Last Updated:June 20, 2025, 11:15 ISTAdani Port Stock Price : ईरान ने इजराइल के कई इलाकों को मिसाइलों से निशाना बनाया, जिसमें इजराइल का सबसे बड़ा पोर्ट हाइफा भी शामिल रहा. इस हमले के बाद अडानी समूह की कंपनी अडानी पोर्ट के स्टॉक में लगातार कई सत्र…और पढ़ेंअडानी समूह ने इजराइल के सबसे बड़े बंदरगाह का विकास किया है. हाइलाइट्सईरान-इजराइल युद्ध से अडानी पोर्ट के शेयर गिरे.अडानी पोर्ट के शेयरों में 7% से अधिक की गिरावट.अडानी पोर्ट के शेयरों में 0.70% की वापसी.नई दिल्ली. ईरान की मिसाइलें इजराइल पर आग बरसा रही हैं, लेकिन उसकी तपिश भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनी को भी झुलसा रही है. बीते 5 कारोबारी सत्र में अडानी समूह की कंपनी अडानी पोर्ट के शेयरों में लगातार गिरावट जारी रही. इस दौरान अडानी पोर्ट के स्टॉक 7 फीसदी से भी ज्यादा नीचे आ गए. हालांकि, शुक्रवार को सप्ताह के आखिरी कारोबारी सत्र में अडानी पोर्ट के स्टॉक ने वापसी की और 0.70 फीसदी का उछाल दिख रहा है. आखिर अडानी और इजराइल के बीच ऐसा क्या कनेक्शन है, जो हजारों किलोमीटर दूर हो रहे युद्ध का असर झेलना पड़ रहा.बात ये है कि उद्योगपति गौतम अडानी ने इजराइल के सबसे बड़े बंदरगाह के विकास के लिए हजारों करोड़ रुपये का निवेश किया है. इसका जिम्मा अडानी समूह की कंपनी अडानी पोर्ट के पास है और ईरान की कई मिसाइलें पोर्ट वाले इलाके में भी गिरी हैं, जिससे बंदरगाह की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं. ऐसे ही एक सवाल का जवाब अडानी इंटरप्राइजेज के निदेशक प्रणव अडानी ने भी दिया. उन्होंने कहा’ हम ईरान-इजराइल युद्ध को लेकर चिंतित जरूर हैं, लेकिन किस्मत से अभी तक हमारे किसी भी विदेशी एसेट या संपत्ति को नुकसान नहीं हुआ है. हम इसे लेकर परेशान नहीं हैं.’
बयान के बाद शेयरों में उछालअडानी इंटरप्राइजेज के निदेशक ने जब मीडिया के सामने आकर यह बयान दे दिया कि समूह की किसी भी संपत्ति को विदेश में कोई नुकसान नहीं हुआ है. उसके बाद कंपनी के शेयरों में फिर उछाल देखा जा रहा है. अडानी पोर्ट के शेयर शुक्रवार सुबह 10.24 बजे 0.78 फीसदी की बढ़त के साथ 1,348.50 रुपये के भाव पहुंच गया है. इससे पहले पिछले 5 कारोबारी सत्र में यह 7 फीसदी से भी ज्यादा टूट गया था.
अडानी समूह का कितना निवेश
जनवरी, 2023 में अडानी समूह की कंपनी अडानी पोर्ट एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन लिमिटेड (APSEZ) ने इजराइल की कंपनी गैडोट समूह ने मिलकर इजराइल के सबसे बड़े बंदरगाह हाइफा पोर्ट कंपनी के विकास का जिम्मा संभाला. इस कंपनी में अडानी समूह की हिस्सेदारी 70 फीसदी और इजराइली कंपनी की हिस्सेदारी 30 फीसदी है. दोनों कंपनियों के संयुक्त उद्यम ने इजराइल सरकार से जुलाई, 2022 में यह टेंडर हासिल किया था.
क्यों इतना खास है हाइफा पोर्टबात ये है कि हाइफा पोर्ट को सबसे पहले अंग्रेजों ने 20वीं शताब्दी में बनाया था. इसका काम 1920 में शुरू हुआ और 1933 में इस पूरा किया गया. यह पोर्ट इजराइल के लिए सिर्फ कारोबार और व्यापार का केंद्र नहीं है, बल्कि उसकी सामरिक जरूरतों को भी पूरा करता है. इजराइल की नेवी भी यहीं से समंदर में जाती है और देश की सुरक्षा के लिए पनडुब्बियां भी इसी रास्ते पानी में उतरती हैं. यह पोर्ट सालाना 2 करोड़ टन कार्गो की क्षमता रखता है और इजराइल के सबसे व्यस्त पोर्ट में से एक है. साल 2023 में ही पोर्ट ने 1.17 करोड़ टन कार्गो को संभाला था.Pramod Kumar Tiwariप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि…और पढ़ेंप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि… और पढ़ेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessईरान की मिसाइलों से गिर रहे अडानी पोर्ट के शेयर, क्या है इसका इजराइल कनेक्शन
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