सवाई माधोपुर की मानटाउन थाना पुलिस ने एक लुटेरी दुल्हन की तलाश में मध्य प्रदेश के भोपाल से एक महिला को गिरफ्तार किया है। महिला का नाम अनुराधा पासवान है। आरोप है कि महिला फर्जी शादी करके लोगों से लाखों रुपये की ठग कर फरार हो जाती थी। अनुराधा पासवान अब तक करीब 25 व्यक्तियों से इसी तरह फर्जी विवाह रचाकर लाखों की ठगी कर चुकी है। 23 साल की अनुराधा पासवान मूल रूप से यूपी के महाराजगंज जिले के कोल्हुई बाजार की रहने वाली है। वर्तमान में वो भोपाल में रह रही है। पुलिस आरोपी से पूछताछ करने में जुटी हुई है।
जानकारी के अनुसार लुटेरी दुल्हन अनुराधा पासवान अब तक 25 शादियां कर चुकी है और हर बार शादी होने के कुछ दिन बाद ही फरार हो जाती थी। बड़ी बात ये है कि इस महिला के खिलाफ अब तक मात्र एक केस सवाईमाधोपुर के मानटाउन थाने में मामला दर्ज हुआ है।
मानटाउन थाने के एएसआई मीठा लाल यादव ने बताया कि 3 मई को मानटाउन आईएचएस कॉलोनी निवासी विष्णु शर्मा ने थाने में शिकायत दर्ज कराई कि आरोपी सुनीता निवासी खण्डवा मध्य प्रदेश और पप्पू मीना निवासी खेडला ने मन पसंद दुल्हन से विवाह करवाने के आश्वासन दिया था। इसके बाद उसे अनुराधा का फोटो दिखाकर उससे संपर्क कराया। आरोपियों ने न्यायालय परिसर सवाई माधोपुर में इकरारनामा तैयार करवाकर दो लाख रुपये की राशि प्राप्त कर 20 अप्रैल को विवाह करवा दिया। इसके बाद अनुराधा 2 मई की रात घर से जेवर, नकदी और मोबाइल फोन लेकर फरार हो गई। अनुराधा ने विष्णु शर्मा के घर से फरार होने के बाद गब्बर निवासी काला पीपल पन्ना खेड़ी भोपाल से 2 लाख रुपये लेकर पुनः विवाह कर उसके साथ रह रही थी।
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बोगस ग्राहक बनकर पहुंची पुलिस
पुलिस ने लुटेरी दुल्हन को बोगस ग्राहक बनकर पकड़ने में सफलता हासिल की है। रिपोर्ट दर्ज होने पर थानाधिकारी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। टीम को अनुराधा के भोपाल होने की सूचना मिली। इसके बाद टीम भोपाल पहुंची और अनुराधा की तलाश शुरू की। ASI ने अपनी टीम के एक कांस्टेबल को बोगस ग्राहक बनाया। कांस्टेबल के लिए लड़की की तलाश शुरू की गई। इस दौरान एक दलाल ने महिलाओं की फोटो दिखाई, जिसमें आरोपी अनुराधा भी शामिल थी। इसके बाद पुलिस ने अनुराधा पासवान को गिरफ्तार कर लिया।
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ऐसे बनाते थे लोगों को शिकार
भोपाल में फर्जी विवाह करवाने वाले गिरोह के सदस्य रोशनी, सुनीता, रघुवीर, गोलू और अर्जन ग्राहकों से सम्पर्क करते थे। यह लोग फर्जी स्थानीय ऐजेंटो के माध्यम से विवाह के इच्छुक व्यक्तियों से सम्पर्क कर मोबाइल के माध्यम से फोटो दिखाते थे। दुल्हन पसंद आने पर रुपये की डिमांड करते थे। यह गिरोह विवाह के इच्छुक लोगों से 2 से 5 लाख रुपये तक में सौदा तय करते थे। उन्हें विश्वास दिलवाकर फर्जी तरीके से नाम पता बताते हुए एग्रीमेंट कर विवाह करवाते। इसके बाद लुटेरी दुल्हन विवाह के कुछ दिन बाद मौका मिलते ही फरार हो जाती।