HDFC बैंक के सीईओ को सस्‍पेंड करने की उठी मांग, 25 करोड़ के गबन का है मामला

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Last Updated:June 08, 2025, 07:48 ISTलीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट ने एचडीएफसी बैंक के एमडी शशिधर जगदीशन पर 25 करोड़ रुपये के गबन का आरोप लगाते हुए RBI और ED से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. बैंक ने आरोपों को झूठा बताया है.एचडीएफसी बैंक ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है. हाइलाइट्सएचडीएफसी बैंक के सीईओ पर 25 करोड़ रुपये के गबन का आरोप.लीलावती ट्रस्ट ने RBI और ED से कार्रवाई की मांग की.बैंक ने आरोपों को झूठा और दुर्भावनापूर्ण बताया.नई दिल्ली. बांद्रा में लीलावती अस्पताल का प्रबंधन संभालने वाले लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) को पत्र लिखकर एचडीएफसी बैंक के एमडी और सीईओ शशिधर जगदीशन को तत्काल निलंबित करने और उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू करने की मांग की है. NDTV प्रॉफिट की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रस्ट ने बैंक पर 25 करोड़ रुपये के गबन में संलिप्त होने का आरोप लगाया है. ट्रस्ट के सदस्यों ने कहा कि वे मुंबई मजिस्ट्रेट कोर्ट के जगदीशन और अन्‍य के खिलाफ FIR  दायर करने के आदेश के आधार पर ये कार्रवाई चाहते हैं.

5 जून को भेजे गए पत्र में ट्रस्ट ने आरोप लगाया कि बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों ने एक संदिग्ध प्रॉपर्टी डील के जरिए 25 करोड़ रुपये की हेराफेरी में मदद की. ट्रस्ट के अनुसार बैंक ने इस लेन-देन में कई ‘रेड अलर्ट’ के बावजूद कार्रवाई नहीं की और बिना उचित जांच के संबंधित खाता बंद कर दिया. मुंबई की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 30 मई को बांद्रा पुलिस को शशिधर जगदीशन सहित आठ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे.

बैंक बोला, आरोप झूठे

इस पूरे मामले पर एचडीएफसी बैंक ने सफाई दी है. बैंक के प्रवक्ता ने कहा, “एचडीएफसी बैंक के एमडी और सीईओ सशिधर जगदीशन को कुछ गलत इरादों वाले लोग निशाना बना रहे हैं, जो बैंक से बकाया ऋण की वसूली को रोकने के लिए कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रहे हैं. लीलावती ट्रस्ट द्वारा लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद और दुर्भावनापूर्ण हैं. हम इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हैं.”

प्रवक्ता ने आगे कहा कि ट्रस्टी प्रशांत मेहता और उनके परिवार पर बैंक का बड़ा बकाया है, जिसकी अदायगी अब तक नहीं हुई है. पिछले दो दशकों में बैंक ने इसके लिए हर स्तर पर वसूली की कोशिश की है. सुप्रीम कोर्ट सहित हर स्तर पर असफल रहने के बाद अब ट्रस्ट ने बैंक और उसके सीईओ के खिलाफ निजी हमले शुरू कर दिए हैं ताकि वसूली के प्रयासों में बाधा डाली जा सके.

क्‍या हैं जगदीशन के खिलाफ आरोप

30 मई को मुंबई मजिस्ट्रेट कोर्ट ने बांद्रा पुलिस स्टेशन को जगदीशन और सात अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा था. जगदीशन पर आरोप है कि ट्रस्ट के एक पूर्व सदस्य ने उन्हें एक अन्य मौजूदा सदस्य के पिता को परेशान करने के लिए 2.05 करोड़ रुपये दिए थे. इस लेन-देन को हाथ से लिखी डायरी में दर्ज किया गया था. डायरी को सबूत को तौर पर कोर्ट में पेश किया गया था.

कहां से शुरू हुआ विवाद

लीलावती अस्पताल से जुड़े इस विवाद की जड़ें करीब दो दशक पुरानी हैं. 1997 में इस अस्पताल की स्थापना किशोर मेहता ने करवाई थी. शुरुआती वर्षों में ट्रस्ट और अस्पताल का संचालन भी उन्हीं के नेतृत्व में हुआ. हालांकि, विवाद की शुरुआत तब हुई जब 2002-03 के दौरान किशोर मेहता के भाई विजय मेहता के परिवार के सदस्यों को ट्रस्ट के बोर्ड में शामिल किया गया.

आरोप है कि इस दौरान विजय मेहता के परिवार ने बोर्ड के अन्य सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर कर ट्रस्ट पर नियंत्रण हासिल कर लिया. उस समय किशोर मेहता विदेश में अपना इलाज करा रहे थे. बाद में यह मामला कानूनी लड़ाई में तब्दील हो गया. अब किशोर और विजय मेहता, दोनों भाइयों का निधन हो चुका है, लेकिन ट्रस्ट और अस्पताल के नियंत्रण को लेकर विवाद लगातार जारी है.
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