इतने ज्यादा डॉलर क्यों खरीद रहा RBI, मार्च में तो लगा दिया ढेर

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Last Updated:May 23, 2025, 11:24 ISTमार्च में भारतीय रिजर्व बैंक ने 14.4 बिलियन डॉलर की शुद्ध खरीदारी की, जो जून 2021 के बाद सबसे बड़ी है. केंद्रीय बैंक ने विदेशी मुद्रा बाजार में शुद्ध रूप से 14.4 बिलियन डॉलर खरीदे.मार्च महीने में, RBI ने कुल 41.5 बिलियन डॉलर खरीदे.हाइलाइट्समार्च में RBI ने 14.4 बिलियन डॉलर खरीदे.इससे भारतीय रुपया 2.3% मजबूत हुआ.RBI का फॉरेक्स रिजर्व 691 बिलियन डॉलर है.नई दिल्‍ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मार्च में डॉलर की जमकर खरीदारी की और यही वजह रही की केद्रीय बैंक की विदेशी मुद्रा बाजार में मासिक शुद्ध खरीदारी चार साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई. केंद्रीय बैंक ने बैंकिंग प्रणाली में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए फॉरेक्स स्वैप किए. जनवरी से मार्च के बीच आरबीआई  ने तीन डॉलर-रुपये खरीद-बिक्री स्वैप किए, जिनकी कुल राशि 25 बिलियन डॉलर थी. इस प्रकार के स्वैप में, केंद्रीय बैंक रुपये के बदले डॉलर खरीदता है. इन तीन नीलामियों में से दो नीलामियों की राशि 10-10 बिलियन डॉलर थी, जो मार्च में पूरी की गई.

भारतीय रिजर्व बैंक  द्वारा जारी मासिक बुलेटिन के अनुसार, मार्च में केंद्रीय बैंक ने विदेशी मुद्रा बाजार में शुद्ध रूप से 14.4 बिलियन डॉलर खरीदे, जबकि फरवरी में 1.6 बिलियन डॉलर की शुद्ध बिक्री की गई थी. यह जून 2021 के बाद की सबसे बड़ी शुद्ध खरीद है. मार्च महीने में, RBI ने कुल 41.5 बिलियन डॉलर खरीदे और 27.2 बिलियन डॉलर बेचे. इसी दौरान भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 2.3% मजबूत हुआ.

फॉरवर्ड सेल में गिरावट

मार्च के अंत तक आरबीआई की शुद्ध अग्रिम बिक्री (forward sales) घटकर 84.4 बिलियन डॉलर रह गई, जो फरवरी में 88.7 बिलियन डॉलर थी. अग्रिम बुक में गिरावट दर्शाती है कि RBI को डॉलर शॉर्ट पोजिशन को या तो रोल ओवर करना होगा या न्यूट्रलाइज करना होगा, ताकि बैंकिंग प्रणाली की तरलता पर असर न पड़े.

IDFC फर्स्ट बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री गौरा सेन गुप्ता ने बताया, “अगर मार्च में RBI ने 20 बिलियन डॉलर का स्वैप नहीं किया होता तो शुद्ध आंकड़ा नकारात्मक (शुद्ध बिक्री) होता.” उन्होंने आगे कहा कि विदेशी मुद्रा बाजार में RBI का हस्तक्षेप सीधे बैंकिंग प्रणाली की तरलता को प्रभावित करता है. उन्होंने कहा कि चूंकि RBI अभी भी रेपो दर में कटौती के असर को प्रणाली में पहुंचाने पर केंद्रित है, इसलिए यह संभावना नहीं है कि वह अग्रिम बुक में बहुत बड़ी कटौती करेगा, हालांकि पूंजी प्रवाह के आधार पर इसमें मामूली कमी आ सकती है.

बेचने पड़ सकते हैं डॉलर

विशेषज्ञों के अनुसार, जब ये डॉलर शॉर्ट पोजिशन परिपक्व होती हैं तो आरबीआई को रुपये के बदले डॉलर बेचना होगा, जिससे रुपये की तरलता घट सकती है और विदेशी मुद्रा भंडार पर भी असर पड़ेगा. फिलहाल आरबीआई का फॉरेक्स रिजर्व 691 बिलियन डॉलर है, जो सितंबर 2023 के उच्चतम स्तर 704.9 बिलियन डॉलर से नीचे है.
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