Rajasthan: बदमाशों ने खोज लिया है पुलिस से बचने का तरीका, ऐसे चकमा दे रहे फर्जी नंबर प्लेट वाले वाहन | criminals escaping traffic police because old POS machine fake number plate on vehicle cannot detected

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इस तरह के सबसे अधिक केस यातायात पुलिस को दी गई पोश मशीनों से होने वाले चालान में आ रहे हैं। इसकी वजह है वाहन की प्रकृति में केवल गुड्स लिखा होता है। जबकि आरटीओ निरीक्षकों के पास मौजूद पोश मशीन में वाहन की प्रकृति स्पष्ट लिखी होती है। ऐसे में फर्जी नंबर प्लेट लगी होने का पता चल जाता है। कई बार संगीन वारदात में भी अपराधी फर्जी नंबर प्लेट लगे वाहन का उपयोग करते हैं। पुलिस जब सीसीटीवी खंगालकर नंबर प्लेट वाले वाहन का पता लगाती है तो वह अपराध में उपयोग किया हुआ नहीं होता है। पुलिस के पास काम चलाऊ मशीन परिवहन विभाग के निरीक्षकों की पोश मशीन एडवांस है। इसमें गाड़ी का नंबर डालते ही पूरी डिटेल स्क्रीन पर आ जाती है। गाड़ी का मॉडल, गाड़ी का प्रकार, गाड़ी के दस्तावेज संबंधी जानकारी मिल जाती हैं। वाहन ने फर्जी नंबर प्लेट लगा रखी होने पर पकड़ में आने की संभावना रहती है। दूसरी तरफ यातायात पुलिस के पास पोश मशीन साधारण है। इसमें पिकअप गाड़ियों से लेकर मिनी ट्रक तक वाहन कैटेगरी में केवल गुड्स लिखा हुआ आता है। इससे पता नहीं चलता कि पिकअप गाड़ी है अथवा ट्रक या अन्य वाहन। इसी का फायदा फर्जीवाड़ा करने वाले उठाते हैं। केस नंबर-1 नोखा पुलिस ने 1 जून को पिकअप गाड़ी का ऑनलाइन चालान किया। इसमें लगी गाड़ी की फोटो में नंबर प्लेट पर RJ-GB-9185 अंकित दिख रहा है। पुलिस ने चालान मशीन में गुड्स वाहन दर्ज किया है। बाद में पता चला कि पिकअप चालक ने नंबर प्लेट फर्जी लगा रखी थी। यह नंबर ट्रेलर का था। केस नंबर- 2 बीछवाल थाना इलाके में 5 अप्रैल को एक व्यापारी के दो कार्मिकों से 1 करोड़ 43 लाख रुपये की लूट हुई। लुटेरे जिस कार में आए, उस पर फर्जी नंबर प्लेट लगी थी। पुलिस ने पड़ताल की तो उस नंबर की कार कोटगेट थाना इलाके में घर में खड़ी मिली। आरोपी चूरू से चोरी की कार पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर वारदात करने आए थे। आ रही है परेशानी यह सही है कि यातायात पुलिस के पास ऑनलाइन चालान बनाने वाली मशीन एडवांस नहीं है। इससे वाहनों का प्रकार ठीक से अंकित नहीं होता। पुलिस के सामने से यदि कोई फर्जी नंबर प्लेट लगा वाहन गुजर भी जाए तो उसकी पहचान करने में परेशानी होती है। पुलिस को भी नई एडवांस मशीनें मुहैया कराने से इस परेशानी से निजात मिल जाएगी। -ओमप्रकाश जोशी, सेवानिवृत आरपीएस यह भी पढ़ें ऑनर किलिंग… शादी से नाराज घरवालों ने युवती का गला रेता, 11 माह के बच्चे की भी ली जान

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