नई दिल्ली. पिछले सप्ताह 19 से 23 मई तक भारतीय शेयर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला, और शुक्रवार को मार्केट बढ़त के साथ बंद हुए. अब निवेशकों की नजरें कल से शुरू होने वाले नए कारोबारी सप्ताह और मंथली एक्सपायरी पर होगी. इस सप्ताह बाजार की दिशा कई बड़े इवेंट तय करेंगे. इनमें अहम आर्थिक आंकड़ों का ऐलान, ग्लोबल संकेत और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की गतिविधियों से तय होगी. मार्केट एनालिस्ट ने यह उम्मीद जताई है. रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘ वैश्विक और घरेलू घटनाक्रमों की वजह से बीते सप्ताह स्थानीय शेयर बाजार का प्रदर्शन सुस्त रहा है. ग्लोबल फ्रंट पर अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी और अमेरिका के बढ़ते कर्ज के बोझ को लेकर चिंताओं के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की निकासी बढ़ी. इससे भारत सहित अन्य उभरते बाजारों पर दबाव पड़ा.’’
इन आंकड़ों पर रहेगी नजर
इस सप्ताह 28 मई को भारत के अप्रैल के इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन और मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्शन के आंकड़े आने हैं. इसके अलावा, सप्ताह के दौरान 30 मई को जीडीपी वृद्धि दर के आंकड़े भी आने हैं. इससे भारतीय अर्थव्यवस्था की सुधार की स्थिति के बारे में जानकारी मिलेगी. मिश्रा ने कहा कि इसके अलावा मानसून की प्रगति पर जानकारी भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेगी.
उन्होंने कहा कि ग्लोबल फ्रंट पर अमेरिकी बॉन्ड बाजार के घटनाक्रम, फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक के ब्योरे और अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता से भी बाजार के सेंटिमेंट प्रभावित होंगे.
एक्सपायरी और अर्निंग सीजन की होगी समाप्ति
इसेक अलावा, मई के डेरिवेटिव कॉन्ट्रेक्ट के सेटलमेंट और कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजों के अंतिम दौर का भी बाजार पर प्रभाव पड़ेगा. सप्ताह के दौरान बजाज ऑटो, अरविंदो फार्मा और आईआरसीटीसी जैसी बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे आने हैं.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में एसेट मैनेजमेंट के हेड-रिसर्च, सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘आगे बाजार का रुख मजबूत रहने की उम्मीद है. बड़े आर्थिक आंकड़े और कंपनियों तिमाही नतीजे बाजार को समर्थन प्रदान करेंगे. निवेशकों की निगाह इस सप्ताह जारी होने वाले इन आंकड़ों पर रहेगी. सप्ताह के दौरान भारत और अमेरिका के जीडीपी वृद्धि के आंकड़े भी आने हैं.’’
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार को रिकॉर्ड 2.69 लाख करोड़ रुपये का लाभांश देने की घोषणा की है, जो 2023-24 की तुलना में 27.4 प्रतिशत अधिक है, इससे सरकारी खजाने को अमेरिकी शुल्क और पाकिस्तान के साथ संघर्ष के कारण रक्षा खर्च में हुई वृद्धि से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी.
विश्लेषकों का कहना है कि इस सप्ताह बाजार के भागीदार सबसे पहले रिजर्व बैंक द्वारा सरकार को 2.69 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड डिविडेंड ट्रांसफर पर प्रतिक्रिया देंगे. लेमन मार्केट्स डेस्क के विश्लेषक गौरव गर्ग ने कहा, ‘‘अमेरिकी अर्थव्यवस्था, विदेशी निवेश प्रवाह और व्यापार वार्ताओं को लेकर जारी अनिश्चितता को देखते हुए भारतीय बाजार में निकट भविष्य में एकीकरण का दौर देखने को मिल सकता है.’’
जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, ‘‘निवेशकों का ध्यान अब अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता और मजबूत घरेलू वृहद आर्थिक संकेतकों पर है. हालांकि, बढ़ते अमेरिकी कर्ज को लेकर चिंताओं के बीच बढ़ते अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल के कारण एफआईआई की हालिया निकासी से बाजार की धारणा पर असर पड़ सकता है.’’
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