Last Updated:June 16, 2025, 15:58 ISTStock Market : आज भारतीय शेयर बाजार में जोरदार तेजी आई है. इस तेजी की अगुवाई आईटी स्टॉक्स ने की है. निफ्टी आईटी इंडेक्स आज 2 फीसदी उछल गया है. आईटी स्टॉक्स में आई इस तेजी के पीछे कई वैश्विक और घरेलू कारक जिम्मेदार हैं.हाइलाइट्ससेंसेक्स में 700 अंकों की तेजी दर्ज की गई.निफ्टी आईटी इंडेक्स 2% उछलकर 39,258 पर पहुंचा.रुपये की गिरावट और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में तेजी मुख्य कारण.नई दिल्ली. शेयर बाजार में आज तेजी है. सेंसेक्स आज करीब 700 अंक चढकर कारोबार कर रहा है. हफ्ते के पहले कारोबारी दिन इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) शेयरों में जबरदस्त तेजी आई है. निफ्टी आईटी इंडेक्स (Nifty IT) 2% उछलकर 39,258 के स्तर पर पहुंच गया. परसिस्टेंट सिस्टम्स, कोफोर्ज, ओरेकल फाइनेंशियल सर्विसेज सॉफ्टवेयर, इंफोसिस, टीसीएस और न्यूजेन टेक जैसे शेयर आज हरे निशान में कारोबार कर रहे हैं.आईटी स्टॉक्स में आई इस तेजी के पीछे कई वैश्विक और घरेलू कारक जिम्मेदार हैं, जिनमें रुपये में गिरावट और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में तेजी के संकेत प्रमुख हैं. सोमवार को रुपया 10 पैसे गिरकर 86.18 प्रति डॉलर पर पहुंच गया, जबकि शुक्रवार को यह 86.08 के स्तर पर बंद हुआ था. जून 2025 की शुरुआत से अब तक रुपया 1.7% गिर चुका है, जिससे यह एशिया की सबसे कमजोर करेंसी बन गई है. आईटी कंपनियां ज्यादातर अपनी सेवाएं अमेरिका और यूरोप जैसे विकसित देशों को देती हैं और उन्हें डॉलर में पेमेंट मिलता है. जब डॉलर मजबूत और रुपया कमजोर होता है, तो कंपनियों की आय में बढ़ोतरी दर्ज होती है. यही वजह है कि रुपये की गिरावट आईटी शेयरों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है.
कौन सा शेयर कितना चढ़ा
परसिस्टेंट सिस्टम्स और एमफैसिस के स्टॉक में 2.6% की बढ़त दर्ज की गई. कोफोर्ज के शेयर 2.5%, ओरेकल फाइनेंशियल सर्विसेज सॉफ्टवेयर 2.4%, टेक महिंद्रा 2%, इंफोसिस 1.6% और टीसीएस 1.5% तक चढ गया. इसके अतिरिक्त डायनाकन्स सिस्टम्स, न्यूजेन टेक, केपीआईटी टेक्नोलॉजीज, सोनाटा सॉफ्टवेयर और सिग्निटी टेक्नोलॉजीज जैसे मिडकैप और स्मॉलकैप आईटी स्टॉक्स में 8% तक की तेजी देखने को मिली.
एफपीआई की बिकवाली से डॉलर की बढ़ रही मांग
एफपीआई लगातार भारतीय शेयर बेच रहे हैं. 11 जून को ₹446.3 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर एफपीआई ने बेचे. 12 जून को ₹3,831.42 करोड़ तो 13 जून को ₹1,263.52 करोड़ की बिकवाली की गई. जून में अब तक विदेशी निवेशकों ने ₹4,812.4 करोड़ की शुद्ध बिकवाली की है. इसके साथ ही इज़राइल-ईरान तनाव के चलते कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया है, जिससे तेल कंपनियों द्वारा डॉलर की मांग बढ़ी है. इससे डॉलर और मजबूत हुआ है.
अमेरिकी फेड की नीति और मजबूत अर्थव्यवस्था
अब निवेशकों की निगाहें 18 जून को अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति पर टिकी हैं. बाजार को उम्मीद है कि ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा क्योंकि अमेरिका में जॉब मार्केट स्थिर बना हुआ है. मई 2025 में अमेरिका में 1.39 लाख नई नौकरियां जुड़ी हैं, जो डॉव जोन्स के अनुमान 1.25 लाख से अधिक हैं. अमेरिका भारतीय आईटी कंपनियों के लिए सबसे बड़ा बाजार है, ऐसे में वहां की आर्थिक मजबूती आईटी सेक्टर के लिए सकारात्मक संकेत है.Location :New Delhi,New Delhi,Delhihomebusinessइंफोसिस, टीसीएस से लेकर न्यूजेन टेक तक, आज खूब धमाल मचा रहे हैं आईटी शेयर
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