Last Updated:June 18, 2025, 15:25 ISTभारत के पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने अंडमान सागर में बड़ी तेल खोज की संभावना जताई, जो गुयाना के स्टैब्रोक ब्लॉक जैसी हो सकती है. गुयाना में क्या हुआ था, कितना तेल मिला था और उसने कैसे गुयाना की किस्मत बदल डा…और पढ़ेंगुयाना में क्रूड ऑयल के बड़े भंडार मिले थे. (Image – worldatlas.com)हाइलाइट्सअंडमान सागर में बड़ी तेल खोज की संभावनागुयाना में तेल खोज से देश की अर्थव्यवस्था में उछालगुयाना की जीडीपी 5 साल में 5.02 बिलियन से 24.7 बिलियन डॉलर हुईभारत के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी ने हाल ही में गुयाना (Guyana) देश का नाम लिया. उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान खुलासा किया कि भारत अंडमान सागर में एक बड़ी तेल खोज के काफी करीब पहुंच चुका है. यह खोज गुयाना के स्टैब्रोक ब्लॉक जैसी हो सकती है, जहां 11.6 अरब बैरल तेल के भंडार मिले थे. उन्होंने यह भी कहा कि अंडमान क्षेत्र में लगभग 1,84,440 करोड़ लीटर कच्चे तेल की क्षमता हो सकती है. अगर यह तेल भंडार वाकई धरातल पर आता है, तो भारत की मौजूदा 3.7 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी को 20 ट्रिलियन तक पहुंचने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा. इस बारे में आपने रिपोर्ट्स पढ़ ली होंगी. लेकिन क्या आप जानते हैं गुयाना में किस तरह का चमत्कार हुआ था, जिसका उदाहरण पेट्रोलियम मंत्री ने दिया? चलिए जानते हैं-गुयाना दक्षिण अमेरिका का एक छोटा-सा देश है. उसकी जनसंख्या महज़ 8 लाख के आसपास है. साल 2015 में एक्सॉन मोबिल (ExxonMobil), हेस कॉर्पोरेशन (Hess Corporation) और सीएनओओसी (CNOOC) नाम की कंपनियों ने मिलकर गुयाना के समुद्री क्षेत्र ‘स्टैब्रोक ब्लॉक’ में बड़ी मात्रा में कच्चे तेल का भंडार खोज निकाला. ‘लाइज़ा-1’ नाम की पहली खुदाई में ही करीब 290 फीट गहरे तेल के भंडार मिले. इसके बाद और भी कई जगहों पर खोज की गई.
स्टैब्रोक ब्लॉक में अब तक 50 से भी ज्यादा बड़े तेल के भंडार खोजे जा चुके हैं और करीब 11.6 अरब बैरल तेल निकाले जाने लायक माना जा रहा है. इतनी बड़ी खोज ने गुयाना को कुछ ही सालों में पूरी तरह बदल कर रख दिया. 2019 में उत्पादन शुरू हुआ था. अब 2025 तक यह देश रोजाना 6.6 लाख बैरल से ज्यादा तेल निकालने लगा है. आने वाले वर्षों में यह आंकड़ा 13 से 17 लाख बैरल प्रतिदिन तक पहुंच सकता है. इस छोटे से देश को ‘नया सऊदी अरब’ कहा जा रहा है और यह दुनिया के नक्शे पर ऊर्जा शक्ति के रूप में उभर रहा है.
2025 में इसने “गोल्डन एरोहेड” नाम का एक नया तेल ग्रेड भी पेश किया. बताया गया है कि इस तेल की क्वालिटी बहुत अच्छी है. यह काफी हल्का है और इसे रिफाइन करना काफी आसान है. अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में इसकी काफी मांग है.
कैसे बदल गई इकॉनमी
तेल के इस वरदान ने गुयाना की अर्थव्यवस्था में ज़बरदस्त उछाल ला दिया है. पहले जो देश गरीबी से जूझता था, अब वही दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन चुका है. 2019 में देश की कुल जीडीपी करीब 5.02 बिलियन डॉलर थी और प्रति व्यक्ति आय 6,477 डॉलर के आसपास थी. लेकिन सिर्फ 5 सालों में हालात पूरी तरह बदल गए. 2024 में गुयाना की जीडीपी बढ़कर 24.7 बिलियन डॉलर हो गई और प्रति व्यक्ति जीडीपी 29,841 डॉलर तक पहुंच गई. इस साल आर्थिक वृद्धि दर 43.6% रही, जो दुनिया में सबसे तेज थी. 2025 के अंत तक देश की जीडीपी के 28.2 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है और वास्तविक वृद्धि दर 10.3% हो सकती है.
अमेरिका भर-भरकर खरीद रहा तेल
इस तेल भंडार ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भी गुयाना को एक नया मुकाम दिलाया है. अमेरिका जैसे देश अब इससे तेल खरीद रहे हैं. 2025 में ही अमेरिका ने 1.48 लाख बैरल प्रतिदिन गुयाना से मंगवाया. हालांकि, इस सबके बीच गुयाना और वेनेज़ुएला के बीच ज़मीन को लेकर विवाद भी तेज़ हो गया है. ‘एसेक्विबो’ नाम के क्षेत्र पर दोनों देश दावा कर रहे हैं, जिससे क्षेत्र में तनाव और चुनावी टकराव भी बढ़ गए हैं.Malkhan Singhमलखान सिंह पिछले 16 वर्षों से ख़बरों और कॉन्टेंट की दुनिया में सक्रिय हैं. प्रिंट मीडिया से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई नामी संस्थानों का नाम प्रोफाइल में जुड़ा है. ढाई साल से News18Hindi के साथ काम कर …और पढ़ेंमलखान सिंह पिछले 16 वर्षों से ख़बरों और कॉन्टेंट की दुनिया में सक्रिय हैं. प्रिंट मीडिया से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई नामी संस्थानों का नाम प्रोफाइल में जुड़ा है. ढाई साल से News18Hindi के साथ काम कर … और पढ़ेंLocation :New Delhi,New Delhi,Delhihomebusinessभारत के पेट्रोलियम मंत्री ने क्यों दिया गुयाना का उदाहरण, क्या हुआ था चमत्कार
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