टेलीग्राम के फाउंडर पावेल ड्यूरोव का बड़ा फैसला, इन बच्चों को देंगे अपनी 20 अरब डॉलर की संपत्ति

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टेलीग्राम ऐप के संस्थापक और अरबपति पावेल ड्यूरोव ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. उन्होंने कहा है कि वो अपनी लगभग 20 अरब डॉलर (करीब 1.67 लाख करोड़ रुपये) की संपत्ति 100 ऐसे बच्चों में बांटेंगे जो स्पर्म डोनेशन के जरिए पैदा हुए हैं.

ड्यूरोव ने ये जानकारी एक इंटरव्यू में दी, जो उन्होंने फ्रांस की एक मैगजीन Le Point को दिया. उन्होंने बताया कि उन्होंने हाल ही में अपनी वसीयत (Will) तैयार की है, जिसमें ये फैसला शामिल है.

15 सालों में 12 देशों में पैदा हुए बच्चे

पावेल ड्यूरोव ने बताया कि उन्होंने 15 साल पहले एक दोस्त की मदद करने के लिए स्पर्म डोनेट करना शुरू किया था. उसके बाद से अब तक 12 अलग-अलग देशों में 100 से ज्यादा बच्चे पैदा हुए हैं.

ड्यूरोव का कहना है कि वह इन बच्चों को भी अपने खुद के बच्चों की तरह मानते हैं. उन्होंने कहा, “मेरे लिए ये सभी बच्चे बराबर हैं, चाहे वो मेरे पार्टनर से पैदा हुए हों या स्पर्म डोनेशन से.”

अपने बच्चों को विरासत से दूर रखेंगे 30 साल

ड्यूरोव ने यह भी बताया कि उन्होंने वसीयत में लिखा है कि उनके बच्चे उनकी संपत्ति अगले 30 साल तक इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. वे चाहते हैं कि उनके बच्चे खुद मेहनत करें, अपनी जिंदगी खुद बनाएं और सिर्फ उनके पैसे पर निर्भर न रहें.

परिवार और स्वतंत्रता है ड्यूरोव की प्राथमिकता

जब उनसे पूछा गया कि उनके लिए परिवार का क्या मतलब है, तो उन्होंने कहा कि परिवार उनके जीवन का अहम हिस्सा है. साथ ही उन्होंने बताया कि उन्होंने वसीयत इसलिए जल्दी लिखी क्योंकि वो आजादी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए काम करते हैं, जिससे उन्हें कई दुश्मन भी बन गए हैं, जिनमें कुछ ताकतवर देश भी शामिल हैं.

ड्यूरोव चाहते हैं कि उनके मरने के बाद भी उनका बनाया हुआ प्लेटफॉर्म टेलीग्राम स्वतंत्र और निष्पक्ष बना रहे. इसलिए उन्होंने कहा कि उनकी अनुपस्थिति में एक नॉन-प्रॉफिट फाउंडेशन टेलीग्राम को संभालेगा.

फ्रांस में कानूनी पचड़े में भी फंसे

पिछले साल ड्यूरोव पर फ्रांस की सरकार ने आरोप लगाए थे कि टेलीग्राम पर गैरकानूनी गतिविधियों जैसे ड्रग्स और यौन शोषण को बढ़ावा मिल रहा है. हालांकि ड्यूरोव ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है.

पावेल ड्यूरोव का यह कदम अब सोशल मीडिया पर चर्चा का बड़ा विषय बन गया है. एक तरफ जहां वो अपने बच्चों को खुद पर निर्भर नहीं होने देना चाहते, वहीं दूसरी तरफ उन्होंने स्पर्म डोनेशन से जन्मे बच्चों को भी बराबरी का दर्जा देकर सबको चौंका दिया है.

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