अग्नि पंचक क्या होता है ? जो कल से शुरू होगा, आग से जुड़े ये 3 काम करने की भूल न करें

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Agni Panchak 2025: ज्योतिष में 27 नक्षत्र होते है. शुरुआत अश्विनी से होती है तो अंतिम नक्षत्र रेवती होती है. चंद्रमा इन सभी नक्षत्रों में भ्रमण करता है, जब चंद्रमा अंतिम 5 नक्षत्र धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद और रेवती में होता है तो उस दौरान पंचक लगते हैं.

पंचक काल को शुभ नहीं माना जाता है. पंचक में किए गए कार्य जीवन में दुख, तकलीफ और परेशानी लाते हैं यही वजह है कि पंचक के 5 दिन किसी भी तरह का मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए. कुछ चीजों की खरीदारी करने की भी मनाही है क्योंकि ये संकट पैदा करती हैं.

अग्नि पंचक 2025 कब से कब तक

इस साल 20 मई 2025 को सुबह 7 बजकर 35 मिनट पर अग्नि पंचक शुरू हो रहे हैं और 24 मई को दोपहर 1.48 पर इसका समापन होगा.

अग्नि पंचक क्या होता है ?

मंगलवार को शुरू होने वाला पंचक अग्नि पंचक कहलाता है. इस पंचक में अग्नि का भय होता है. अग्नि पंचक में किसी भी तरह का निर्माण कार्य, औजार और मशीनरी कामों की शुरुआत करना अशुभ माना गया है. इनसे नुकसान हो सकता है.

अग्नि पंचक में आग से जुड़े ये काम न करें

  • अग्नि पंचक अग्नि तत्व की अधिकता को दर्शाता है. इस दौरान हवन, यज्ञ नहीं करना चाहिए, इससे अग्नि दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है.
  • अग्नि पंचक में लकड़ी, केरोसिन, पैट्रोल या कोई भी ज्वलनशील पदार्थ खरीदने से बचना चाहिए. इससे आग लगने का डर रहता है.
  • पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा करना अशुभ माना जाता है क्योंकि यह भगवान यमराज (मृत्यु के देवता) की दिशा है.

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