US DIA Report On India-China: भारत की विदेश और रक्षा नीति लंबे समय से पाकिस्तान केंद्रित रही है, लेकिन अमेरिकी रक्षा इंटेलिजेंस एजेंसी (DIA) की ताज़ा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अब भारत चीन को अपना मुख्य राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी मानता है. रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान को अब केवल एक एंसीलरी (सहायक) खतरा समझा जा रहा है. DIA की रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है, “प्रधानमंत्री मोदी की रक्षा प्राथमिकताएं अब वैश्विक नेतृत्व, चीन का मुकाबला और भारत की सैन्य ताकत को बढ़ाने पर केंद्रित हैं. यह रणनीति केवल युद्ध की तैयारी नहीं, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक शक्ति संतुलन को आकार देने की दिशा में है.”
रिपोर्ट में मई 2025 के भारत-पाकिस्तान सैन्य टकराव और पहलगाम हमले जैसे घटनाओं का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि “पाकिस्तान की भूमिका क्षेत्रीय अस्थिरता में बनी हुई है, लेकिन भारत की असली रणनीतिक तैयारी चीन को लेकर हो रही है. यह स्थिति भारत की रक्षा नीतियों के रुख में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाती है. चीन के साथ भारत का सीमा विवाद वर्षों से चला आ रहा है, विशेषकर लद्दाख क्षेत्र में. भले ही अक्टूबर 2024 में डिसइंगेजमेंट पर समझौता हुआ हो, लेकिन विवाद समाप्त नहीं हुआ है. यह सिर्फ एक रणनीतिक विराम है.”
भारत की रक्षा कूटनीति और चीन को संतुलित करने की योजना
भारत अपनी ‘मेड इन इंडिया’ नीति को 2025 में और तेजी से लागू कर रहा है, जिससे हथियार निर्माण में आत्मनिर्भरता बढ़े और विदेशी आपूर्ति श्रृंखलाओं की निर्भरता कम हो. इसके साथ ही भारत हिंद महासागर क्षेत्र और इंडो-पैसिफिक में सैन्य अभ्यास, प्रशिक्षण, हथियारों की बिक्री और सूचना साझेदारी के जरिए क्षेत्रीय साझेदारियों को मजबूत कर रहा है. QUAD, ASEAN और अन्य बहुपक्षीय समूहों में भारत की सक्रियता इस रणनीति का हिस्सा है, जिससे चीन के प्रभाव को कम करना और भारत की नेतृत्व भूमिका को बढ़ाने में मदद मिलेगी.
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