अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘गोल्डन डोम’ नाम की एक नई और महत्वाकांक्षी मिसाइल रक्षा प्रणाली की घोषणा की है. व्हाइट हाउस से बोलते हुए ट्रंप ने बताया कि यह सिस्टम अमेरिका को दुश्मन देशों के मिसाइल हमलों से बचाने के लिए तैयार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह योजना अमेरिका को अंतरिक्ष से आने वाले खतरों से भी सुरक्षित रखेगी और इसे दुनिया की सबसे आधुनिक मिसाइल डिफेंस प्रणाली के रूप में तैयार किया जाएगा.
डोनाल्ड ट्रंप ने इसके साथ ही कहा कि यह अत्याधुनिक हथियार उनके राष्ट्रपति रहते हुए चालू हो जाएगा. ट्रंप ने कहा, ‘चुनाव अभियान में मैंने अमेरिकी जनता से वादा किया था कि मैं एक अत्याधुनिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम बनाऊंगा. आज, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हमने इस अत्याधुनिक सिस्टम के लिए आर्किटेक्चर का चयन कर लिया है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘पूरी तरह से बन जाने के बाद गोल्डन डोम दुनिया के किसी भी कोने से लॉन्च की गई मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम होगा, चाहे वे अंतरिक्ष से ही क्यों न लॉन्च की गई हों.’
गोल्डन डोम क्या है?
यह गोल्डन डोम जमीन और अंतरिक्ष दोनों में आधारित होगी. इसे मिसाइलों का पता लगाने, ट्रैक करने और उन्हें नष्ट करने के लिए डिजाइन किया जाएगा, जिसमें लॉन्च से पहले या हवा में रहते हुए उन्हें नष्ट करना शामिल है. ट्रंप ने कहा, “यह भूमि, समुद्र और अंतरिक्ष में अगली पीढ़ी की तकनीकों को तैनात करेगा, जिसमें अंतरिक्ष-आधारित सेंसर और इंटरसेप्टर शामिल हैं.’
ये गोल्डन डोम बिल्कुल वैसा ही होगा जैसा आपने साइंस फिक्शन फिल्म स्टार वार्स में देखा था. इस प्रोजेक्ट के तहत पहली बार अंतरिक्ष में हथियार तैनाती की जाएंगे. इस डिफेंस सिस्टम में सैटेलाइट्स, स्पेस-बेस्ड सेंसर और इंटरसेप्टर लगाए जाएंगे, जो दुनिया के किसी भी कोने से आने वाली मिसाइलों को रास्ते में ही नष्ट कर देंगे. ट्रंप ने कहा कि यह योजना पूरी तरह से तैयार होने के बाद अमेरिका की सुरक्षा को एक नया आयाम देगी.
रोनाल्ड रीगन ने 40 साल पहले देखा था सपना
यह प्रोजेक्ट आंशिक रूप से इजरायल की ‘आयरन डोम’ मिसाइल डिफेंस सिस्टम से प्रेरित है, जिसने इजरायल को मिसाइल और रॉकेट हमलों से काफी हद तक सुरक्षित रखा है. ट्रंप ने कहा कि वे उस सपने को साकार करने जा रहे हैं, जिसे 40 साल पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने देखा था, लेकिन उस समय तकनीक की कमी के कारण वह सपना पूरा नहीं हो सका.
175 अरब डॉलर खर्च होने का दावा
ट्रंप का कहना है कि गोल्डन डोम सिस्टम उनके कार्यकाल के अंत तक, यानी तीन साल के भीतर तैयार हो जाएगा. उन्होंने इसका कुल खर्च करीब 175 अरब डॉलर बताया, जबकि अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ अंतरिक्ष आधारित हिस्से की लागत ही 542 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है.
फिलहाल इस प्रोजेक्ट के लिए जरूरी फंडिंग अभी तय नहीं हुई है. ट्रंप चाहते हैं कि इसके लिए चल रहे टैक्स बिल में से 25 अरब डॉलर मंजूर किए जाएं, लेकिन यह प्रस्ताव अभी कांग्रेस में विचाराधीन है. इसके अलावा तीन अलग-अलग स्तरों की योजना भी तैयार की गई है- मध्यम, उच्च और अति उच्च. ट्रंप ने इनमें से ‘उच्च’ विकल्प चुना है, जिसकी शुरुआती लागत 30 से 100 अरब डॉलर के बीच हो सकती है.
मस्क के नाम पर विवाद
इस प्रोजेक्ट में स्पेसएक्स जैसी निजी कंपनियों की भागीदारी को लेकर भी विवाद हो रहा है. डेमोक्रेटिक सांसदों ने एलन मस्क की कंपनी के शामिल होने पर चिंता जताई है और इसकी जांच की मांग की है. उनका कहना है कि मस्क ट्रंप के करीबी हैं और पहले भी उनके चुनाव अभियान में बड़ा योगदान दे चुके हैं, इसलिए गोल्डन डोम की बोली प्रक्रिया में हितों के टकराव की आशंका है.
हालांकि ट्रंप ने किसी कंपनी का नाम नहीं लिया, लेकिन यह जरूर कहा कि इस योजना से अलास्का, फ्लोरिडा, इंडियाना और जॉर्जिया जैसे राज्यों में उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने यह भी कहा कि कनाडा इस परियोजना में भागीदारी के लिए संपर्क कर चुका है और उनसे इस पर बातचीत होगी.
रूस-चीन ने किया विरोध
इस महीने की शुरुआत में रूस और चीन ने गोल्डन डोम प्रोजेक्ट की कड़ी आलोचना करते हुए इसे ‘गंभीर रूप से अस्थिरता’ लाने वाला बताया था. उन्होंने चेतावनी दी कि यह अंतरिक्ष को ‘मैदान ए जंग’ में बदल सकता है.
दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद क्रेमलिन की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि यह प्रोजेक्ट ‘साफ तौर से अंतरिक्ष में जंग छेड़ने के लिए शस्त्रागार को मजबूत करने का प्रावधान करती है.’
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