाया गया है. B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर्स दुनिया का अत्‍याधुनिक विमान ही नहीं, बल्कि सबसे महंगा जंगी जहाज भी है. एक बी-2 बॉम्‍बर की कीमत ₹17,850 करोड़ रुपये (2.1 अरब डॉलर) है. इसके रखरखाव पर ही सालभर में 330 करोड़ रुपये खर्च होते हैं. 17850 करोड़ रुपये में विकास, इंजीनियरिंग, परीक्षण, निर्माण और खरीद से जुड़ी सभी लागतें शामिल हैं.बी-2 बॉम्‍बर्स को 1997 में डिज़ाइन किया गया इसी साल इसका निर्माण शुरू हो गया. शुरूआत में इसकी कीमत लगभग 737 मिलियन डॉलर थी. लेकिन अमेरिकी वायुसेना में शामिल होने के बाद इसमें कई तकनीकी बदलाव किए गए और इसे और घातक बनाया गया. इस वजह से इसकी कीमत बढकर 2.1 अरब डॉलर तक पहुंच गई. B-2 स्पिरिट की अत्यधिक लागत के पीछे इसके जटिल डिज़ाइन, कटिंग-एज टेक्नोलॉजी, और विशेषीकृत श्रमिकों की मेहनत शामिल है.

अमेरिका ने बनाए हैं 21 बी-2 बॉम्‍बर

अमेरिका के B-2 कार्यक्रम की कुल लागत लगभग 44.75 अरब डॉलर रही है.  अमेरिका ने 21 बी-2 बॉम्‍बर विमान बनाए है. अमेरिका की योजना तो ऐसे 132 विमानों के निर्माण की थी, लेकिन भारी लागत की वजह से ऐसा हो नहीं पाया. सीमित उत्पादन और अधिक लागत के कारण बी-2 बॉम्‍बर का मुद्दा कई बार अमेरिकी कांग्रेस में विवाद का कारण बन चुका है.

हर साल 340 करोड़ रुपये का रखरखाव खर्च

बी-2 बॉम्‍बर को बनाने में ही भारी-भरकम रकम खर्च नहीं हुई है, बल्कि इसे ऑपरेशनल बनाए रखने के लिए हर साल करीब 40 मिलियन डॉलर यानी 340 करोड़ रुपये लगाने पड़ते हैं. B-2 बॉम्बर ने 1999 में कोसोवो युद्ध में पहली बार हिस्सा लिया था. इसके बाद इसे अफगानिस्तान में “ऑपरेशन एंड्योरिंग फ्रीडम” और लीबिया में “ऑपरेशन ओडिसी डॉन” में भी हिस्‍सा लिया.

हॉलीवुड फिल्‍मों में दिख चुका है यह स्टील्थ विमान

यह विमान अमेरिकी वायुसेना के अधीन है, लेकिन इसे फिल्म स्टूडियोज को शूटिंग के लिए किराए पर भी दिया जाता है. यह विमान हॉलीवुड की कई फिल्मों जैसे कैप्‍टन मार्वल, आयरन मैन-2, और रैम्‍पेज जैसी फिल्‍मों में भी नजर आ चुका है.Location :New Delhi,New Delhi,DelhihomebusinessB-2 Bomber: दुनिया के सबसे महंगे फाइटर जेट से अमेरिका ने ईरान पर बरसाए हैं बम

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