Last Updated:June 18, 2025, 18:15 IST
PM Narendra Modi News: पीएम मोदी ने ट्रंप के वाशिंगटन निमंत्रण को ठुकराया. पाक सेना प्रमुख आसिम मुनीर से ट्रंप की मुलाकात ठीक उसी दिन पहले से तय थी. पीएम मोदी ने क्रोएशिया यात्रा को प्राथमिकता दी, जिससे भारत की…और पढ़ें
पीएम मोदी ने ट्रंप के प्लान को फेल कर दिया. (OXBIG NEWS NETWORK)
हाइलाइट्स
- पीएम मोदी ने ट्रंप का वाशिंगटन निमंत्रण ठुकराया.
- पाक सेना प्रमुख आसिम मुनीर से ट्रंप की मुलाकात बनी वजह.
- पीएम ने क्रोएशिया यात्रा की बात कहकर US जाने से दूरी बनाई.
PM Narendra Modi News: पीएम नरेंद्र मोदी वर्ल्ड लीडर से मिलने जी7 गए तो अमेरिकी राष्ट्रपति मिडिल-ईस्ट तनाव की बात कहकर जल्द ही वहां से वापस आ गए. बाद में ट्रंप और पीएम मोदी के बीच फोन पर बात हुई. ट्रंप ने वापस लौटते वक्त पीएम मोदी को वाइटहाउस होते हुए जाने का प्रस्ताव दिया. चाहते तो पीएम मोदी थोड़ा वक्त निकलकर कनाडा से वाशिंगटन जा सकते थे, लेकिन प्रधानमंत्री ने ऐसा करने से कन्नी काट ली. इसकी मुख्य वजह पड़ोसी देश पाकिस्तान बना. दरअसल, पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर का ठीक उसी दिन ट्रंप के साथ लंच करना पहले से तय था. एक स्टेज पर भारत और पाकिस्तान दोनों हों, यह बात पीएम मोदी को कतई बर्दाश्त नहीं है.
इस तरह अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में एक अजीबोगरीब पॉलिटिकल सिनेरियों बनने से टल गया. अगर एक ही दिन एक ही वक्त के आसपास भारतीय पीएम और आसिम मुनीर वाइटहाउस में होते तो इसका असर भारतीय विदेश नीति पर पड़ना तय था. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वाशिंगटन में स्टॉपओवर पर मिलने का निमंत्रण दिया था, जिसे पीएम मोदी ने ठुकरा दिया. इस निर्णय के पीछे केवल व्यावसायिक कारण ही नहीं थे, बल्कि एक गहरी राजनीतिक समझ और सतर्कता भी छुपी थी.
यह घटना उस वक्त सामने आई जब व्हाइट हाउस ने घोषणा की कि डोनाल्ड ट्रंप बुधवार को पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को व्हाइट हाउस कैबिनेट रूम में दोपहर 1 बजे लंच पर आमंत्रित करेंगे. पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य अधिकारी के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति का यह औपचारिक मिलन निश्चित ही एक राजनीतिक संदेश था. ऐसे में अगर पीएम मोदी भी उसी दिन वाशिंगटन में ट्रंप से मिलते, तो दोनों मुलाकातें एक ही दिन में हो जातीं. यह राजनीतिक रूप से असुविधाजनक स्थिति होती. ट्रंप भारत के लिए इस तरह की परिस्थिति पैदा कर ओवर-स्मार्ट बनने की कोशिश कर रहे थे, जिसे भारत ने समय रहते भांप लिया.
पीएम मोदी ने ट्रंप के निमंत्रण को ठुकराते हुए अपनी पहले से निर्धारित क्रोएशिया यात्रा को प्राथमिकता दी और कनाडा से मंगलवार शाम करीब 6 बजे रवाना हो गए. इस तरह पीएम मोदी अगर अमेरिका आते भी तो बुधवार की आधी रात के बाद वाशिंगटन पहुंचते. इस फैसले से साफ जाहिर होता है कि भारत ने जान-बूझकर ऐसी परिस्थिति से बचने को तरजीह दी, जिसमें एक दिन में भारत के प्रधानमंत्री और पाकिस्तान के सेना प्रमुख दोनों का अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति से मिलने का मौका बनता.
यह राजनीतिक सतर्कता भारत की विदेश नीति की परिपक्वता को दर्शाती है, जहां रिश्तों की जटिलताओं और संवेदनशीलताओं को समझते हुए रणनीतिक फैसले लिए जाते हैं. पीएम मोदी की इस चतुराई भरी नीति ने भारत को उस राजनीतिक घड़ी से बचा लिया, जो दोतरफा संवादों की बजाय कई गलतफहमियों और अटकलों को जन्म दे सकती थी. अंततः डोनाल्ड ट्रंप और आसिम मुनीर के बीच व्हाइट हाउस में लंच की खबर ने भारत के इस निर्णय की जरूरत को और भी महत्वपूर्ण बना दिया. एक तरफ जहां पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख का अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति से मिलना एक संदेश था वहीं मोदी का इस दौर में दूरी बनाए रखना भारत की विदेश नीति की सूझबूझ और राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा की मिसाल है.

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें
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