Last Updated:May 17, 2025, 08:16 ISTDefence Sector Growth : भारत के रक्षा क्षेत्र पर निवेशकों का भरोसा बढ़ता जा रहा है. खासकर ऑपरेशन सिंदूर के बाद निजी सेक्टर के निवेशकों का रुख भारतीय डिफेंस सेक्टर की ओर से बढ़ रहा है. सरकार भी रक्षा सेक्टर क…और पढ़ेंभारत के डिफेंस सेक्टर का निर्यात भी तेजी से बढ़ रहा है. हाइलाइट्सभारत के डिफेंस सेक्टर में निवेश बढ़ा.सरकार ने रक्षा बजट में वृद्धि की.रक्षा निर्यात में 174% की वृद्धि.नई दिल्ली. भारत ने पाकिस्तान पर मिसाइल और ड्रोन बरसाए थे और अब भारत के डिफेंस सेक्टर पर पैसा बरसना शुरू हो गया है. भारतीय हथियारों की ताकत और दुनिया में बढ़ती डिमांड को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि मानों डिफेंस सेक्टर निर्यात का नया विकल्प बनकर उभर रहा है. डिफेंस सेक्टर की बढ़ती इस ताकत और डिमांड का फायदा उठाने के लिए तमाम निवेशक पैसे लेकर खड़े हैं. प्राइवेट सेक्टर के निवेशकों ने भारत के डिफेंस सेक्टर में पैसे लगाने की पेशकश की है.
डिफेंस सेक्टर के विशेषज्ञों का कहना है कि जब आप रक्षा तकनीकों में निवेश करते हैं, तो 2-3 साल में रिटर्न की उम्मीद न करें. आपको कम से कम एक दशक तक अनुसंधान और विकास पर काम करना होगा. हर क्षेत्र में अगर 3,000 कंपनियां हैं, तो खरीदार के लिए इसमें से चुनाव करना मुश्किल हो जाता है. सभी कंपनियां आगे बढ़ती भी नहीं हैं, इसमें से कुछ ही सफल हो पाती हैं. जैसे आज 400 ड्रोन कंपनियां हैं, लेकिन इनमें से 20 से ज्यादा नहीं टिकने वाली हैं. जाहिर है कि निवेशकों को अपना विकल्प चुनते समय काफी ध्यान रखना होगा.
काफी महंगा रहता है आयातविशेषज्ञों का कहना है कि हमारे पास आज सब कुछ स्वदेशी रूप से उत्पादन करने की क्षमता नहीं है. नैनो ड्रोन के लिए हमने अमेरिका के एक स्टार्टअप के साथ सहयोग किया है. जब हम इजरायल से आयात करते हैं तो लागत 4 गुना बढ़ जाती है. लिहाजा इसे देश में ही बनाने की तैयारी है, ताकि खर्च को घटाया जा सके. अगर घरेलू डिफेंस सेक्टर को बढ़ाना है तो आपूर्ति पर विशेष जोर देना होगा. चूंकि ड्रोन और एंटी-ड्रोन तकनीकों का असर अब अच्छी तरह से साबित हो चुका है, जाहिर है कि इसमें निवेश बढ़ेगा. सार्वजनिक और निजी फंडिंग दोनों के लिए एक इंटरप्ले होना चाहिए. कुछ कंपनियां हैं जिन्होंने एक सप्ताह से भी कम समय में अपनी तकनीकों को साबित किया है.
सरकार ने भी बढ़ाया रक्षा बजटसरकार भी घरेलू नवाचार पर बड़ा दांव लगाती दिख रही है. रक्षा मंत्रालय के अनुसार, FY26 में रक्षा आधुनिकीकरण बजट का 75 फीसदी यानी करीब 1.11 लाख करोड़ रुपये रखा गया है. इसके अलावा घरेलू खरीद के लिए भी बड़ा बजट रखा है और इसमें निजी क्षेत्र के लिए विशेष रूप से 27,886 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. जाहिर है कि सरकार का जोर भी रक्षा क्षेत्र की मजबूती के साथ-साथ उसके विकास पर बढ़ रहा है.
निर्यात में भी तेज उछालरक्षा निर्यात भी घरेलू सेक्टर के विकास की कहानी को बताते हैं. FY25 में निजी क्षेत्र के निर्यात 15,233 करोड़ रुपये थे, सरकारी डिफेंस कंपनियों के निर्यात 8,389 करोड़ रुपये थे. कुल रक्षा उत्पादन में निजी क्षेत्र का योगदान भी 21 फीसदी तक बढ़ गया है और इसका कुल मूल्य 1.27 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया है, जो 2014-15 के स्तर से 174 फीसदी ज्यादा है.
रिसर्च पर बढ़ गया जोरसरकार रक्षा क्षेत्र में अनुसंधान को भी बढ़ावा दे रही है. यही वजह है कि DRDO का बजट आवंटन भी FY26 में 12.4 फीसदी बढ़ गया है, जिसमें पूंजीगत व्यय के लिए 14,923 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं. इसमें प्रौद्योगिकी विकास कोष (TDF) और iDEX पहल के माध्यम से निजी भागीदारों के साथ सहयोगी अनुसंधान और विकास शामिल है. इसके लिए सरकार ने 449 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो दो वर्षों में लगभग तीन गुना बढ़ गया है.
Pramod Kumar Tiwariप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि…और पढ़ेंप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि… और पढ़ेंभारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessदुधारू गाय बन रहा डिफेंस सेक्टर! ऑपरेशन सिंदूर के बाद निवेशकों की लगी लाइन
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