दुनिया में टेक्नोलॉजी के सबसे ताकतवर देश माने जाने वाले अमेरिका की साइबर सुरक्षा पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं. ताजा मामले में हैकर्स ने एक बेहद खास सरकारी मैसेजिंग ऐप TeleMessage को अपना निशाना बना लिया है. यह कोई आम चैटिंग ऐप नहीं है, बल्कि अमेरिकी सरकारी अधिकारियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक सुरक्षित मैसेजिंग सर्विस है, जिसे खासतौर पर संवेदनशील बातचीत के लिए तैयार किया गया था.
लेकिन अब उसी ऐप को हैक कर लिया गया है और इसके जरिए अमेरिका के कई उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों की बातचीत लीक हो गई है. इस घटना ने अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा पर गहरी चिंता पैदा कर दी है.
कौन-कौन आए चपेट में?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस हैक में 60 से ज्यादा अमेरिकी सरकारी अधिकारियों की पहचान उजागर हुई है. इनमें आपदा प्रबंधन से जुड़े कर्मियों से लेकर कस्टम विभाग, राजनयिक, व्हाइट हाउस के एक कर्मचारी और यहां तक कि सीक्रेट सर्विस के एजेंट तक शामिल हैं.
हैक किए गए डेटा में 3 से 4 मई के बीच के मैसेज शामिल हैं, जो अब सार्वजनिक हो चुके हैं. कुछ मामलों में संबंधित लोगों ने खुद इन मैसेजेस की पुष्टि भी की है. यानी यह साफ है कि मामला सिर्फ अफवाहों तक सीमित नहीं है, बल्कि हकीकत में अमेरिका की सुरक्षा दीवार में बड़ी सेंध लग चुकी है.
किस तरह की जानकारी हुई लीक?
हालांकि हैक हुए डेटा में राष्ट्रपति या शीर्ष अधिकारियों की बहुत गोपनीय बातचीत सामने नहीं आई है, लेकिन कई ऐसे मैसेज जरूर मिले हैं जो सरकारी दौरों और योजनाओं से जुड़े हैं. उदाहरण के लिए, ‘POTUS | ROME-VATICAN | PRESS GC’ नामक एक चैट ग्रुप का जिक्र सामने आया है, जो संभवतः वेटिकन दौरे से जुड़ा था. इसके अलावा, एक अन्य ग्रुप में जॉर्डन यात्रा की योजनाओं की चर्चा की गई थी.
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हैकर्स के हाथ ऐसे सुराग लगे हैं जो भविष्य की सरकारी गतिविधियों और योजनाओं से जुड़ी अहम जानकारी उजागर कर सकते हैं.
कंपनी और सरकार की प्रतिक्रिया
TeleMessage ऐप की सेवा को फिलहाल 5 मई से बंद कर दिया गया है. ऐप को मैनेज करने वाली कंपनी Smarsh ने अब तक इस हैकिंग पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है. हालांकि अमेरिकी सरकार के कई विभाग, जैसे कि व्हाइट हाउस, स्टेट डिपार्टमेंट, सीक्रेट सर्विस, FEMA और कस्टम्स, ने इस साइबर हमले की पुष्टि कर दी है और जांच शुरू कर दी गई है.
अमेरिका की साइबर सुरक्षा एजेंसी CISA ने सभी यूजर्स को चेतावनी दी है कि जब तक पूरी जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक TeleMessage ऐप का इस्तेमाल बंद कर दें.
क्या है इस हमले का मतलब?
यह घटना सिर्फ एक ऐप के हैक होने की नहीं है, बल्कि यह उस भरोसे की नींव को हिला देती है जिस पर सरकार की संवेदनशील संचार प्रणाली टिकी होती है. टेक्नोलॉजी में सबसे आगे रहने वाले अमेरिका की साइबर दीवार में इस तरह की सेंध लगना दिखाता है कि कोई सिस्टम पूरी तरह सुरक्षित नहीं है अब देखने वाली बात होगी कि जांच में यह सामने आता है कि इस हमले के पीछे किसका हाथ है और अमेरिकी सरकार इसे रोकने के लिए आगे क्या कदम उठाती है.
यह साइबर हमला सिर्फ अमेरिका के लिए ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के उन देशों के लिए भी चेतावनी है जो डिजिटल कम्युनिकेशन पर निर्भर हैं. अगर सुरक्षा के इतने मजबूत इंतज़ामों के बावजूद अमेरिका के सरकारी चैट सिस्टम को हैक किया जा सकता है, तो बाकी देशों की तैयारी कितनी मजबूत है, इस पर भी सवाल खड़े होते हैं.
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