ट्रंप ने NSC से जुड़े 100 अधिकारियों को रातों-रात किया फायर, आखिर क्यों लिया ये फैसला, जानिए

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Donald Trump fires NSC Officials: राष्ट्रीय सुरक्षा को चुस्त-दुरुस्त करने के इरादे से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल (NSC) में तैनात 100 अधिकारियों को हटाने का फैसला लिया है. अमेरिका में डीप-स्टेट को खत्म करने पर उतारू ट्रंप के मौजूदा फैसले को (कार्यवाहक) NSA मार्को रूबियो ने अंजाम दिया है.

जानकारी के मुताबिक, जिन 100 अधिकारियों को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े परिषद से हटाया गया है, वे सभी इंडो-पैसिफिक, ईरान और यूक्रेन से जुड़ी डेस्क पर तैनात थे. इंडो-पैसिफिक में भारत और चीन से लेकर पूरा दक्षिण-पूर्व एशिया शामिल है. हाल के दिनों में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए मिलिट्री टकराव (और सीजफायर) में टांग अड़ाने को लेकर ट्रंप प्रशासन की जमकर आलोचना की गई है. 

ट्रंप ने वाहवाही के लिए भारत-पाक के बीच युद्धविराम का क्रेडिट लिया

ऑपरेशन सिंदूर के 4 दिनों के भीतर ही 10 मई को ट्रंप ने अचानक भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध-विराम का ऐलान कर दिया था. बाद में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया था कि भारत और पाकिस्तान, ट्रंप से टकराव (और युद्ध-विराम) को लेकर सामान्य बातचीत कर रहे थे. लेकिन वाहवाही लूटने के लिए ट्रंप ने युद्धविराम के लिए खुद क्रेडिट ले लिया था.

रूस-यूक्रेन युद्ध और ईरान के साथ भी ट्रंप ने पलट दी थी नीति

रूस-यूक्रेन युद्ध में ट्रंप ने अमेरिका की भूमिका अचानक पलट दिया है. ट्रंप ने रूस के खिलाफ यूक्रेन को हथियार और वित्तीय सहायता पूरी तरह बंद कर दी है. जबकि पिछले तीन साल से रूस के खिलाफ युद्ध को जारी रखने में अमेरिका ने यूक्रेन की जमकर मदद की थी. लेकिन ट्रंप ने अमेरिका की कमान संभालते ही पूर्ववर्ती राष्ट्रपति जो बाइडेन की यूक्रेन नीति को पूरी तरह बदल दिया है. ट्रंप को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का करीबी भी माना जाता है.

वहीं, ईरान के साथ भी ट्रंप प्रशासन ने बाइडेन की नीति को बदलते हुए वार्ता शुरू कर दी है. इन दिनों दोनों देशों के वार्ताकार इटली की राजधानी रोम में बैठक कर रहे हैं.

ट्रंप ने नए NSA को कुछ ही हफ्तों में चलता किया

अपनी दूसरी पारी में यूएस प्रशासन की जिम्मेदारी संभालने के महज कुछ हफ्तों के भीतर ही ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) माइक वाल्ट्ज को चलता कर दिया था. वाल्ट्ज पर मिडिल ईस्ट में चल रहे ऑपरेशन की जानकारी सोशल मीडिया ऐप सिग्नल पर एक ग्रुप के जरिए लीक करने का आरोप था. इस ग्रुप में वॉल्ट्ज ने एक पत्रकार को भी गलती से जोड़ लिया था.

विदेश मंत्री को मिला NSA का अतिरिक्त प्रभार

वाल्ट्ज को NSA के बेहद महत्वपूर्ण पद से हटाने के बाद, ट्रंप ने ये जिम्मेदारी विदेश सचिव मार्को रुबियो को सौंप दी थी. ऐसे में रूबियो ही फिलहाल, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का अतिरिक्त भार संभाल रहे हैं.

ट्रंप की कार्रवाई के पीछे डीप स्टेट माना जा रहा कारण

अब एनएसए के अधीन ऑफिस में तैनात 100 अधिकारियों को रातों-रात हटाने का कारण डीप-स्टेट माना जा रहा है. ट्रंप का आरोप है कि बाइडेन प्रशासन को डीप-स्टेट चला रहा था. ऐसे में डीप-स्टेट से जुड़े अधिकारियों को महत्वपूर्ण पदों से हटाना बेहद जरूरी है. उल्लेखनीय है कि संयुक्त राज्य अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) में करीब 300 अधिकारी हैं. ट्रंप प्रशासन इस संख्या को 50 तक ले जाने की तैयारी कर रहा है.

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