Last Updated:June 19, 2025, 15:54 ISTMutual Fund: कुछ म्यूचुअल फंड कंपनियां शेयर खरीदने के बजाय कैश जमा कर रही हैं. 5 म्यूचुअल फंड स्कीम्स के पास 58,442 करोड़ रुपये का कैश है, जो पूरे म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के कैश का 30 फीसदी हिस्सा है. शेयर खरीदने से कतरा रहे फंड मैनेजर?हाइलाइट्सम्यूचुअल फंड स्कीमों के पास 58,000 करोड़ कैश है.फंड मैनेजर शेयर बाजार की ऊंची कीमतों से सतर्क हैं.मिडकैप और स्मॉलकैप में निवेश को लेकर फंड मैनेजर सावधान हैं.नई दिल्ली. म्यूचुअल फंड निवेश के लिए होता है, लेकिन कुछ बड़ी फंड स्कीमें इस समय भारी मात्रा में कैश संभाल कर बैठी हैं. देश की पांच बड़ी म्यूचुअल फंड स्कीमों के पास फिलहाल 58,442 करोड़ रुपये कैश पड़ा है, जो कि पूरी इंडस्ट्री के कैश रिजर्व का लगभग 30 फीसदी हिस्सा है.इनमें सबसे ऊपर है पराग पारिख फ्लेक्सी कैप, जिसके पास 22,360 करोड़ रुपये कैश है. इसके बाद एसबीआई कॉन्ट्रा फंड में 10,028 करोड़ रुपये, एचडीएफसी फ्लेक्सी कैप फंड में 10,013 करोड़ रुपये, मोतीलाल ओसवाल मिडकैप फंड में 9,479 करोड़ रुपये और एचडीएफसी मिड-कैप अपॉर्चुनिटीज फंड में 6,562 करोड़ रुपये कैश जमा हैं.
म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के पास 2 लाख करोड़ रुपये कैशपूरा म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री मिलकर 2 लाख करोड़ रुपये का कैश रखता है और इसमें से 25 फीसदी सिर्फ 4 स्कीम्स के पास है. सवाल उठ रहा है कि इतने पैसे को निवेश क्यों नहीं किया गया? एक्सपर्ट्स के अनुसार, ये फंड मैनेजर शेयर बाजार की हायर वैल्यूएशन को लेकर सतर्क हैं, खासकर मिडकैप और स्मॉलकैप सेगमेंट में. इसलिए वे जल्दबाज़ी में पैसे लगाने से बच रहे हैं और अच्छे मौके का इंतजार कर रहे हैं.
क्यों सावधानी बरत रहे हैं फंड मैनेजर?
बाजार की कीमतें ज्यादा: फंड मैनेजरों को लगता है कि शेयरों की कीमतें बहुत ऊंची हैं. वे सस्ते दामों का इंतजार कर रहे हैं.
नए शेयरों में निवेश: फंड्स पुराने शेयरों (सेकेंडरी मार्केट) के बजाय नए शेयरों (प्राइमरी मार्केट) में पैसा लगा रहे हैं, जैसे कि कंपनियों के नए ऑफर या प्रमोटर की हिस्सेदारी बिक्री में.
मिडकैप और स्मॉलकैप में डर: मिडकैप फंड्स का कैश 7.3 फीसदी तक बढ़ गया है, जो 2020 के बाद सबसे ज्यादा है. स्मॉलकैप फंड्स के पास भी 25,900 करोड़ रुपये का कैश है.
पराग पारिख फंड के इन्वेस्टमेंट हेड राजीव ठक्कर का कहना है कि यह रणनीति टेस्ट क्रिकेट जैसी है. हर गेंद पर शॉट नहीं खेलना, बल्कि सही गेंद का इंतजार करना. उनके मुताबिक, कैश रखना मार्केट टाइमिंग नहीं, बल्कि सही कीमत पर सही निवेश के लिए तैयार रहने की रणनीति है. पोर्टफोलियो में लगभग 12 फीसदी कैश ऱखने वाले क्वांटम एएमसी भी मानता है कि मौजूदा बाजार महंगा है और ऐसे में जल्दीबाजी में पैसा लगाना ठीक नहीं. हालांकि, एडलवाइज म्यूचुअल फंड जैसी कंपनियां ज्यादा कैश नहीं रखतीं. वे निवेश को सेक्टर या कैटेगरी (जैसे लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप) के बीच शिफ्ट करके काम करती हैं.vinoy jhaप्रिंट मीडिया से करियर की शुरुआत करने के बाद पिछले 5 वर्षों से News18Hindi में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर कार्यरत हैं. लगभग 2 वर्षों से बिजनेस न्यूज टीम का हिस्सा हैं. पत्रकारिता में करीब एक दशक का अनुभव रखते हैं. …और पढ़ेंप्रिंट मीडिया से करियर की शुरुआत करने के बाद पिछले 5 वर्षों से News18Hindi में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर कार्यरत हैं. लगभग 2 वर्षों से बिजनेस न्यूज टीम का हिस्सा हैं. पत्रकारिता में करीब एक दशक का अनुभव रखते हैं. … और पढ़ेंLocation :New Delhi,Delhihomebusiness₹58,000 करोड़ कैश लेकर बैठे म्यूचुअल फंड! क्या शेयर खरीदना हो गया महंगा?
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