एक छोटी सी गलती और 4 करोड़ बर्बाद, यूएस में भारतीय आम ठुकराए जाने की वजह है ये

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नई दिल्ली. भारत से अमेरिका को आम (Mangoes) का निर्यात इस साल शानदार बढ़त के साथ दर्ज किया गया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2023-24 में अमेरिका को आम के निर्यात में 130 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. खास बात यह है कि मई की शुरुआत में मुंबई स्थित एक प्रमुख इर्रैडिएशन (radiation treatment) केंद्र में तकनीकी गड़बड़ी के बावजूद यह व्यापार सामान्य रहा और निर्यात की प्रक्रिया जल्दी ही पटरी पर लौट आई.

मुंबई का यह केंद्र अमेरिका को जाने वाले सबसे ज्यादा आमों को ट्रीट करता है. 8 और 9 मई को यहां ट्रीटमेंट डेटा रिकॉर्डिंग में एक गड़बड़ी हो गई थी, जिसकी वजह से अमेरिकी अधिकारियों ने 12 (कई रिपोर्ट्स के अनुसार 15) आम की खेपों (consignments) को रिजेक्ट कर दिया था. इस खेप की कुल कीमत 4 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही थी. हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि यह गड़बड़ी अब पूरी तरह से ठीक कर ली गई है और 10 मई से सभी प्रक्रिया सामान्य रूप से चल रही है.

सख्त प्रक्रिया के तहत होता है निर्यात

भारत से अमेरिका को आम का निर्यात ‘कोऑपरेटिव सर्विस एग्रीमेंट’ के तहत किया जाता है, जो APEDA (एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी) और अमेरिकी USDA (यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर) के बीच समझौते पर आधारित है. इसके तहत केवल पंजीकृत बागानों से आम खरीदे जाते हैं, जिन्हें सरकारी मान्यता प्राप्त पैकहाउस में छांटा और ग्रेड किया जाता है, फिर गर्म पानी से फफूंदनाशक ट्रीटमेंट दिया जाता है और अंत में उन्हें रेडिएशन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.

वर्तमान में देश में USDA द्वारा स्वीकृत ऐसे तीन इर्रैडिएशन केंद्र हैं. मुंबई स्थित केंद्र इनमें से सबसे व्यस्त माना जाता है. हर केंद्र को मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के अनुसार ही चलाना अनिवार्य है ताकि किसी भी तरह की कीट समस्या को दूर किया जा सके.

आंकड़ों में दिखा भारत की ताकत

वित्त वर्ष 2024-25 के पहले अग्रिम अनुमान के मुताबिक भारत ने लगभग 2.26 करोड़ मीट्रिक टन आमों का उत्पादन किया है, जो पिछले साल से 9% अधिक है. भारत अब भी दुनिया का सबसे बड़ा आम उत्पादक देश बना हुआ है और वैश्विक उत्पादन का 43% भारत में होता है. देश के प्रमुख आम उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश (27%) और आंध्र प्रदेश हैं, जिनके बाद बिहार, कर्नाटक और गुजरात का स्थान आता है.

निर्यात में रिकॉर्ड बढ़त

भारत इस समय दुनिया का छठा सबसे बड़ा आम निर्यातक देश है. ताजा आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 में जहां भारत ने 36.22 मिलियन डॉलर के आम निर्यात किए थे, वहीं 2023-24 में यह आंकड़ा 66% बढ़कर 60.14 मिलियन डॉलर हो गया है. फिलहाल भारत 48 देशों को आम निर्यात करता है. सबसे बड़े खरीदारों में संयुक्त अरब अमीरात (31%) और अमेरिका (23%) शामिल हैं. अमेरिका को भेजे जाने वाले आमों के निर्यात मूल्य में 2022-23 की तुलना में 2023-24 में 130% की जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है – यानी 4.36 मिलियन डॉलर से बढ़कर यह 10.01 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया. इसके अलावा एक मीट्रिक टन आम पर मिलने वाला औसत मूल्य भी 2019-20 में 1130 डॉलर से बढ़कर 2024-25 में 1846 डॉलर हो गया है.

सरकार ने उठाए कई कदम

सरकार ने आम के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई अहम पहल की हैं, जैसे समुद्री मार्गों के लिए प्रोटोकॉल तैयार करना, किसानों और निर्यातकों को प्रशिक्षित करना, वैश्विक ब्रांडिंग अभियान चलाना और बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाना. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इसी तरह गुणवत्ता और प्रक्रिया का ध्यान रखा गया तो भारत आने वाले वर्षों में आम के निर्यात में शीर्ष पर पहुंच सकता है.

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